नागौर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के नागौर रोडवेज के बेड़े में खुद की बसों के होने के बाद भी लंबे रूट पर अनुबंधित बसों का संचालन कराया जा रहा है। कथित रूप से मिलीभगत के इस खेल में अनुबंधित बसों को तो प्रति किलोमीटर के हिसाब से हर यात्री के हिसाब से किराया राशि रोडवेज की ओर से दी जाती है, लेकिन इसके एवज में रोडवेज के पेटे कुछ भी नहीं आता है। इसकी वजह से रोडवेज के राजस्व घाटे का दायरा बढ़ा है।
रोडवेज के विभागीय जानकारों के अनुसार दिल्ली एवं हरिद्वार लंबे रूट में आते हैं। इनमें से हरिद्वार रूट पर रोडवेज की ओर से अनुबंधित बसों का संचालन कराया जा रहा है। जबकि रोडवेज के पास खुद की तीन नई बीएस सिक्स की उपलब्ध हैं। इन बसों का संचालन रोडवेज की ओर से हरिद्वार कराए जाने पर यात्रियों को मोक्ष कलश योजना का भी इसमें फायदा मिल जाता, लेकिन फिलहाल इस रूट पर अनुबंधित स्टार लाइन दो सीट वाली बस का संचालन कराया जा रहा है। इसके चलते न तो यह रोडवेज के लिए मुनाफा की स्थिति है, और न ही यात्रियों के लिए। इसकी वजह से यात्रियों को हरिद्वार जाने के लिए प्राइवेट बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। बताते हैं कि रोडवेज प्रबंधन की ओर से अनुबंधित बसों को फायदा कथित रूप से मिलीभगत के खेल के चलते कराया जा रहा है।
पांच साल पहले बंद हुई थी यह सेवा
रोडवेज के विभागीय जानकारों के अनुसार वर्ष 2019 में नागौर से हरिद्वार जाने वाली बस सेवा को यात्री भार का अभाव दिखाते हुए बंद कर दिया गया था। लोगों की ओर से कई बार ज्ञापन दिए जाने के बाद यह बस सेवा बमुश्किल वर्ष 2021 में संचालित हुई थी। उस दौरान सेवा शुरू होने पर भी इस रूट पर रोडवेज बस का ही संचालन कराया जा रहा था। नागौर से
मुख्य प्रबंधक को पता ही नही
हरिद्वार रूट पर रोडवेज की बसों का संचालन नहीं कराए जाने के संबंध में रोडवेज के मुख्य प्रबंधक मुकुन सिंह से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि रोडवेज के पास बीएस सिक्स बसें उपलब्ध ही नहीं है। जबकि रोडवेज के पास न केवल खुद की तीन बसें, बल्कि अन्य 29 अनुबंधित चल रही बसें भी बीएस सिक्स की ही हैं।
Nagaur patrika…मिलीभगत के खेल में हरिद्वार रूट अनुबंधित बसों का कराया जा रहा संचालन
