ISRO और NASA के बनाए गए के संयुक्त मिशन से बना NISAR सैटेलाइट 7 नवंबर से ऑपरेशनल हो जाएगा। इसकी 30 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। ऑपरेशनल होने के बाद सैटेलाइट से वैज्ञानिकों को भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन, बर्फबारी, जंगलों और खेती में हो रहे बदलाव समझने में मदद मिलेगी। यह सैटेलाइट हर 12 दिन में पूरी धरती की तस्वीरें लेगा। NISAR में भारत और अमेरिका दोनों की टेक्नोलॉजी लगी है। इसमें दो खास रडार L-बैंड (NASA का) और S-बैंड (ISRO का) लगे हैं, जो मिलकर धरती की बेहद साफ और डिटेल्ड तस्वीरें भेजेंगे। NISAR सैटेलाइट की खासियत… NISAR सैटेलाइट क्या-क्या जानकारी देगा? यह पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा, जो हर 12 दिन में पूरी धरती और ग्लेशियर का एनालिसिस करेगा। इससे मिले डाटा से पता लगाया जाएगा कि जंगल और वेटलैंड में कार्बन के रेगुलेशन में कितने अहम हैं। दरअसल, क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए जंगल और वेटलैंड काफी अहम है। इन्हीं की वजह से पर्यावरण में ग्रीनहाउस गैसों का रेगुलेशन होता है। इसके साथ ही यह सैटेलाइट बवंडर, तूफान, ज्वालामुखी, भूकंप, ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्री तूफान, जंगली आग, समुद्रों के जलस्तर में बढ़ोतरी, खेती, गीली धरती, बर्फ का कम होना आदि की पहले ही जानकारी दे देगा। इस सैटेलाइट से धरती के चारों ओर जमा हो रहे कचरे और धरती की ओर अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की भी जानकारी मिल सकेगी। निसार से प्रकाश की कमी और इसमें बढ़ोतरी की भी जानकारी मिल पाएगी। भारत की सीमाओं पर कड़ी नजर रखेगा इस सैटेलाइट से मिलने वाली हाई-रिजोल्यूशन की तस्वीरें हिमालय में ग्लेशियरों की निगरानी में भारत और अमेरिका की सरकारों की मदद करेंगी। यह चीन और पाकिस्तान से लगी भारत की सीमाओं पर कड़ी नजर रखने में भी सरकार की मदद कर सकता है। भारत के लिए क्यों अहम है ये? इसका उद्देश्य बेहतर योजना, कृषि और मौसम से संबंधित स्पेस इनपुट हासिल करना है। निसार में सिंथेटिक अपर्चर रडार लगा है, जो देश के किसी भी अन्य उपग्रहों से मिलने वाली तस्वीरों की तुलना में अत्यधिक हाई रिजोल्यूशन की इमेज भेजेगा। इसमें बादलों के पीछे और अंधेरे में भी देखने की क्षमता है। ये सबसे महंगे अर्थ इमेजिंग उपग्रहों में से एक होगा। ———————————- ये खबर भी पढ़ें… इसरो चीफ नारायणन बोले-गगनयान का 90 फीसदी काम पूरा:2027 की शुरुआत में मिशन लॉन्च होगा,अपने दम पर इंसान को अंतरिक्ष में भेजेगा भारत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चीफ वी नारायणन ने गुरुवार को बताया कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। 2027 की शुरुआत में मिशन लॉन्च कर दिया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
NISAR सैटेलाइट 7 नवंबर से ऑपरेशनल होगा:भूकंप-सुनामी जैसी आपदाओं की सूचना पहले ही दे देगा; भारत और अमेरिका ने बनाया


