लखनऊ में शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में एलर्जी अस्थमा की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें KGMU के पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो.वेद प्रकाश व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि अस्थमा के रोगियों को सिर्फ इन्हेलर और दवाओं पर ही आश्रित नहीं रहना चाहिए। दवाओं के साथ ही योग अपनाने से उन्हें स्थायी आराम मिल सकता है। प्रो.वेद प्रकाश ने बताया कि अस्थमा के प्रबंधन में गैर-औषधीय उपाय अपनाना भी जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली, योग, आहार नियंत्रण और तनाव प्रबंधन अस्थमा के नियंत्रण में अत्यंत प्रभावी हैं। धूम्रपान छोड़कर, संतुलित आहार लेकर और वजन नियंत्रित करके भी अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता है। इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी अस्थमा एंड एप्लाइड एंड इम्यूनोलॉजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुरेश कूलवाल और सचिव डॉ.एबी सिंह भी मौजूद रहे। इस मौके पर डॉ. आरएएस कुशवाहा और डॉ.राजेन्द्र प्रसाद मौजूद रहे। एलोपैथ भी मान रहा योग और जलनेति की ताकत प्रो.वेद प्रकाश ने कहा कि अस्थमा और एलर्जी के उपचार में योग और जलनेति प्रभावी है। इसके लिए रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा अनुदान प्राप्त है। इससे साफ है कि एलोपैथ भी योग और जलनेति की ताकत को पहचान रहा है। अस्थमा है तो इन पर नियंत्रण भी जरूरीएलर्जी, पाचन विकार, मोटापा, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया, अनियंत्रित हॉर्मोन, श्वसन संक्रमण, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, धूम्रपान और निकोटिन पर आश्रित रहना। सांस की बीमारियों में फायदेमंद हैं ये योग गोमुखासन, अर्धमत्येंद्रासन, भुजंगासन, नौकासन, धनुषासन, ताड़ासन, शवासन। अस्थमा के इलाज में इन सात बातों का रखें ध्यान


