एक्ट्रेस रुही सिंह की फिल्म ‘मस्ती 4’ जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान एक्ट्रेस ने बताया कि ‘मस्ती 4’ में प्रोड्यूसर इंद्र कुमार और डायरेक्टर मिलाप जावेरी जैसी टीम के साथ काम करना उनके लिए सपना सच होने जैसा था। यूके में हुई शूटिंग के अनुभव से लेकर कॉमेडी किरदार की तैयारी तक, हर कदम उनके लिए सीखने का मौका था। अपने माता-पिता, खासकर पिता के साथ गहरे रिश्ते को वह अपनी ताकत मानती हैं। पेश है रुही सिंह से हुई बातचीत के कुछ प्रमुख अंश। सवाल: ‘मस्ती 4’ आपके लिए बड़ा मौका रहा। कैसे मिला और अनुभव कैसा रहा? जवाब: जब फिल्म का ऑफर मिला, तो मैं बहुत खुश हुई क्योंकि इसे इंदु जी (इंद्र कुमार) बना रहे हैं और मिलाप जावेरी डायरेक्टर हैं। स्टार कास्ट भी शानदार है। मुझे लगा यह मेरे टैलेंट दिखाने का अच्छा मौका है। शूटिंग यूके में हुई, और मैंने अपने रोल के लिए खूब तैयारी की। यह अनुभव मेरे लिए बहुत खास रहा। सवाल: आपने किरदार के लिए क्या तैयारियां की थीं? जवाब: यह एक कॉमेडी फिल्म है, इसलिए मैं चाहती थी कि मेरा अभिनय नेचुरल और दिल से हो। मैंने कई कॉमेडी फिल्मों को देखा और अपनी लाइनों पर खास ध्यान दिया कि मैं उसमें कुछ नया और मजेदार जोड़ सकूं। मेरा मानना है कि अगर आप कॉमेडी में कॉन्फिडेंट और आरामदायक होंगे तो एकदम फनी डायलॉग्स आसानी से आ जाते हैं, और मैंने यही अपने किरदार में लाने की कोशिश की। सवाल: शूटिंग के दौरान आपका सबसे यादगार पल कौन-सा रहा? जवाब: पूरी फिल्म की शूटिंग ही यादगार थी। मैं हर सीन को बहुत सीरियसली लेती थी, यहां तक कि कॉमेडी में भी। रात-रात भर अपनी लाइन्स पर मेहनत करती थी। फिर मेरी मम्मी ने कहा कि थोड़ा एन्जॉय भी करो। बाद में जब हम सब ने रितेश जी की पत्नी जेनेलिया मैम का बर्थडे सेट पर सेलिब्रेट किया, तो वो पल बहुत खास लगा। सवाल: आपकी शुरुआत मॉडलिंग और सौंदर्य प्रतियोगिता से हुई। आपने कब सोचा कि इंडस्ट्री में करियर बनाना है? यह ख्याल कहां से आया? जवाब: मुझे बचपन से ही यह चाहत थी कि मैं कुछ बड़ा करूं। मैं जयपुर से हूं। बचपन में मैं स्टेज पर आना और लोगों के सामने नजर आना चाहती थी। मैं डांस और दूसरे कॉम्पिटिशन में हमेशा भाग लेती थी। जहां दूसरों को स्टेज पर डर लगता है, मुझे वहां आने में खुशी मिलती थी। मैं हमेशा बाहर रहना और लोगों के सामने दिखना चाहती थी। मेरे नानाजी इंडियन आर्मी में थे। उन्होंने मेरा बहुत साथ दिया। मैंने उन्हें बताया कि मैं पॉप स्टार बनना चाहती हूं। नानाजी ने मुझे अपनी कार में ले जाकर गिटार और सिंगिंग क्लासेस ज्वाइन करवाईं और मेरा हर उस काम में समर्थन किया, जिसे मैं करना चाहती थी। मैंने स्कूल से ही पेजेंट्स और स्टेज पर हिस्सा लेना शुरू किया और हर बार चुन ली जाती थी। मुझे हमेशा मजा आता था और मैंने कभी सोचा नहीं कि लोग क्या सोच रहे हैं। पॉजिटिव सोच के साथ बिना किसी सपोर्ट के मेरी मेहनत रंग लाई और आज मेरे पास ‘मस्ती 4’ जैसी बड़ी फिल्म है। सवाल: तो आपने और आगे, जैसे मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स में हिस्सा क्यों नहीं लिया? जवाब: मैंने तीन बार इंटरनेशनल लेवल पर इंडिया को रिप्रेजेंट किया। मिस मॉडल ऑफ द वर्ल्ड, मिस यूनाइटेड नेशंस चाइना और मियामी में। कई पेजेंट्स कर चुकी हूं, फिर मधुर भंडारकर की फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ फिल्म में काम किया और सोचा, अब काफी हो गया। मेरे लिए पेजेंट्स का मकसद दुनिया देखना और एक्सपोजर पाना था। जयपुर से बाहर निकलकर अलग-अलग लोगों से मिलना चाहती थी। पहली बार विदेश भी इंडिया को रिप्रेजेंट करने ही गई थी, पापा भी साथ गए थे, जो मेरा सपना था। सवाल: क्या आपका सिंगिंग का शौक खत्म हो गया? जवाब: नहीं, अभी भी शौक है। मैं थोड़ी और फेमस होने के बाद अपना गाना जरूर गाऊंगी। मेरा सपना है कि एक दिन इंटरनेशनल एल्बम बनाऊंगी। सवाल: जब मुंबई आप आईं, तो किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा? जवाब: जब मैं मुंबई आई, तो यह शहर मेरे लिए नया और