कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली आसिया खातून को ससुराल वालों ने प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया। महिला के पास न कपड़े थे, न दवाइयां, न ही जरूरी दस्तावेज। जैसे ही यह मामला वन स्टॉप सेंटर, गया को मिला, सेंटर की प्रशासक आरती कुमारी ने पूरी तत्परता के साथ मदद शुरू की। पीड़िता के घर जाकर उसे जरूरत के सामान दिलवाया। आसिया खातून ने बताया कि उसे ससुराल वालों ने सिर्फ एक जोड़ी कपड़े में घर से बाहर कर दिया था। उसके पास न आधार कार्ड बचा, न डॉक्टर की पर्ची, न शैक्षणिक प्रमाण पत्र। उन्होंने बताया कि वह जुलाई में राजस्थान सचिवालय की परीक्षा में शामिल होने वाली है, लेकिन जरूरी दस्तावेज ससुराल में ही रह गए थे। इससे वह बेहद परेशान और मानसिक रूप से हताश थी। परीक्षा नजदीक होने की वजह से काफी तनाव हो रहा था। सेंटर की तत्परता से महिला को मिली राहत मामले की गंभीरता को समझते हुए वन स्टॉप सेंटर की टीम में शामिल प्रशासक आरती कुमारी, केस वर्कर अर्चना सिन्हा, परामर्शी शगुफ्ता प्रवीण और सामाजिक कार्यकर्ता कुमारी चंद्रमणि संगीता ने महिला को साथ लेकर आसिया की ससुराल पहुंचीं। उसकी सास और पति की मौजूदगी में उसे उसके जरूरी कपड़े, दवाइयां और शैक्षणिक प्रमाण पत्र समेत अन्य जरूरी सामान दिलाया गया। टीम की तत्परता से महिला को राहत मिली। वन स्टॉप सेंटर द्वारा दिए गए इस सहयोग से आसिया के चेहरे पर उम्मीद की रौशनी लौट आई। सेंटर ने यह भी आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर आगे भी हरसंभव मदद की जाएगी। साथ ही में पीड़िता की घरेलू समस्या को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी। कोतवाली थाना क्षेत्र की रहने वाली आसिया खातून को ससुराल वालों ने प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया। महिला के पास न कपड़े थे, न दवाइयां, न ही जरूरी दस्तावेज। जैसे ही यह मामला वन स्टॉप सेंटर, गया को मिला, सेंटर की प्रशासक आरती कुमारी ने पूरी तत्परता के साथ मदद शुरू की। पीड़िता के घर जाकर उसे जरूरत के सामान दिलवाया। आसिया खातून ने बताया कि उसे ससुराल वालों ने सिर्फ एक जोड़ी कपड़े में घर से बाहर कर दिया था। उसके पास न आधार कार्ड बचा, न डॉक्टर की पर्ची, न शैक्षणिक प्रमाण पत्र। उन्होंने बताया कि वह जुलाई में राजस्थान सचिवालय की परीक्षा में शामिल होने वाली है, लेकिन जरूरी दस्तावेज ससुराल में ही रह गए थे। इससे वह बेहद परेशान और मानसिक रूप से हताश थी। परीक्षा नजदीक होने की वजह से काफी तनाव हो रहा था। सेंटर की तत्परता से महिला को मिली राहत मामले की गंभीरता को समझते हुए वन स्टॉप सेंटर की टीम में शामिल प्रशासक आरती कुमारी, केस वर्कर अर्चना सिन्हा, परामर्शी शगुफ्ता प्रवीण और सामाजिक कार्यकर्ता कुमारी चंद्रमणि संगीता ने महिला को साथ लेकर आसिया की ससुराल पहुंचीं। उसकी सास और पति की मौजूदगी में उसे उसके जरूरी कपड़े, दवाइयां और शैक्षणिक प्रमाण पत्र समेत अन्य जरूरी सामान दिलाया गया। टीम की तत्परता से महिला को राहत मिली। वन स्टॉप सेंटर द्वारा दिए गए इस सहयोग से आसिया के चेहरे पर उम्मीद की रौशनी लौट आई। सेंटर ने यह भी आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर आगे भी हरसंभव मदद की जाएगी। साथ ही में पीड़िता की घरेलू समस्या को भी दूर करने की कोशिश की जाएगी।
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