Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों को आपात कालीन तैयारी के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक आधिकारिक आदेश में 38 सरकारी अस्पतालों को तुरंत जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि सभी अस्पताल अपनी छतों पर रेड क्रॉस का चिह्न बनवाएं। इसके साथ ही अस्पतालों में दवा भंडार बढ़ाना, बैकअप पॉवर व्यवस्था की जांच और बेसमेंट को अस्थायी सुरक्षित आश्रय के रूप में तैयार करना को कहा गया है।
दिल्ली के सभी अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस का चिह्न
इन आदेशों में सबसे ज्यादा प्रमुखता सभी अस्पतालों की छतों पर रेड क्रॉस का प्रतीक बनवाने को दी गई है। दरअसल, यह एक ऐसा कदम है। जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अस्पतालों को संरक्षित स्थलों के रूप में दिखाकर संभावित हवाई हमलों के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की रक्षा करना है। अधिकारियों ने कहा कि अस्पतालों को पेंटिंग कार्य की प्रगति पर अपडेट देने के लिए कहा गया है। दिल्ली सरकार का उद्देश्य है कि किसी भी आपात स्थिति, जैसे हवाई हमले या प्राकृतिक आपदा के दौरान अस्पतालों को सुरक्षित रखा जा सके और वहां आने वाले मरीजों की सुविधा में कोई बाधा न आए।
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इसके लिए सबसे पहला और प्रमुख निर्देश है कि सभी अस्पताल अपनी छतों पर रेड क्रॉस का बड़ा चिन्ह बनवाएं। यह चिन्ह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अस्पतालों को विशेष सुरक्षा दिलाने में मदद करता है। दिल्ली सरकार के आदेश पर लोक नायक, जीटीबी, दीन दयाल उपाध्याय और इंदिरा गांधी अस्पताल समेत करीब 25 अस्पतालों ने शुक्रवार शाम तक इस काम की शुरुआत कर दी थी। कुछ अस्पतालों ने लोक निर्माण विभाग (PWD) से इस कार्य को करवाने का अनुरोध किया है।
बेसमेंट और पार्किंग स्थलों को अस्थायी आश्रय स्थल बनाने पर जोर
इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी अस्पताल अपने बेसमेंट या भूमिगत पार्किंग स्थलों को अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में तैयार करें। इसके तहत बेसमेंट की साफ-सफाई, रोशनी, प्रवेश/निकासी की उचित व्यवस्था करने पर जोर दिया गया है। साथ ही सभी अस्पतालों को अपने यहां जनरेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और ICU बेड की स्थिति के बारे में सरकार को जानकारी देने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही अस्पतालों को अपने यहां व्यवस्थाओं की जांच के लिए 10 मार्च को एक मॉकड्रिल करने का निर्देश दिया गया है।

इसके तहत दिल्ली के लोक नायक और जीटीबी जैसे बड़े अस्पतालों ने शुक्रवार से ही अपने स्टाफ की ब्रीफिंग शुरू कर दी है। लोक नायक अस्पताल की आपदा विशेषज्ञ डॉ. रितु सक्सेना ने एचटी को बताया “मॉक ड्रिल के लिए एमएएमसी और जीबी पंत अस्पतालों के साथ मिलकर प्रशिक्षण किया जा रहा है। सभी अस्पतालों को लिखित विस्तृत अस्पताल सुरक्षा और आपदा तैयारी की गाइड लाइन जारी की गई हैं।” इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में हवाई हमले की स्थिति में सायरन की आवाजों को पहचानने, बेसमेंट में शरण लेने, आग से सुरक्षा और स्टाफ की पर्याप्त मौजूदगी सुनिश्चित करने जैसे निर्देश भी शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अस्पतालों को मिली है सुरक्षा
गाइड लाइन में कहा गया है “अस्पतालों को अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत प्रदान की गई सुरक्षा से लाभ उठाने के लिए रेड क्रॉस, रेड क्रिसेंट या रेड क्रिस्टल प्रतीकों के साथ स्पष्ट रूप से चिह्नित किया जाना चाहिए।” इसके अलावा दिल्ली सरकार ने अस्पतालों में अग्निशामक यंत्रों (Fire Extinguisher) की उपलब्धता समेत अग्नि सुरक्षा उपाय मजबूत करने को कहा गया है। इसके अलावा अस्पतालों में मैनपावर की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, ऑर्थो-पेडिशियन और बर्न विशेषज्ञ की जानकारी मांगी गई है।

इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। जो डॉक्टर छुट्टी पर हैं। उन्हें तत्काल ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा गया है। इस आदेश के पालन की रिपोर्ट चिकित्सा अधीक्षकों और निदेशकों को तुरंत भेजनी होगी। गुरु तेग बहादुर अस्पताल के नर्सिंग अधिकारी इनायत अली ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, “मैं बीकानेर जाने वाला था, लेकिन जैसे ही छुट्टी रद्द होने का आदेश आया, मैंने टिकट रद्द कर दिया। हमें बताया गया है कि अगला आदेश आने तक किसी डॉक्टर की छुट्टी नहीं होगी।” इसके साथ ही दिल्ली में पुलिसकर्मियों की छुट्टियां भी अगले आदेश तक निरस्त कर दी गई हैं।
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