सीवान में वोट से पहले बदइंतजामी का खुलासा:जिला पशु अस्पताल में बने बूथ की हालत बदहाल, प्रशासन की तैयारियों पर बड़े सवाल

सीवान में वोट से पहले बदइंतजामी का खुलासा:जिला पशु अस्पताल में बने बूथ की हालत बदहाल, प्रशासन की तैयारियों पर बड़े सवाल

चुनाव आयोग जहां लगातार निष्पक्ष, सुरक्षित और सुगम मतदान का दावा करता नहीं थक रहा, वहीं सिवान सदर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ से तैयारी की पोल खुलती साफ नज़र आ रही है। जिला मुख्यालय में व सदर अस्पताल से 200 मीटर दूरी पर स्थित जिला पशु अस्पताल परिसर में दो मतदान केंद्र बनाए गए हैं—बूथ संख्या 293 और 294। लेकिन मतदान शुरू होने में कुछ घंटे ही बचे हैं और यहां की जमीनी हकीकत प्रशासन और चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। यह स्थान जिला के सभी शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय और आवास के बेहद नजदीक होने के बावजूद पूरी तरह बदहाल है। जिस भवन में मतदान होना है, वह जस का तस जर्जर अवस्था में पड़ा है। दीवारों पर पपड़ी झड़ चुकी है, छत में दरारें हैं और फर्श टूट-फूट चुका है। और तो और, जिस कमरे में EVM मशीन रखी जानी है और जहां मतदाता मतदान करेंगे, उस कमरे में ठीक से प्रवेश तक संभव नहीं। स्थिति इतनी गंभीर है कि बूथ संख्या 294 में तो EVM रखने की जगह तक नहीं मिल रही। बूथ परिसर में बैठने की जगह नहीं सबसे बड़ी समस्या यह है कि 2 बूथों पर तैनात करीब 8 मतदान कर्मियों, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं और लगभग 10 पुलिसकर्मियों के लिए रातभर रुकने की कोई व्यवस्था नहीं। बूथ परिसर में न बैठने की जगह है, न आराम का कोई इंतज़ाम। ऐसे में जब मतदान दल पूरी रात बिना आराम और असुविधा में गुजारेंगे, तो सुबह स्वस्थ और सतर्क तरीके से मतदान प्रक्रिया कैसे संचालित कर पाएंगे? यह प्रश्न चुनाव की पारदर्शिता और कुशलता पर गहरा धब्बा छोड़ता है। चुनाव आयोग जहां लगातार निष्पक्ष, सुरक्षित और सुगम मतदान का दावा करता नहीं थक रहा, वहीं सिवान सदर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ से तैयारी की पोल खुलती साफ नज़र आ रही है। जिला मुख्यालय में व सदर अस्पताल से 200 मीटर दूरी पर स्थित जिला पशु अस्पताल परिसर में दो मतदान केंद्र बनाए गए हैं—बूथ संख्या 293 और 294। लेकिन मतदान शुरू होने में कुछ घंटे ही बचे हैं और यहां की जमीनी हकीकत प्रशासन और चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। यह स्थान जिला के सभी शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय और आवास के बेहद नजदीक होने के बावजूद पूरी तरह बदहाल है। जिस भवन में मतदान होना है, वह जस का तस जर्जर अवस्था में पड़ा है। दीवारों पर पपड़ी झड़ चुकी है, छत में दरारें हैं और फर्श टूट-फूट चुका है। और तो और, जिस कमरे में EVM मशीन रखी जानी है और जहां मतदाता मतदान करेंगे, उस कमरे में ठीक से प्रवेश तक संभव नहीं। स्थिति इतनी गंभीर है कि बूथ संख्या 294 में तो EVM रखने की जगह तक नहीं मिल रही। बूथ परिसर में बैठने की जगह नहीं सबसे बड़ी समस्या यह है कि 2 बूथों पर तैनात करीब 8 मतदान कर्मियों, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं और लगभग 10 पुलिसकर्मियों के लिए रातभर रुकने की कोई व्यवस्था नहीं। बूथ परिसर में न बैठने की जगह है, न आराम का कोई इंतज़ाम। ऐसे में जब मतदान दल पूरी रात बिना आराम और असुविधा में गुजारेंगे, तो सुबह स्वस्थ और सतर्क तरीके से मतदान प्रक्रिया कैसे संचालित कर पाएंगे? यह प्रश्न चुनाव की पारदर्शिता और कुशलता पर गहरा धब्बा छोड़ता है।  

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