भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड की बैजानी पंचायत स्थित हनुमान मंदिर परिसर में बुधवार को 30 दिवसीय श्री श्री 1008 अखंड रामचरितमानस पाठ का समापन हुआ। कार्तिक मास की शुरुआत से निरंतर चल रहे इस पाठ में चौबीसों घंटे श्रीरामचरितमानस का पाठ किया गया। समापन अवसर पर क्षेत्र में भक्तिमय माहौल देखा गया। इस आयोजन में आसपास के गाँवों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। हनुमान मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ और भक्ति गीतों से गूंजता रहा। आयोजन समिति ने भोजन, जल और विश्राम की विशेष व्यवस्था की थी। इसके साथ ही लाइटिंग, ध्वनि और सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया। पूरे 30 दिनों तक आचार्य शैलेंद्र कुमार ने केवल जल पर रहकर पूजा-पाठ में हिस्सा लिया। समापन अवसर पर हवन, सत्यनारायण भगवान की पूजा और भंडारे का आयोजन किया गया। इसके बाद ब्राह्मण कन्या भोजन और प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। रामचरितमानस पाठ समिति के सदस्यों ने बताया कि यह आयोजन वर्षों से परंपरागत रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अब बैजानी पंचायत की धार्मिक पहचान बन चुका है और क्षेत्र में भक्ति, एकता तथा सामाजिक समरसता का प्रतीक है। भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड की बैजानी पंचायत स्थित हनुमान मंदिर परिसर में बुधवार को 30 दिवसीय श्री श्री 1008 अखंड रामचरितमानस पाठ का समापन हुआ। कार्तिक मास की शुरुआत से निरंतर चल रहे इस पाठ में चौबीसों घंटे श्रीरामचरितमानस का पाठ किया गया। समापन अवसर पर क्षेत्र में भक्तिमय माहौल देखा गया। इस आयोजन में आसपास के गाँवों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे। हनुमान मंदिर परिसर श्रद्धालुओं की भीड़ और भक्ति गीतों से गूंजता रहा। आयोजन समिति ने भोजन, जल और विश्राम की विशेष व्यवस्था की थी। इसके साथ ही लाइटिंग, ध्वनि और सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया गया। पूरे 30 दिनों तक आचार्य शैलेंद्र कुमार ने केवल जल पर रहकर पूजा-पाठ में हिस्सा लिया। समापन अवसर पर हवन, सत्यनारायण भगवान की पूजा और भंडारे का आयोजन किया गया। इसके बाद ब्राह्मण कन्या भोजन और प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। रामचरितमानस पाठ समिति के सदस्यों ने बताया कि यह आयोजन वर्षों से परंपरागत रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अब बैजानी पंचायत की धार्मिक पहचान बन चुका है और क्षेत्र में भक्ति, एकता तथा सामाजिक समरसता का प्रतीक है।


