ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने पुरी (ओडिशा) में आयोजित ग्लोबल एनर्जी लीडर्स समिट में राजस्थान के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया। इस दौरान मंत्री नागर ने समिट में सस्टेनेबल एनर्जी का रोडमैप रखते हुए विस्तार से चर्चा की। समिट की मुख्य थीम “पर्याप्तता, संतुलन और इनोवेशन” थी। समिट ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों पर केंद्रित रही और भविष्य के समाधान भी प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि आज भारत ऊर्जा आत्मनिर्भरता, ग्रीन ट्रांजिशन और नेट जीरो भविष्य की ओर तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावॉट एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राजस्थान भी 125 गीगावॉट उत्पादन कर प्रधानमंत्री के इस संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पुरी में जगन्नाथ भगवान इस संकल्प की पूर्ति में सहयोगी बनेंगे। राजस्थान अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के साथ ही, देश की ऊर्जा के क्षेत्र में चुनौती को भी दूर करने का काम करेगा।पीक आवर्स में ऊर्जा की डिमांड एक बड़ी चुनौती है। बैट्री स्टोरेज के द्वारा इस समस्या का बहुत हद तक समाधान किया जा सकता है।-ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि राजस्थान में 6000 मेगावाट बैटरी स्टोरेज के टेंडर किए जा चुके हैं। जिनमें से कुछ यूनिट चालू होने वाली हैं और अभी कुछ पाइपलाइन में हैं। सूर्य देव का राजस्थान पर अपार आशीर्वाद है। जहां रेतीले टीले अब सोना उगल रहे हैं।-ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पिछले दिनों राजस्थान में हुई समिट के दौरान 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए थे। जिनमें से 28 लाख करोड़ के एमओयू ऊर्जा क्षेत्र से हैं। इन्हें आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। राजस्थान में रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी बनाई गई है। जिसके द्वारा निवेशकों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है।


