पालीगंज विधानसभा से वर्तमान विधायक संदीप सौरभ आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वह महागठबंधन के भाकपा माले उम्मीदवार के तौर पर दूसरी बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पटना में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को निर्धारित है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। संदीप सौरभ ने 2020 के विधानसभा चुनाव में पालीगंज सीट से लगभग 30 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। पार्टी ने उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाया है और चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया है। पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 2 लाख से अधिक है। कांग्रेस और समाजवादी दलों का दबदबा था पालीगंज विधानसभा की बात करें तो ये पटना का एक ग्रामीण क्षेत्र है और पाटलिपुत्र लोकसभा के अंतर्गत आता है। इसमें पालीगंज और दुल्हिन बाजार प्रखंड शामिल हैं। पालीगंज सीट पर शुरुआती दशकों में कांग्रेस और समाजवादी दलों का दबदबा रहा। साल 1990 के बाद कांग्रेस यहां कभी चुनाव नहीं जीती। इसके बाद बारी-बारी से भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और सीपीआई माले का कब्जा रहा। माले तीन बार, तो बीजेपी और आरजेडी ने दो-दो बार पालीगंज में अपना परचम लहराया। दो बार जनता दल ने भी बाजी मारी दो बार जनता दल ने भी बाजी मारी थी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई माले के संदीप यादव ने जेडीयू के जय वर्धन यादव को 30 हजार वोटों से हराया था। लोजपा की उषा विद्यार्थी 16 हजार से अधिक वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही थीं। जातिगत समीकरण पर नजर डालें तो पालीगंज में यादव, मुस्लिम और भूमिहार निर्णायक भूमिका में रहते हैं। पालीगंज विधानसभा से वर्तमान विधायक संदीप सौरभ आज अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वह महागठबंधन के भाकपा माले उम्मीदवार के तौर पर दूसरी बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। पटना में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को निर्धारित है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। संदीप सौरभ ने 2020 के विधानसभा चुनाव में पालीगंज सीट से लगभग 30 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। पार्टी ने उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाया है और चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया है। पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 2 लाख से अधिक है। कांग्रेस और समाजवादी दलों का दबदबा था पालीगंज विधानसभा की बात करें तो ये पटना का एक ग्रामीण क्षेत्र है और पाटलिपुत्र लोकसभा के अंतर्गत आता है। इसमें पालीगंज और दुल्हिन बाजार प्रखंड शामिल हैं। पालीगंज सीट पर शुरुआती दशकों में कांग्रेस और समाजवादी दलों का दबदबा रहा। साल 1990 के बाद कांग्रेस यहां कभी चुनाव नहीं जीती। इसके बाद बारी-बारी से भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और सीपीआई माले का कब्जा रहा। माले तीन बार, तो बीजेपी और आरजेडी ने दो-दो बार पालीगंज में अपना परचम लहराया। दो बार जनता दल ने भी बाजी मारी दो बार जनता दल ने भी बाजी मारी थी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में सीपीआई माले के संदीप यादव ने जेडीयू के जय वर्धन यादव को 30 हजार वोटों से हराया था। लोजपा की उषा विद्यार्थी 16 हजार से अधिक वोट पाकर तीसरे नंबर पर रही थीं। जातिगत समीकरण पर नजर डालें तो पालीगंज में यादव, मुस्लिम और भूमिहार निर्णायक भूमिका में रहते हैं।


