हजारीबाग पुलिस ने संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए एक विशेष अभियान चलाया और रविवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। केरेडारी थाना क्षेत्र के बुंडू जंगल में छापेमारी कर पुलिस ने चार अपराधियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जिले में बढ़ते संगठित अपराध को रोकने की दिशा में अहम मानी जा रही है। पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन को गुप्त सूचना मिली थी कि जंगल में सक्रिय अपराधी किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं। सूचना मिलते ही बड़कागांव एसडीपीओ पवन कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई और तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया गया। कुख्यात गिरोह के सदस्य थे आरोपी छापेमारी के दौरान पुलिस ने अर्जुन करमाली उर्फ जयकांत उर्फ भैरव सिंह, समीर कुमार, राहुल कुमार और निखिल विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया। सभी अपराधी हथियारों के साथ मौजूद थे और किसी बड़ी घटना की तैयारी में थे। पूछताछ में अर्जुन करमाली ने खुलासा किया कि वह कभी टीपीसी संगठन से जुड़ा था, लेकिन बाद में उसने अपना गिरोह ‘आलोक गिरोह’ बना लिया। यह गिरोह रामगढ़, रांची, चतरा और हजारीबाग में सक्रिय था। गिरोह का मुख्य काम एनटीपीसी, उसकी एमडीओ कंपनियों और ट्रांसपोर्टरों से लेवी वसूली करना था। इसके अलावा क्षेत्र में कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देना भी इनकी गतिविधियों का हिस्सा था। पुलिस ने बताया कि 23 नवंबर की रात अपने ही गांव के रूपलाल करमाली की हत्या में भी इसी गिरोह की संलिप्तता थी। बड़े पैमाने पर हथियार बरामद पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक कार्बाइन मशीन गन, तीन पिस्टल, कई जिंदा कारतूस, आठ मोबाइल, दो मोबाइल बैटरी, सिम लगे दो राउटर और एक स्मार्ट वॉच बरामद किया है। पुलिस का कहना है कि इतनी मात्रा में हथियार और उपकरण मिलने से साफ है कि आरोपी किसी बड़े अपराध को अंजाम देने वाले थे। अर्जुन करमाली के खिलाफ हजारीबाग, चतरा और रांची के कई थानों में कुल 15 मामले दर्ज हैं। वह केरेडारी थाना क्षेत्र के बुंडू गांव का निवासी है और काफी समय से पुलिस की निगरानी में था।


