अमरीका और पश्चिमी यूरोप के लोग मान रहे, तीसरा विश्वयुद्ध अब करीब

अमरीका और पश्चिमी यूरोप के लोग मान रहे, तीसरा विश्वयुद्ध अब करीब

यूगव पोलः रूस के साथ तनाव को माना जा रहा प्रमुख कारण

लंदन/वाशिंगटन. विश्वयुद्ध की विभीषिका को भोग चुके अमरीका और पश्चिमी यूरोप के नागरिक एक बार फिर वैश्विक संघर्ष की आशंका से चिंतित हैं। यूगव संस्था की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ से पहले कराए गए सर्वे में बड़ी संख्या में लोगों ने माना कि अगले 5 से 10 वर्षों में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना ‘बहुत अधिक’ या ‘कुछ हद तक’ है। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन में 41% से 55% और अमरीका में 45% लोगों ने यह चिंता जताई। सर्वाधिक आशंका रूस के साथ जारी तनाव को लेकर जताई गई है, जिसे 72% से 82% यूरोपीय और 69% अमरीकी संभावित कारण मानते हैं।

परमाणु हथियार और भारी जनहानि की आशंका

अधिकतर उत्तरदाताओं (68% से 76%) का मानना है कि संभावित तीसरा युद्ध परमाणु हथियारों से लड़ा जाएगा, जिससे 1939-45 के मुकाबले ज्यादा जानें जाएंगी। 25% से 44% लोगों ने तो यहां तक कहा कि यह युद्ध विश्व की अधिकांश जनसंख्या का अंत कर सकता है।

युद्ध के बाद शांति बनाए रखने में नाटो को सबसे अधिक (52% से 66%) श्रेय दिया गया। कुछ लोगों ने संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन की भूमिका को भी सराहा।

अमरीका को भी माना जा रहा खतरा

यह सर्वेक्षण इस लिहाज से चौंकाने वाला है कि कभी यूरोप के पारंपरिक सहयोगी रहे अमरीका को भी अब खतरे के रूप में देखा जा रहा है। स्पेन (58%), जर्मनी (55%) और फ्रांस (53%) के नागरिकों ने अमरीका के साथ तनाव को शांति के लिए एक प्रमुख या मध्यम खतरा माना है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बारे में जानना प्रासंगिक

ज्यादातर नागरिकों (82% से 90%) का मानना है कि द्वितीय विश्वयुद्ध की घटनाएं और उसकी पृष्ठभूमि आज भी प्रासंगिक हैं और युवाओं को स्कूलों में इसकी शिक्षा मिलनी चाहिए। विशेष रूप से फ्रांस (77%) और जर्मनी (60%) में यह इतिहास अपेक्षाकृत बेहतर ढंग से पढ़ाया गया है।

नाजियों को हराने में अमरीका की बड़ी भूमिका

नाजियों को हराने के लिए सबसे ज्यादा काम किसने किया, यह पूछे जाने पर सर्वेक्षण में शामिल पांच देशों में 40% से 52% लोगों ने उत्तर दिया – अमरीका ने। 17% से 28% का उत्तर था – सोवियत संघ ने। यूके में 41% उत्तरदाताओं ने कहा – ब्रिटेन ने। अमरीकियों और अन्य पश्चिमी यूरोप के लोगों में से केवल 5% से 11% उत्तरदाता ही इस दृष्टिकोण से सहमत नजर आए।

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