Bihar में पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन खूब चले चुनावी तीर, नेताओं के बयानों से गर्मा गया चुनावी माहौल

Bihar में पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन खूब चले चुनावी तीर, नेताओं के बयानों से गर्मा गया चुनावी माहौल
बिहार में चुनावी रणभूमि गरमा चुकी है। पहले चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रचार को और तेज धार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पूरे दमखम से विपक्ष पर तीखे प्रहार करते हुए महागठबंधन को ‘जंगलराज की वापसी का प्रतीक’ बताया। वहीं राहुल गांधी ने जवाबी हमला करते हुए नीतीश कुमार को भाजपा का “रिमोट नियंत्रित मुख्यमंत्री” बताया।
दरभंगा से लेकर समस्तीपुर और औरंगाबाद तक भाजपा-राजग की रैलियों में जनसैलाब उमड़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए की महिला कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा कि इस बार की रैलियों में अभूतपूर्व संख्या में महिलाएं पहुंच रही हैं— “मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार में राजग की प्रचंड जीत होगी। हमारी माताएं-बहनें ‘लालू युग’ के अत्याचार और असुरक्षा को फिर कभी लौटने नहीं देंगी।” उन्होंने महिला कार्यकर्ताओं से “अधिक से अधिक मतदान” सुनिश्चित करने का आह्वान किया। 

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उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दरभंगा में गरजते हुए कहा कि “छह नवंबर को अगर जरा सी भी गलती हुई तो हत्या, लूट, अपहरण और वसूली फिर से बिहार की पहचान बन जाएगी।” शाह ने जनता से अपील की कि “लालू-राबड़ी के जंगलराज की वापसी रोकने के लिए ‘कमल’ का बटन दबाएं।” उन्होंने मिथिलांचल के विकास के लिए 26,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि “बाढ़ नियंत्रण से लेकर कोसी के पानी से सिंचाई तक, अब बिहार आत्मनिर्भर बनेगा।” 
दूसरी ओर, समस्तीपुर में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर सीधा वार करते हुए कहा, “अब बिहार में भी माफिया पर बुलडोजर चलेगा और उनकी संपत्ति गरीबों में बांटी जाएगी। यही सच्चा न्याय है।” योगी ने कहा कि बिहार को फिर से ज्ञान की भूमि बनाना है — “राजग सरकार विकास और विरासत का उत्कृष्ट संतुलन स्थापित कर चुकी है।” 
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वैशाली में कहा, “नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं। इतने वर्षों में उनकी ईमानदारी बिहार के सुशासन की पहचान बन चुकी है।” उन्होंने कहा कि “संप्रग सरकार के समय बिहार को मात्र दो लाख करोड़ मिले थे, जबकि मोदी सरकार ने दस वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये दिए हैं।” 
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने औरंगाबाद में नीतीश कुमार को भाजपा का ‘बंधक’ बताते हुए कहा, “अब बिहार में नीतीश जी की सरकार कभी नहीं बनेगी। मोदी और शाह रिमोट से चैनल बदलते हैं, नीतीश वही करते हैं जो दिल्ली से आदेश आता है।” राहुल ने भाजपा पर ‘वोट चोरी’ की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि “युवाओं को बेरोजगारी से भटकाने के लिए मोदी रील्स और नशे की बात करते हैं।” 
बहरहाल, बिहार की सियासत एक बार फिर अपने निर्णायक मोड़ पर है। एक तरफ मोदी-शाह-योगी-राजनाथ का “विकास, सुशासन और आस्था” का मंत्र है, तो दूसरी ओर राहुल गांधी का “वोट चोरी और रिमोट कंट्रोल” का आरोप। अब देखना यह है कि 6 नवंबर को जनता किसके ‘बटन’ पर विश्वास जताती है— ‘कमल’ पर या ‘महागठबंधन’ की वापसी पर।

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