Money Borrow Friend: दोस्ती में एक-दूसरे की मदद करना आम बात है, और इसमें आर्थिक सहायता भी शामिल होती है। लेकिन जब पैसों की वापसी की बारी आती है, तो मामला अक्सर उलझ जाता है। हाल ही में किए गए एक सर्वे में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि अधिकतर लोग अपने दोस्तों को दिए गए उधार की रकम कभी वापस नहीं पा सके।अगर आप भी अपने दोस्तों को उधार दे बैठे हैं और अब सोच में डूबे हैं कि कहीं मांगने से दोस्ती न टूट जाए, तो कुछ तरीकों को अपनाकर आप इस स्थिति को संभाल सकते हैं।
उधार बना रिश्ता तोड़ने की वजह – सर्वे
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Pubity द्वारा कराए गए इस सर्वे में 73% प्रतिभागियों ने माना कि उन्होंने जो पैसे दोस्तों को उधार दिए, वे उन्हें वापस नहीं मिले। यही नहीं, पैसों को लेकर हुए विवाद ने कई पुराने और गहरे रिश्तों को भी तोड़ दिया।
क्यों नहीं लौटाते दोस्त पैसे (Why don’t friends return the money)
पैसे को ‘तोहफा’ समझ बैठते हैं
कई बार दोस्त उधार को सीरियसली नहीं लेते और सोचते हैं कि आपने मदद की है, वापस करना जरूरी नहीं।
संकोच या शर्म
कुछ लोग पैसे लौटाने में झिझकते हैं, खासकर अगर रकम बड़ी हो और वे आर्थिक रूप से कमजोर हों।
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भूल जाना या टालना
कुछ दोस्त सच में भूल जाते हैं, तो कुछ जानबूझकर बात को टालते रहते हैं।
रिश्ते का फायदा उठाना
करीबी दोस्त ये मानकर चलते हैं कि आप दोस्ती की वजह से ज्यादा जोर नहीं देंगे।
खराब आर्थिक हालत
कई बार सामने वाला वाकई में मुश्किल में होता है और पैसे लौटाने की हालत में नहीं होता।
रिश्ते खराब किए बिना पैसे वापस लेने के आसान टिप्स
शांति से बात करें
सीधे और साफ शब्दों में, लेकिन शांति से बताएं कि आपको पैसों की जरूरत है।
याद दिलाना लेकिन प्यार से
मैसेज या कॉल के जरिए विनम्रता से याद दिलाएं। कभी-कभी लोग भूल जाते हैं।
किस्तों में वापसी का सुझाव दें
अगर दोस्त के पास एक साथ पैसा नहीं है, तो किस्तों में लौटाने का विकल्प दें।
लिखित रूप में बात करें
अगर रकम ज्यादा है, तो मैसेज या ईमेल में बात करना बेहतर होता है ताकि बाद में कोई गलतफहमी न हो।
गवाह बनाएं
कोई तीसरा भरोसेमंद व्यक्ति, जैसे कोई और दोस्त या रिश्तेदार, इस बातचीत में शामिल हो सकता है।
कानूनी विकल्प (आखिरी उपाय)
अगर सारे प्रयास फेल हो जाएं, तो कानूनी सलाह लें। आप कोर्ट में दावा भी कर सकते हैं, खासकर अगर आपके पास ट्रांजैक्शन का सबूत हो (जैसे ऑनलाइन ट्रांसफर या कोई लिखित सबूत)।
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