Monsoon Hair Care Tips: बारिश का मौसम जहां एक तरफ ठंडक और राहत लाता है, वहीं दूसरी ओर यह बालों और स्कैल्प के लिए कई समस्याओं का कारण भी बनता है। लगातार नमी और पसीना स्कैल्प में गंदगी जमा होने का कारण बनते हैं, जिससे जूं और लीख पनप सकते हैं। ऐसे में नियमित सफाई और कुछ प्राकृतिक उपायों से आप बालों को इन परेशानियों से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं 3 बेहद आसान लेकिन असरदार घरेलू नुस्खे।
मानसून में क्यों बढ़ता है जूं और लीख का खतरा
बारिश के मौसम में नमी और पसीना स्कैल्प पर बैक्टीरिया और फंगस को पनपने देता है, जिससे जूं-लीख की समस्या तेजी से बढ़ती है।अगर समय रहते केयर ना की जाए, तो ये सिर की खुजली, इंफेक्शन और बाल झड़ने जैसी दिक्कतें भी बढ़ा सकते हैं।
नींबू का रस और नारियल तेल
नींबू का रस और नारियल तेल बालों और स्कैल्प की देखभाल के लिए एक असरदार घरेलू उपाय है। नींबू स्कैल्प को गहराई से साफ करता है, जबकि नारियल तेल नमी बनाए रखता है। दो चम्मच नारियल तेल में एक चम्मच नींबू रस मिलाकर स्कैल्प पर लगाएं और 30 मिनट बाद माइल्ड शैम्पू से धो लें। यह मिश्रण जूं हटाने में मदद करता है और बालों को फ्रेश व चमकदार बनाता है। सप्ताह में 1-2 बार इसका इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा।
नीम की पत्तियों का पानी
नीम अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुणों के लिए जाना जाता है, जो स्कैल्प इंफेक्शन और लीख की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। मुट्ठीभर नीम की पत्तियों को 10 मिनट तक उबालें और ठंडा होने पर उसी पानी से बाल धो लें। चाहें तो पत्तियों का पेस्ट बनाकर स्कैल्प पर भी लगाया जा सकता है। यह स्कैल्प को डीटॉक्स कर बालों को सॉफ्ट और हेल्दी बनाता है।
एप्पल साइडर विनेगर (ACV) रिंस
एप्पल साइडर विनेगर (ACV) स्कैल्प को गहराई से साफ करने और जूं की ग्रोथ को रोकने में बेहद असरदार होता है। यह स्कैल्प से गंदगी हटाने के साथ-साथ उसके pH स्तर को संतुलित बनाए रखता है। इसके उपयोग के लिए एक कप पानी में दो चम्मच ACV मिलाएं और शैम्पू करने के बाद इस मिश्रण से बालों को अंतिम बार रिंस करें। इसे 5 मिनट तक बालों में छोड़ने के बाद साफ पानी से धो लें। नियमित इस्तेमाल से स्कैल्प हेल्दी रहता है और जूं-लीख जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
लाइफस्टाइल टिप
मानसून में बालों को खुला रखने से बचें और हफ्ते में कम से कम दो बार स्कैल्प की गहराई से सफाई जरूर करें। गीले बालों को टाई करके न रखें, इससे नमी और संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
No tags for this post.