मुश्किल था। लोग अलग तरह के थे, लेकिन मैंने धैर्य रखा। कई लोगों ने मुझे समर्थन दिया, लेकिन कुछ ने कहा कि मैं सफल नहीं हो पाऊंगी। पर मैं कभी हार नहीं मानती क्योंकि मुझे विश्वास है कि मैं कर सकती हूं। अभी भी मैं इस इंडस्ट्री को समझने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन मैं अकेले अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए पूरी कोशिश कर रही हूं। सवाल: पहला ऑडिशन याद है? जवाब: नहीं, पहला याद नहीं, बहुत ऑडिशन दिए हैं। ज्यादातर में चयन नहीं हुआ, खासकर ऐड के लिए। आराम नगर में रोज एक नया ऑडिशन होता था। कई बार रिजेक्शन मिला, पर वही सबसे बड़ी सीख बनी। एक दिन उदास हो लो, पर अगले दिन फिर उठो। खुद को संभाला, खुद को ही मोटिवेट किया। सवाल: मधुर भंडारकर से मुलाकात कैसे हुई थी? जवाब: मैं एक ऑडिशन में गई थी, वहीं मेरी मुलाकात मधुर भंडारकर से हुई। मैंने ‘मयूरी चौहान’ के लिए ऑडिशन दिया और वह मुझे उसी वक्त चुन लिया। उन्होंने कहा, ‘हमें मिल गई मयूरी!’ फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ आने के बाद लोग आज भी मुझे मयूरी कहकर याद करते हैं। सवाल: फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ रिलीज हुई तो सबसे प्यारा कॉम्प्लीमेंट कौन सा मिला? किससे मिला? जवाब: मेरे पेरेंट्स ने कहा कि मैं स्क्रीन पर बिल्कुल रूही जैसी लग रही थी, जैसे एक्टिंग नहीं की हो। ऑडियंस को भी मेरा काम बहुत पसंद आया। लोग अक्सर मेरी फिल्म की लाइन बोलते थे- ‘यह लड़की बहुत आगे जाएगी’यह मुझे सबसे प्यारा कॉम्प्लीमेंट लगा। सवाल: इंडस्ट्री से क्या रिएक्शन मिला? जवाब: इंडस्ट्री के जिन लोगों ने फिल्म देखी, उन्हें मेरा काम अच्छा लगा। लेकिन जैसे सोचते हैं कि फिल्म के बाद बहुत सारे ऑफर आ जाएंगे, वैसा नहीं हुआ। सवाल: आपको क्यों नहीं फिल्में ऑफर हुईं? जवाब: क्योंकि वो फिल्म नहीं चली। लेकिन मैंने पूरी मेहनत की थी और मधुर भंडारकर जी जैसे नेशनल अवॉर्ड विनर डायरेक्टर के साथ काम करना मेरे लिए सौभाग्य था। फिल्म का चलना या न चलना किस्मत पर निर्भर करता है, किसी के हाथ में नहीं होता। सवाल- जब हौसला टूटा, तो मजबूती कहां से मिली? जवाब- मेरे पेरेंट्स का बहुत बड़ा साथ है, खासकर मेरी मम्मी, जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त और इंस्पिरेशन हैं। मुझमें एक जिद है कि मैं अपनी मंजिल जरूर पाऊंगी। स्कूल में लोग कहते हैं कि टॉप पर पहुंचना आसान नहीं होता है, लेकिन मैं मानती हूं कि एक दिन मेरा भी सबसे अच्छा वक्त आएगा। सवाल: अपने पेरेंट्स के बारे में थोड़ा बताएं। जवाब: मेरे पापा मेरे बहुत करीब हैं, वो मेरी जान हैं। वो हमेशा मुझे कहानियां सुनाते हैं। जो फिल्म ‘मस्ती 4’ आने वाली है, वो भी मैं अपने मम्मी-पापा के लिए कर रही हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें मुझ पर गर्व हो, क्योंकि मेरे पापा मेरी पूरी दुनिया हैं। वो एक कहानी सुनाते हैं- एक जादूगर की, जिसके पास बहुत ताकत थी। वो जो चाहे हासिल कर सकता था, लेकिन उसकी जान एक तोते में बसती थी। वही उसकी कमजोरी थी। तो मैं बस यही कहना चाहती हूं कि मैं वो तोता नहीं हूं, लेकिन मेरे लिए मेरे पापा ही सब कुछ हैं। मैं जो काम कर रही हूं, वो सिर्फ इसलिए कि मेरे मम्मी-पापा को मुझ पर गर्व हो। उनके बिना ये सबका कोई मतलब नहीं है। सवाल: पढ़ाई कहां से हुई, उसके बारे में बताएं। जवाब: मैं जयपुर के जेवियर्स स्कूल में पढ़ी हूं। बचपन से मैं खेल-कूद और पढ़ाई में अच्छी रही हूं। मुझे कई सर्टिफिकेट और पुरस्कार मिले। मैंने मार्शल आर्ट्स और किक बॉक्सिंग भी सीखी हैं। अब मैं लॉ की पढ़ाई कर रही हूं। फिल्म ‘मस्ती 4’ रिलीज होने के बाद मैं एग्जाम देने जा रही हूं। मैं बीबीए, एलएलबी और मास्टर्स करना चाहती हूं। सवाल: ‘मस्ती 4’ के अलावा कोई नया ऑफर है या फिल्म रिलीज के बाद सोचेंगी? जवाब: अभी कुछ बातों पर चर्चा चल रही है, पर मैं चाहती हूं पहले फिल्म रिलीज हो जाए। अगर फिल्म और मेरा काम लोगों को पसंद आया, तो आगे और अच्छे ऑफर मिलेंगे।


