पलवल के सदर थाने में तीन माह पहले दर्ज एससी/एसटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के एक मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़िता मुख्य अध्यापिका सरला देवी ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। वहीं, राजकीय अध्यापक संघ-70 ने पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए मैदान में उतरने की घोषणा की है। रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सरला देवी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा झूठी और बेबुनियाद शिकायतें तैयार करवाकर उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि जिला और खंड के दोनों अधिकारी उन पर जातिसूचक टिप्पणी करते हैं। गाड़ी से कुचलकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप पत्रकार वार्ता के दौरान विद्यालय में कार्यरत अध्यापक इंद्र कुमार पीटीआई ने एक गंभीर घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आरोपी महिला के पति उनकी दुकान पर आए और सरला देवी को गाड़ी से कुचलकर जान से मारने तथा हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी। अनुसूचित जाति अध्यापक संघ के सदस्य प्रताप सिंह और सेवानिवृत्त पीजीटी अध्यापक महावीर सिंह रावत ने जिला प्रशासन से आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर मुख्य अध्यापिका सरला देवी को न्याय दिलाने की मांग की है। राजकीय अध्यापक संघ ने की निष्पक्ष कार्रवाई की मांग राजकीय अध्यापक संघ-70 हरियाणा (हरियाणा कर्मचारी महासंघ) के राज्य प्रधान मनोज सहरावत ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई करने और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि महिला होने के नाते सरला देवी की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। आरोपी वेदपाल, जो सिकंदरपुर (पलवल) में मिडिल-हेड हैं, को रूल 7 के तहत 17 अक्टूबर 2025 को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ आगामी विभागीय कार्रवाई जारी है। राजकीय अध्यापक संघ-70 हरियाणा ने दोहराया है कि वे सरला देवी को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ हैं और आवश्यकता पड़ने पर हरियाणा कर्मचारी महासंघ के नेताओं से बात कर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।


