पंजाब में सांसद रंधावा बोले- पहले कांग्रेस जिताओ:CM बनने की जल्दी पार्टी को डुबोएगी, लुधियाना उपचुनाव के बाद कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी

पंजाब में सांसद रंधावा बोले- पहले कांग्रेस जिताओ:CM बनने की जल्दी पार्टी को डुबोएगी, लुधियाना उपचुनाव के बाद कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी

लुधियाना उपचुनाव के नतीजों के बाद पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद फिर से उभरकर सामने आ गए हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा की हाल की सोशल मीडिया पोस्ट ने पार्टी के भीतर चल रही खींचतान को और हवा दे दी है। रंधावा ने बिना किसी का नाम लिए संकेत दिया कि मुख्यमंत्री पद की होड़ में जल्दबाजी करना कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने पंजाबी में लिखा- “हमें कांग्रेस को जिताने की बात करनी चाहिए, मुख्यमंत्री तो तभी बनेंगे जब पार्टी जीतेगी। अगर पहले ही मुख्यमंत्री बन गए तो पार्टी कभी नहीं जीतेगी।” 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के पीछे प्रदेश नेतृत्व की आपसी खींचतान को बड़ी वजह माना गया था। इसके बाद हुए उपचुनावों में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। लुधियाना उपचुनाव इसका ताजा उदाहरण है, जिससे साफ है कि पार्टी की आंतरिक कलह अभी भी बनी हुई है। लुधियाना उपचुनाव के बाद पोस्ट से हलचल यह पोस्ट ऐसे समय पर आई है जब लुधियाना उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद वरिष्ठ नेताओं ने असंतोष जाहिर किया है। लुधियाना वेस्ट उपचुनाव 19 जून 2025 को हुआ था, और 23 जून को इसके परिणाम घोषित हुए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भारत भूषण आशु इस सीट से उम्मीदवार थे। हालांकि वह पूर्व अकाली-कांग्रेस शासन में मंत्री और क्षेत्र में कद्दावर नेता माने जाते थे, इस बार वे AAP के संजीव अरोड़ा से हार गए। आशु को 24,542 वोट मिले, जबकि अरोड़ा ने 35,179 वोट हासिल कर 10,637 वोटों की बड़ी जीत दर्ज की। कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आई चुनाव से पहले ही आशु की उम्मीदवारी पर पार्टी के अंदर मतभेद उभरकर सामने आ गए थे। लुधियाना में कई स्थानीय नेताओं ने प्रचार से दूरी बनाई, जिससे प्रचार प्रभावहीन रहा। इतना ही नहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, जो खुद लुधियाना से सांसद हैं, सिर्फ नॉमिनेशन के दिन आशु के साथ दिखे थे। इसके बाद उन्होंने आशु के हक में कोई प्रचार नहीं किया। परिणाम आने के बाद, नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज हो गया है। चरणजीत सिंह चन्नी और राजा वड़िंग गुट आमने-सामने दिखे। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस अभी भी आंतरिक संगठनीय कमजोरियों से जूझ रही।

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *