उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की मांग को लेकर चल रहा ‘ऑपरेशन स्वास्थ्य’ आज 24वें दिन भी जारी है। इसी बीच आंदोलनकारियों की एक 26 सदस्यीय टीम अल्मोड़ा के चौखुटिया से राजधानी देहरादून की तरफ पैदल निकल पड़ी है। टीम के रवाना होने से पहले शुक्रवार को एक बार फिर चौखुटिया की सड़कों पर सरकार और पहाड़ों पर सालों से बदहाल पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के खिलाफ लोगों की आंखों में गुस्सा और नाराजगी नजर आई। बाजार में निकाले गए मार्च में हजारों लोग इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की गई। इसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सरकार से मांगें जल्द पूरी करने की गुहार लगाई। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जबतक चौखुटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक सीएचसी के मानकों के अनुसार सुविधाएं मुहैया नहीं होती तब तक उनका आंदोलन और क्रमिक अनशन जारी रहेगा। अब इस प्रदर्शन के बारे में सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए….
गांधी जंयती पर 15 लोगों ने की शुरुआत इसकी शुरुआत सेना से रिटायर हो चुके भुवन कठैत ने अल्मोड़ा के चौखुटिया में स्थित रामगंगा आरती घाट से की थी, यहीं पर उन्होंने सबसे पहले आमरण अनशन का ऐलान किया था। इस समय भुवन के साथ सिर्फ 14 लोग और थे। इसी टीम ने इस प्रदर्शन को ऑपरेशन स्वास्थ्य नाम दिया। इसके ही अगले दिन यानी 3 अक्टूबर को 85 साल के बुजुर्ग बचे सिंह ने भी भुवन कठैत से साथ आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा कर दी। सीएचसी की बदहाली से थे नाराज ये सभी लोग चौखुटिया सीएचसी की बदहाली से नाराज थे। इनका आरोप था कि यहां डॉक्टर तो हैं लेकिन वो विशेषज्ञ नही हैं, जबकि एक सीएचसी में 4 विशेषज्ञ डॉक्टर होने चाहिए। साथ ही ये आरोप भी लगाए गए की अस्पताल में उचित व्यवस्थाएं नहीं है जिसके कारण यहां से अधिकतर मरीजों को नैनीताल या अल्मोड़ा के लिए रेफर कर दिया जाता है। घाट पर जमा हुई भीड़, बाजार में मार्च अनशन शुरू होने के 6 दिन बाद घटनास्थल पर लोगों से पहुंचने का आह्वान किया गया और लोग काफी संख्या में पहुंचे भी, बच्चे बूढ़े बुजुर्ग हर कोई इस प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचा। इस दौरान धरनास्थल से बाजार तक एक मार्च भी निकाला गया, इस प्रदर्शन का ये पहला मार्च था साथ ही पहली बार इसमें इतने सारे लोग नजर आए। पहले बचे सिंह और फिर कठैत को ले गई पुलिस इसके बाद 7 अक्टूबर की रात प्रशासन धरनास्थल से बचे सिंह को उठा अस्पताल ले गया। उन्हें स्वास्थ्य कारणों के चलते धरनास्थल से उठाया गया था। इस दौरान बचे सिंह पुलिसवालों के साथ काफी जोर आजमाइश करते भी नजर आए थे। इसके बाद प्रशासन की टीम अगले ही दिन भुवन कठैत को भी स्वास्थ्य कारणों के चलते अस्पताल ले गई और उपचार शुरू कर दिया। पुलिस की टीम जब उन्हें लेने पहुंचे तो काफी बवाल हुआ इस दौरान तीन से चार पुलिसकर्मियों ने कठैत को उठाने की कोशिश की, हालांकि बाद में वह अपनी मर्जी से ही अस्पताल में भर्ती हुए। बाजार में प्रदर्शनकारियों का मार्च, वीडियो वायरल हुए धीरे-धीरे इस प्रदर्शन से और लोग जुड़ने लगे। बाजारों में मार्च होने लगे और धरनास्थल पर भीड़ बढ़ने लगी। लोग हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते हुए बाजारों और चौराहों पर जमा होने लगे, वह मांग करने लगे की चौखुटिया सीएचसी में सभी आवश्यक सुविधाएं बहाल की जाएं। भीड़ और आक्रोश से भरे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। अब पढ़िए आखिर क्या मांग रहे हैं प्रदर्शनकारी…. आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक ये मानक पूरी तरह लागू नहीं होंगे, उनका आंदोलन जारी रहेगा। 14 दिन बाद सरकार ने लिया एक्शन आंदोलन और बढ़ते आक्रोश को देखते हुए सरकार ने 14 दिन बाद, यानी 16 अक्टूबर को कदम उठाया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चौखुटिया में 30 बेड वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) को 50 बेड के उप जिला अस्पताल (एसडीएच) में अपग्रेड करने की घोषणा कर दी। स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर. राजेश कुमार ने आदेश जारी किया कि अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है, डिजिटल एक्स-रे मशीन लगाई जाएगी और डॉक्टरों की तैनाती भी की जाएगी। डॉक्टरों की तैनाती और फिर गुस्सा 16 अक्टूबर को दो डॉक्टरों स्त्री रोग विशेषज्ञ मंजू रावत और बाल रोग विशेषज्ञ रेनू अग्निहोत्री को चौखुटिया जाने के आदेश हुए। लेकिन किसी कारण दोनों छुट्टी पर चली गईं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भुवन कठैत ने सरकार के वादों को खोखला बताया। सरकार के ऐलान के बाद भी प्रदर्शनकारी रुके नहीं वह अपनी मांग पर अड़े रहे की सीएचसी को सभी सुविधा मिले और सीएचसी के अपग्रेडेशन की वित्तीय स्वीकृति भी मिले। दो डॉक्टर पहुंचे, कार्यालय में हुआ स्वागत इसके आठ दिन बाद यानी बीते कल शुक्रवार को दो डॉक्टर बाल रोग विशेषज्ञ पल्लवी शाह और स्त्री रोग विशेषज्ञ हेमलता अस्पताल में पहुंचीं, इनका कार्यालय में बकायदा स्वागत सम्मान किया गया। हालांकि ये दोनों भी यहां पर स्थाई तौर पर नहीं आए थे ये दोनों केवल रूटीन चेकअप के लिए यहां पहुंचे थे। हल्द्वानी से दो डॉक्टर चौखुटिया किए अटैच इसके बाद जानकारी सामने आई की अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय के दो डॉक्टरों, बाल रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ को चौखुटिया सीएचसी में मंजू और रैनू के साथ अटैच किया गया है। पदयात्रा देहरादून की ओर, आंदोलन जारी पूर्व सैनिक भुवन कठैत के नेतृत्व में “चलो देहरादून” के तहत 26 लोगों की टीम गैरसैंण, कर्णप्रयाग और रुद्रप्रयाग होते हुए देहरादून पहुंचेगी। इसमें 12 से 15 दिन का समय लगेगा। आंदोलनकारियों का कहना है कि वे देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे ताकि उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाए। चौखुटिया में भी आंदोलन जारी है। दो लोग आमरण अनशन पर हैं, जबकि सात लोग क्रमिक अनशन पर डटे हुए हैं।
उत्तराखंड में 24 दिन से जारी ‘ऑपेशन स्वास्थ्य’:प्रदर्शनकारी चौखुटिया से पैदल देहरादून की तरफ बढ़ रहे; जानिए कैसे 15 लोगों ने जुटाई हजारों की भीड़


