सिटी रिपोर्टर | नवादा नवादा शहर में करोड़ों और अरबों के व्यापार वाले बड़े शॉपिंग मॉल शॉपिंग कांप्लेक्स और शोरूम हैं। लेकिन इनमें से कई के पास ट्रेड लाइसेंस ही नहीं है। पिछले 6 महीने में इनके खिलाफ अभियान शुरू हुआ है तो अब ट्रेड लाइसेंस बनना शुरू हुआ है। अभी भी हजारों दुकानों का ट्रेड लाइसेंस बनना बाकी है। इनमें छोटे दुकान से लेकर मल्टीप्लेक्स शॉपिंग मॉल तक शामिल हैं। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर नोटिस भेजा जा रहा है। ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने और इसके अनुसार टैक्स नहीं चुकाने पर व्यवसाईयों से जुर्माना वसूला जाएगा। बीते 6 महीने में कई लोगों ने ट्रेड लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। अप्रैल माह में भी कई लोगों ने ट्रेड लाइसेंस बनाया है। नगर परिषद के अनुसार हाल के दिनों में ट्रेड लाइसेंस लेने के प्रति जागरुकता बढ़ी है लेकिन इसके बावजूद अभी तक करीब 500 के आसपास दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस लिया है और ट्रेड टैक्स चुका रहे हैं। इनमें से भी कई लोगों के लाइसेंस फेल हो चुके हैं। ट्रेड लाइसेंस नहीं बनने से नगर परिषद को करोड़ों रुपए का घाटा हो रहा है। अगर सारी दुकान ट्रेड लाइसेंस ले लें तो नगर परिषद को हर साल करीब डेढ़ करोड़ का फायदा होगा। इतने में शहर की सफाई और लाईटिंग फ्री में हो जाएगी। नगर परिषद म्युनिसिपल एक्ट के तहत पान दुकान से लेकर बड़े-बड़े शापिंग मॉल और शो रूम को भी ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी है। ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए नगर परिषद ने एक सेल भी गठित है। इसके लिए दुकानदारों को 2 फोटोग्राफ, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जीएसटी, अग्निशमन विभाग की एनओसी और दुकान का होल्डिंग टैक्स एवं किरायेनामा की छाया प्रति और यदि कारोबार साझेदारी में हो तो पार्टनरशिप के कागजात की छाया प्रति के साथ आवेदन देना होगा। निजी जमीन में दुकान है तो संबंधित जमीन के कागजात जमा करने होंगे। नगर परिषद कार्यालय के मुताबिक 2016-17 से पूर्व ट्रेड लाइसेंस मैनुअल बनाया जाता था। उस समय तक करीब 18 दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस बनवा रखा था। 2017-18 से इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। अब ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस बनवाया जा सकता है। बताया जाता है कि 10 लाख रुपए तक के टर्न ओवर वाले दुकानों और संस्थानों के लिए 1000 रुपए बतौर सालाना शुल्क देना है तथा 10 लाख और उससे उपर टर्न ओवर वालों को 2 हजार रुपए रुपए देना है। इसके अतिरिक्त दुकानदारों को लाइसेंस का कोई चार्ज नहीं देना है। राजस्व क्षति से बाधित हो रहा विकास कार्य अनुमान के मुताबिक नवादा शहर में करीब 5000 से अधिक दुकानें हैं। लेकिन इनमें से 10 फीसदी संस्थानों के पास भी ट्रेड लाइसेंस नहीं है। करीब 5 हजार से ज्यादा दुकान और व्यवसाईक संस्थान वर्षों से बिना ट्रेड लाइसेंस के ही चल रहें हैं। इनमें शहर के कई बड़े दुकानदार, होटल, डॉक्टर के क्लिनिक भी शामिल है। स्थिति यह है कि बीते तीन वित्तीय वर्ष में लगभग 300 दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस बनवाया है। ट्रेड लाइसेंस से हर साल लगभग डेढृ करोड़ की आमदनी हो सकती है। साफ है कि ट्रेड लाइसेंस से आने वाले राजस्व से साफ-सफाई के अलावा लाईटिंग या अन्य दूसरे काम भी हो सकते हैं। ट्रेड लाइसेंस की आय से बाजार में सफाई, सड़क, नाला, बिजली, शौचालय के अलावा आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलती है। नवादा नगर परिषद में अगर सारे दुकानों का ट्रेड लाइसेंस बन जाए और कर वसूली सुचारू हो जाए तो इससे विभाग को सालाना करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आमदनी संभव है। सिटी रिपोर्टर | नवादा नवादा शहर में करोड़ों और अरबों के व्यापार वाले बड़े शॉपिंग मॉल शॉपिंग कांप्लेक्स और शोरूम हैं। लेकिन इनमें से कई के पास ट्रेड लाइसेंस ही नहीं है। पिछले 6 महीने में इनके खिलाफ अभियान शुरू हुआ है तो अब ट्रेड लाइसेंस बनना शुरू हुआ है। अभी भी हजारों दुकानों का ट्रेड लाइसेंस बनना बाकी है। इनमें छोटे दुकान से लेकर मल्टीप्लेक्स शॉपिंग मॉल तक शामिल हैं। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर नोटिस भेजा जा रहा है। ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने और इसके अनुसार टैक्स नहीं चुकाने पर व्यवसाईयों से जुर्माना वसूला जाएगा। बीते 6 महीने में कई लोगों ने ट्रेड लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। अप्रैल माह में भी कई लोगों ने ट्रेड लाइसेंस बनाया है। नगर परिषद के अनुसार हाल के दिनों में ट्रेड लाइसेंस लेने के प्रति जागरुकता बढ़ी है लेकिन इसके बावजूद अभी तक करीब 500 के आसपास दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस लिया है और ट्रेड टैक्स चुका रहे हैं। इनमें से भी कई लोगों के लाइसेंस फेल हो चुके हैं। ट्रेड लाइसेंस नहीं बनने से नगर परिषद को करोड़ों रुपए का घाटा हो रहा है। अगर सारी दुकान ट्रेड लाइसेंस ले लें तो नगर परिषद को हर साल करीब डेढ़ करोड़ का फायदा होगा। इतने में शहर की सफाई और लाईटिंग फ्री में हो जाएगी। नगर परिषद म्युनिसिपल एक्ट के तहत पान दुकान से लेकर बड़े-बड़े शापिंग मॉल और शो रूम को भी ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी है। ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए नगर परिषद ने एक सेल भी गठित है। इसके लिए दुकानदारों को 2 फोटोग्राफ, आधार कार्ड, पैन कार्ड, जीएसटी, अग्निशमन विभाग की एनओसी और दुकान का होल्डिंग टैक्स एवं किरायेनामा की छाया प्रति और यदि कारोबार साझेदारी में हो तो पार्टनरशिप के कागजात की छाया प्रति के साथ आवेदन देना होगा। निजी जमीन में दुकान है तो संबंधित जमीन के कागजात जमा करने होंगे। नगर परिषद कार्यालय के मुताबिक 2016-17 से पूर्व ट्रेड लाइसेंस मैनुअल बनाया जाता था। उस समय तक करीब 18 दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस बनवा रखा था। 2017-18 से इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। अब ऑनलाइन ट्रेड लाइसेंस बनवाया जा सकता है। बताया जाता है कि 10 लाख रुपए तक के टर्न ओवर वाले दुकानों और संस्थानों के लिए 1000 रुपए बतौर सालाना शुल्क देना है तथा 10 लाख और उससे उपर टर्न ओवर वालों को 2 हजार रुपए रुपए देना है। इसके अतिरिक्त दुकानदारों को लाइसेंस का कोई चार्ज नहीं देना है। राजस्व क्षति से बाधित हो रहा विकास कार्य अनुमान के मुताबिक नवादा शहर में करीब 5000 से अधिक दुकानें हैं। लेकिन इनमें से 10 फीसदी संस्थानों के पास भी ट्रेड लाइसेंस नहीं है। करीब 5 हजार से ज्यादा दुकान और व्यवसाईक संस्थान वर्षों से बिना ट्रेड लाइसेंस के ही चल रहें हैं। इनमें शहर के कई बड़े दुकानदार, होटल, डॉक्टर के क्लिनिक भी शामिल है। स्थिति यह है कि बीते तीन वित्तीय वर्ष में लगभग 300 दुकानदारों ने ही ट्रेड लाइसेंस बनवाया है। ट्रेड लाइसेंस से हर साल लगभग डेढृ करोड़ की आमदनी हो सकती है। साफ है कि ट्रेड लाइसेंस से आने वाले राजस्व से साफ-सफाई के अलावा लाईटिंग या अन्य दूसरे काम भी हो सकते हैं। ट्रेड लाइसेंस की आय से बाजार में सफाई, सड़क, नाला, बिजली, शौचालय के अलावा आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलती है। नवादा नगर परिषद में अगर सारे दुकानों का ट्रेड लाइसेंस बन जाए और कर वसूली सुचारू हो जाए तो इससे विभाग को सालाना करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा की आमदनी संभव है।
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