केविके में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
किसानों को प्राकृतिक खेती का बताएंगी गुर
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन कार्यक्रम के तहत कृषि सखी राजदूत बनकर किसानों को प्राकृतिक खेती का गुर बताने के साथ उसके फायदे बताएंगी। कृषि सखियां अपने-अपने सेक्टर में पांच-पांच हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। कृषि विज्ञान केद्र में 40 कृषि सखियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। ये सखियां 400 कृषि सखियों को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण देंगी और दो लाख से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती का फलसफा बताएंगी।
कृषि सखियां प्राकृतिक खेती के लिए करेंगी प्रेरित
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत पांच दिवसीय (6 से 11 अक्टूबर) आवासीय कृषि सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। समापन अवसर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सृष्टि देशमुख ने कृषि सखियों से कहा कि आप ने जो सीखा है उसे एक राजदूत बनकर अपने अपने क्षेत्र में 5000 किसान भाईयों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करेंगी। साथ ही 400 और नई कृषि सखियों को सिखाना है। जिससे हम सब मिलकर प्राकृतिक खेती को एक नया आयाम दे पाएं। अपर कलेक्टर ने सखियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किए।
कृषि सखी किसानों व वैज्ञानिकों के बीच विशेष कड़ी
अध्यक्षता कर रहे बीएम कृषि कॉलेज डीन डीएच रानाडे प्राकृतिक खेती का मूल उद्देश्य बताया। आत्मा परियोजना के परियोजना संचालक आनंद सिंह सोलंकी ने कहा कि कृषि सखी किसानों और वैज्ञानिकों के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर डॉ. योगेंद्र शुक्ला केवीके वैज्ञानिक, डॉ. रस्मी शुक्ला केवीके वैज्ञानिक, भवानी सिंह राठौड़, अजय पटेल आदि ने प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
चार ब्लॉकों की 40 को दिया प्रशिक्षण
खंडवा, छैगांव माखन पंधाना,पुनासा ब्लाक से कुल 40 कृषि सखियों को प्रशिक्षण दिया गया। इनके साथ प्रत्येक विकासखंड के प्रभारी बीटीएम, एटीएम भी प्रशिक्षण में उपस्थित रहे। सखियों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत,एवं अन्य पद्धति की बारीकियां बताई गई।


