बगहा के रामनगर विधानसभा क्षेत्र के दोन पंचायत के लोगों ने वोट बहिष्कार किया है। इस पंचायत में करीब 22 गांव हैं, जिसमें 15 हजार वोटर्स हैं। इन वोटर्स के लिए बूथ संख्या 1 से 18 बनाए गए है। इन बूथों पर 11 बजे तक एक भी वोटिंग नहीं हुई है। बूथ पर सिर्फ सुरक्षाकर्मी और मतदाताकर्मी दिख रहे हैं। ग्रामीणों ने जगह-जगह पोस्टर लगाए है। इन पोस्टरों पर लिखा है..सड़क नहीं तो वोट नहीं, बिजली नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा नहीं तो वोट नहीं, स्वास्थ्य सुविधा नहीं तो वोट नहीं, नेटवर्क नहीं तो वोट नहीं। दोनवासी की यही पुकार, अबकी बार वोट बहिष्कार। बता दें कि इन गांवों में थारू समाज की आबादी सबसे अधिक है। वोटर्स ने पहले ही लौटा दी थी पर्ची ग्रामीणों ने पहले ही मतदान से दूरी बना लिया था। संबंधित BLO ने मतदाताओं के बीच पर्चियां बांटी थी, जिसे ग्रामीणों ने लौटा दिया था। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें ग्रामीण मतदान बहिष्कार की घोषणा करते दिखा रहे हैं। सड़क, बिजली और शिक्षा की समस्या ग्रामीणों का कहना है, आजादी के 78 साल बाद भी हमारे इलाके में सड़क, बिजली, पुल-पुलिया और मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। हर चुनाव में नेता आते हैं और वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई वापस नहीं लौटता है। बुनियादी समस्याओं की वजह से हमलोगों ने सामूहिक वोट न देने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने समझाने का किया प्रयास वोट बहिष्कार की सूचना मिलने के बाद रामनगर के BDO, CO और जीविका प्रखंड समन्वयक मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से मतदान करने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बगहा एसपी भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से संवाद किया। इसके बावजूद ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। 22 गांव के लोगों ने सामूहिक वोट बहिष्कार किया रामनगर के गर्दी दोन, नौरंगिया दोन, खैरहनी दोन, लक्ष्मीपुर दोन, गोबरहिया दोन, बेतहानी दोन समेत कुल 22 गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार किया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक विकास कार्यों की ठोस गारंटी नहीं मिलेगी, तब तक बहिष्कार जारी रहेगा। बगहा के रामनगर विधानसभा क्षेत्र के दोन पंचायत के लोगों ने वोट बहिष्कार किया है। इस पंचायत में करीब 22 गांव हैं, जिसमें 15 हजार वोटर्स हैं। इन वोटर्स के लिए बूथ संख्या 1 से 18 बनाए गए है। इन बूथों पर 11 बजे तक एक भी वोटिंग नहीं हुई है। बूथ पर सिर्फ सुरक्षाकर्मी और मतदाताकर्मी दिख रहे हैं। ग्रामीणों ने जगह-जगह पोस्टर लगाए है। इन पोस्टरों पर लिखा है..सड़क नहीं तो वोट नहीं, बिजली नहीं तो वोट नहीं, शिक्षा नहीं तो वोट नहीं, स्वास्थ्य सुविधा नहीं तो वोट नहीं, नेटवर्क नहीं तो वोट नहीं। दोनवासी की यही पुकार, अबकी बार वोट बहिष्कार। बता दें कि इन गांवों में थारू समाज की आबादी सबसे अधिक है। वोटर्स ने पहले ही लौटा दी थी पर्ची ग्रामीणों ने पहले ही मतदान से दूरी बना लिया था। संबंधित BLO ने मतदाताओं के बीच पर्चियां बांटी थी, जिसे ग्रामीणों ने लौटा दिया था। इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें ग्रामीण मतदान बहिष्कार की घोषणा करते दिखा रहे हैं। सड़क, बिजली और शिक्षा की समस्या ग्रामीणों का कहना है, आजादी के 78 साल बाद भी हमारे इलाके में सड़क, बिजली, पुल-पुलिया और मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। हर चुनाव में नेता आते हैं और वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई वापस नहीं लौटता है। बुनियादी समस्याओं की वजह से हमलोगों ने सामूहिक वोट न देने का निर्णय लिया है। अधिकारियों ने समझाने का किया प्रयास वोट बहिष्कार की सूचना मिलने के बाद रामनगर के BDO, CO और जीविका प्रखंड समन्वयक मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से मतदान करने की अपील की, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। बगहा एसपी भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों से संवाद किया। इसके बावजूद ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। 22 गांव के लोगों ने सामूहिक वोट बहिष्कार किया रामनगर के गर्दी दोन, नौरंगिया दोन, खैरहनी दोन, लक्ष्मीपुर दोन, गोबरहिया दोन, बेतहानी दोन समेत कुल 22 गांव के लोगों ने वोट बहिष्कार किया है। ग्रामीणों ने बताया कि जब तक विकास कार्यों की ठोस गारंटी नहीं मिलेगी, तब तक बहिष्कार जारी रहेगा।


