Nagaur patrika…सफाई व्यवस्था की बिगड़ी तस्वीर, सरकार फिर से शुरू करे भर्ती तो मिले राहत…VIDEO

Nagaur patrika…सफाई व्यवस्था की बिगड़ी तस्वीर, सरकार फिर से शुरू करे भर्ती तो मिले राहत…VIDEO

नागौर. प्रदेश में गत वर्ष के अंतिम चरण में 24 हजार से ज्यादा पदों पर सफाई कर्मियों की भर्ती निरस्त करने का झटका नागौर को भी लगा है। लंबे समय से बढ़ती आबादी के बीच सफाई कर्मचारियों के भर्ती होने की उम्मीद से सफाई व्यवस्था में राहत मिलने की उम्मीद जगी थी। भर्ती होती तो फिर स्थानीय निकाय में कुल 160 पदों पर नए सफाई कर्मचारियों की भर्ती होने से संभवत: सफाई व्यस्था बेहतर हो सकती थी। वर्तमान में स्थिति यह है कि शहरी क्षेत्र की आबादी ही डेढ़ से दो लाख के बीच है, लेकिन नियमित सफाई कर्मियों की संख्या केवल 240 है। ऐसे में फिर से भर्ती खोले जाने की मांग उठने लगी है। अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के जिलाध्यक्ष अजय चांगरा ने प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू करने की मांग की है।
नही सुधर पा रही शहर की तस्वीर
शहर की बढ़ती आबादी के बीच तमाम प्रयासों के बावजूद सफाई व्यवस्था की बहुत अच्छी तस्वीर शहर में नहीं बन पा रही। शहर के सघन इलाके से लेकर दूरस्थ बस्तियों में सफाई व्यवस्था की तस्वीर को बेहतर करने में नगर परिषद जुटा हुआ है, लेकिन बढ़े एरिया एवं घनी आबादी के बीच महज 300 से कम सफाई कर्मियों के होने के कारण हालात सुधर नहीं पा रहे। उल्लेखनीय है कि शहर की सफाई की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इसे तीन जोन से बढ़ाकर छह जोन कर दिया गया, लेकिन सफाई कर्मियों की संख्या नहीं बढ़ी और ना ही ट्रेक्टर आदि सरीखे
जमादार के छह पदों से चार खाली
नगर वर्तमान में नगर परिषद के सफाई ठेके पर लिए गए 120 कर्मी हैं। इन दोनों को जोडऩे की स्थिति में यह संख्या 360 तक ही पहुंचती है। जबकि प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक पांच सौ से एक हजार की आबादी पर दो से चार सफाईकर्मी की आवश्यकता होती है। इनमें से कोई बीमार हो जाए अथवा अवकाश में भी चला जाए तो भी व्यवस्था सुव्यवस्थित रहे। इसको ध्यान में रखते हुए वर्तमान में रहवास कर रही आबादी के बीच पांच सौ से छह सौ सफाई कर्मी होने चाहिए। स्थिति यह है कि छह जमादारों के पदों में से चार पद खाली चल रहे हैं, स्वच्छता निरीक्षक के दो में से एक पद खाली चल रहा है। मुख्य स्वच्छता निरीक्षक का काम कार्यवाहक के तौर पर जैसे-तैसे चलाया जा रहा है।
यह संसाधन भी नहीं
नगरपरिषद के पास कचरा परिवहन एवं कचरा लोडिंग करने वाले वाहन ही नहीं हैं। अब तक उपलब्ध वाहन भी ठेकाकर्मियों के साथ ठेकेदारों के ही हैं। परिषद के पास खुद के संसाधन नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सफाई संसाधनों में व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नगर परिषद को संविदा एवं ठेके पर वर्तमान में लिए गए ठेकाकर्मियों की अपेक्षा तीन गुना सफाई कर्मी और कचरा परिवहन के लिए अत्याधुनिक संसाधनों की आवश्यकता हैं।
एक नजर इस पर
नगरपरिषद के नियमित सफाई कर्मियों की संख्या-240
नगरपरिषद में ठेके पर सफाई कर्मियों की संख्या-120
जमादार के कुल छह पद स्वीकृत, चार खाली
कुल ऑटो टिपर-58
कुल ट्रेक्टर- 3
शहर की बिगड़ी हालत
बंशीवाला मन्दिर क्षेत्र, निवार गली, लोहार की रोड से शिवबाड़ी चौराहा, कुम्हारी दरवाजा, हाउसिंग बोर्ड एवं वाटर वक्र्स, अजमेरी गेट से हाथी पोल, गांधी चौक, इंदिरा कॉलोनी, व्यास कॉलोनी, गांधी चौक से दिल्ली दरवाजा तक, डीडवाना बाईपास रेलवे फाटक से चलते हुए बालवा रोड, इंदिरा कॉलोनी, बीकानेर फाटक तक रोड सम्मिलत करते हुए फाटक से नया दरवाजा तक सफाई व्यवस्था की बेहाल स्थिति कभी भी देखी जा सकती है।
सरकार फिर से शुरू करे भर्ती
प्रदेश सरकार को सफाई व्यवस्था वास्तव में सुधारनी है तो सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू करने के साथ ही सफाई से जुड़े अत्याधुनिक संसाधन भी उपलब्ध कराए। अभी वर्तमान में सफाई व्यवस्था की हालत बेहद खराब है।
अजय चांगरा, जिलाध्यक्ष, अखिल भारतीय वाल्मीकि महसभा
इनका कहना….
व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। सफाई व्यवस्था की समीक्षा के लिए आवश्यक प्रबन्ध करने के साथ ही साप्ताहिक समीक्षा भी की जाती है। इसके अलावा अन्य कई कारगर कदम उठाए गए हैं। इसका परिणाम जल्द ही नजर आने लगेगा।
रामरतन चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *