10 मिनट के लिए मोबाइल की रोशनी भी नहीं दिखी:सड़कों पर रुक गईं गाड़ियां, ब्लैकआउट खत्म होते ही लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे

10 मिनट के लिए मोबाइल की रोशनी भी नहीं दिखी:सड़कों पर रुक गईं गाड़ियां, ब्लैकआउट खत्म होते ही लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगे

पाक में आतंकियों के खिलाफ इंडियन एयरफोर्स ने एयरस्ट्राइक किया। जिस के बाद पाकिस्तान से जारी तनातनी के बीच पूर्णिया में बुधवार 7 मई को मॉक ड्रिल हुआ। पूर्णिया के आर एन साह चौक पर ठीक 6 बजकर 58 मिनट पर सायरन बजने लगी। सभी जगह से लाइटें बंद हो गईं। डीएम कुंदन कुमार, एसपी कार्तिकेय शर्मा, एसडीओ पार्थ गुप्ता पुलिस बल और वॉलंटियर्स तय समय से पहले आर एन साह पहुंच गए। 7 बजे पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। 10 मिनट तक ब्लैकआउट रहा। सभी ने घर, प्रतिष्ठान, मंदिर यहां तक की बाइक और मोबाइल तक की लाइट तक बंद कर दी। इस दौरान पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा। शहर के हृदयस्थली आर एन साह चौक पर आमदिनों से बिल्कुल अलग नजारा दिखाई दिया। ब्लैकआउट के दौरान गाड़ियों के पहिए रुके रहे। खुद को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनाने के लिए शहर के आर एन साह चौक पर सैकड़ों लोग जुट गए। भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। 10 मिनट बाद फिर से बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई। वहीं ब्लैकआउट के बाद लाइट आते ही आर एन साह पर जुटे लोग जोश और उत्साह से भर गए। भारत और भारतीय सेना के जयघोष के नारे लगाते लोगों का उमंग देखने लायक था। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। पूर्णिया को कैटगरी-2 में रखा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। जिस वजह से पूर्णिया में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट हुआ। अस्पताल और एंबुलेंस को ब्लैकआउट से छूट रही इस दौरान मीडिया से बात करते हुए डीएम कुंदन कुमार ने कहा, ‘ये मॉक ड्रिल भारत सरकार के सिविल डिफेंस गाइडलाइन के तहत की गई है। अभ्यास देश के 244 जिलों में किया गया हैं। जिसमें बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय जिलों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। मॉक ड्रिल को लेकर पूरी पूर्णिया जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इससे पहले फायर ब्रिगेड, पुलिस, थानों की गाड़ियां और अन्य आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लोगों को सूचित किया था। इमरजेंसी सेवाओं जैसे अस्पताल और एंबुलेंस को इस ब्लैकआउट से छूट रही।’ नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि यह केवल एक रिहर्सल है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि युद्ध छिड़ा नहीं है, यह सिर्फ एक रिहर्सल है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल नागरिकों को जागरूक करने और सुरक्षा तंत्र की जांच के लिए की गई है। इस रिहर्सल में सिविल डिफेंस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन विभाग, दमकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल शामिल रही। पाक में आतंकियों के खिलाफ इंडियन एयरफोर्स ने एयरस्ट्राइक किया। जिस के बाद पाकिस्तान से जारी तनातनी के बीच पूर्णिया में बुधवार 7 मई को मॉक ड्रिल हुआ। पूर्णिया के आर एन साह चौक पर ठीक 6 बजकर 58 मिनट पर सायरन बजने लगी। सभी जगह से लाइटें बंद हो गईं। डीएम कुंदन कुमार, एसपी कार्तिकेय शर्मा, एसडीओ पार्थ गुप्ता पुलिस बल और वॉलंटियर्स तय समय से पहले आर एन साह पहुंच गए। 7 बजे पूरा शहर अंधेरे में डूब गया। 10 मिनट तक ब्लैकआउट रहा। सभी ने घर, प्रतिष्ठान, मंदिर यहां तक की बाइक और मोबाइल तक की लाइट तक बंद कर दी। इस दौरान पूरा शहर अंधेरे में डूबा रहा। शहर के हृदयस्थली आर एन साह चौक पर आमदिनों से बिल्कुल अलग नजारा दिखाई दिया। ब्लैकआउट के दौरान गाड़ियों के पहिए रुके रहे। खुद को इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनाने के लिए शहर के आर एन साह चौक पर सैकड़ों लोग जुट गए। भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते रहे। 10 मिनट बाद फिर से बिजली व्यवस्था बहाल कर दी गई। वहीं ब्लैकआउट के बाद लाइट आते ही आर एन साह पर जुटे लोग जोश और उत्साह से भर गए। भारत और भारतीय सेना के जयघोष के नारे लगाते लोगों का उमंग देखने लायक था। सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स को उनकी संवेदनशीलता के आधार पर 3 कैटेगरी में बांटा गया है। पूर्णिया को कैटगरी-2 में रखा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। जिस वजह से पूर्णिया में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट हुआ। अस्पताल और एंबुलेंस को ब्लैकआउट से छूट रही इस दौरान मीडिया से बात करते हुए डीएम कुंदन कुमार ने कहा, ‘ये मॉक ड्रिल भारत सरकार के सिविल डिफेंस गाइडलाइन के तहत की गई है। अभ्यास देश के 244 जिलों में किया गया हैं। जिसमें बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय जिलों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है। मॉक ड्रिल को लेकर पूरी पूर्णिया जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इससे पहले फायर ब्रिगेड, पुलिस, थानों की गाड़ियां और अन्य आपातकालीन सेवाएं सायरन बजाकर लोगों को सूचित किया था। इमरजेंसी सेवाओं जैसे अस्पताल और एंबुलेंस को इस ब्लैकआउट से छूट रही।’ नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि यह केवल एक रिहर्सल है और नागरिकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि युद्ध छिड़ा नहीं है, यह सिर्फ एक रिहर्सल है। एसपी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल नागरिकों को जागरूक करने और सुरक्षा तंत्र की जांच के लिए की गई है। इस रिहर्सल में सिविल डिफेंस, होमगार्ड, आपदा प्रबंधन विभाग, दमकल विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल शामिल रही।  

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