प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा और कुछ दिन पहले मछली पकड़ने के लिए तालाब में उनके कूदने का मज़ाक उड़ाया। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले सीतामढ़ी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। कांग्रेस नेता का नाम लिए बिना, पीएम मोदी ने कहा कि कुछ बड़े-बड़े लोग अब राज्य में आ रहे हैं और मछली के लिए गोता लगा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, “बड़े-बड़े लोग भी यहां कि मछली देखने आ रहे हैं। पानी में डुबकी लगा रहे हैं…बिहार के चुनाव में डूबने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।”
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इस हफ़्ते की शुरुआत में बिहार के बेगूसराय में मछुआरा समुदाय से बातचीत के दौरान राहुल गांधी एक कीचड़ भरे तालाब में कूद पड़े। ज़िले में एक रैली को संबोधित करने के बाद, राहुल गांधी पास के एक मछली पकड़ने वाले तालाब की ओर बढ़े। एक वीडियो में उन्हें नाव लेकर तालाब के बीचों-बीच जाते और फिर उसमें गोता लगाते हुए दिखाया गया। राज्य के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी भी लोकसभा में विपक्ष के नेता के साथ थे, और उन्होंने जाल भी डाला, जिससे गांधी अपनी कुशलता से प्रभावित हुए। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार भी वहां मौजूद थे और कई मछुआरे भी राहुल गांधी के साथ छाती तक गहरे पानी में गए।
बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीतामढ़ी में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान मोदी ने कहा कि पहले चरण के मतदान में बिहार ने कमाल कर दिया है। पहले चरण में जंगलराज वालों को 65 वोल्ट का झटका लगा है। चारों तरफ ये चर्चा है कि बिहार के नौजवानों ने विकास को चुना है, NDA को चुना है। बिहार की बहनों-बेटियों ने भी NDA की रिकॉर्ड विजय पक्की कर दी है। उन्होंने कहा कि हम आज सीतामढ़ी में जो माहौल देख रहे हैं, वो दिल को छूने वाला है। ये माहौल भी इस बात का संदेश दे रहा है कि – नहीं चाहिए कट्टा सरकार, फिर एक बार NDA सरकार।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि मां सीता की इस पुण्य भूमि पर मैं आया हूं, ये भी बड़ा सौभाग्य है। मुझे 5-6 साल पहले का आज का ही दिन याद आता है। वो तारीख थी 8 नवंबर, 2019, जब माता सीता की इस धरती पर मैं आया था। और यहां से अगले दिन मुझे पंजाब में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के लिए निकलना था और अगले ही दिन सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या पर फैसला भी आना था। मैं मन ही मन प्रार्थना कर रहा था कि सीता मैया के आशीर्वाद से फैसला रामलला के पक्ष में ही आए। और जब सीता माता की धरती से प्रार्थना की जाए, वो कभी विफल जाती है क्या? ऐसा ही हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने रामलला के पक्ष में ही फैसला दिया।


