Lucknow Smart Parking Tender: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पार्किंग व्यवस्था को अब पूरी तरह स्मार्ट बनाने की दिशा में नगर निगम ने गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। लंबे समय से स्मार्ट पार्किंग परियोजना अटकी पड़ी थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शुरुआत में 73 प्रमुख पार्किंग स्थलों पर स्मार्ट पार्किंग सुविधाएं लागू की जाएंगी। इसके लिए पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के जरिए निजी ऑपरेटरों का चयन किया जाएगा। चयनित ऑपरेटरों को कम से कम पांच वर्षों के अनुबंध पर पार्किंग संचालन का अधिकार मिलेगा।
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सीएम कार्यालय ने मांगी थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया में यह खबर प्रमुखता से आई थी कि पिछले 10 वर्षों में लखनऊ की एक भी पार्किंग स्मार्ट नहीं बन सकी। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए नगर निगम से यह स्पष्ट जानकारी मांगी थी कि आखिर राजधानी में अब तक स्मार्ट फीचर्स क्यों नहीं जोड़े जा सके। इस संबंध में नगर आयुक्त गौरव कुमार ने 3 जून को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी। रिपोर्ट में बताया गया कि अब स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था को तेजी से धरातल पर उतारने की योजना बनाई गई है और टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

नई नियमावली के तहत संचालन
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि शासन ने हाल ही में पार्किंग संचालन के लिए ‘नगर निगम (पार्किंग स्थान का संनिर्माण, अनुश्रवण एवं प्रबंधन) नियमावली 2025’ लागू की है। इस नई नियमावली के तहत सभी पार्किंग स्थलों पर आधुनिक सुविधाओं के साथ स्मार्ट पार्किंग संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। नियमावली में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निविदा प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और सार्वजनिक हित में रखा जाएगा। जिससे सर्वोत्तम सेवा गुणवत्ता प्रदान की जा सके।
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स्मार्ट पार्किंग में क्या-क्या होगा नया
नए सिस्टम के तहत लखनऊ में स्मार्ट पार्किंग में कई अत्याधुनिक फीचर्स जोड़े जाएंगे, जिससे नागरिकों को एक बेहतर और सुविधाजनक अनुभव मिलेगा। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
- ऑटोमेटिक बैरियर सिस्टम: प्रवेश और निकासी के समय वाहनों के लिए स्वचालित बैरियर लगे होंगे, जिससे मैनुअल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं रहेगी।
- सेंसर आधारित पार्किंग स्पॉट: प्रत्येक पार्किंग स्लॉट में सेंसर लगाए जाएंगे, जो यह बताएंगे कि स्लॉट खाली है या भरा हुआ। इससे वाहन चालक को सही पार्किंग स्पेस ढूंढने में आसानी होगी।
- डिजिटल पेमेंट सिस्टम: क्यूआर कोड स्कैनिंग के जरिए डिजिटल भुगतान की सुविधा उपलब्ध होगी। इससे कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
- मोबाइल ऐप से बुकिंग: एक विशेष मोबाइल ऐप के माध्यम से नागरिक रियल टाइम में पार्किंग स्लॉट बुक कर सकेंगे। साथ ही ऐप के जरिए लाइव ट्रैकिंग और पार्किंग शुल्क का भुगतान भी कर सकेंगे।
- सीसीटीवी निगरानी: सभी स्मार्ट पार्किंग स्थलों पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- लाइव पार्किंग लोकेशन ट्रैकिंग: ऐप और वेब प्लेटफॉर्म पर लाइव पार्किंग लोकेशन दिखाई जाएगी, जिससे वाहन चालकों को खाली स्थान की जानकारी पहले ही मिल जाएगी।

पांच वर्षों के लिए अनुबंध
- नगर निगम की योजना के अनुसार, शुरुआती चरण में 73 प्रमुख पार्किंग स्थलों की पहचान कर ली गई है। इन स्थानों के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
- सफल निविदाकारों को कम से कम पांच वर्षों के अनुबंध के तहत स्मार्ट पार्किंग संचालन का अधिकार दिया जाएगा।
- इससे नगर निगम को नियमित राजस्व भी मिलेगा और पार्किंग संचालन में पारदर्शिता आएगी।
पारंपरिक से स्मार्ट पार्किंग की ओर
अब तक लखनऊ में ज्यादातर पार्किंग स्थल पारंपरिक तरीके से संचालित हो रहे थे। कैश लेनदेन के चलते भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहती थी। पार्किंग की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा था। पार्किंग टिकटों की हेराफेरी और मनमानी वसूली की शिकायतें मिलती रहती थीं। नागरिकों को फ्री पार्किंग स्पेस के लिए भटकना पड़ता था।
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अब स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था लागू होने के बाद
कैशलेस भुगतान से भ्रष्टाचार रुकेगा। रीयल टाइम ट्रैकिंग से पार्किंग स्लॉट की सही जानकारी मिलेगी। सुरक्षा बढ़ेगी और विवाद कम होंगे। नगर निगम को ज्यादा पारदर्शी और स्थिर राजस्व मिलेगा।
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शहरी यातायात को भी मिलेगा लाभ
स्मार्ट पार्किंग का लाभ सिर्फ पार्किंग में ही नहीं, बल्कि इससे शहरी यातायात व्यवस्था को भी फायदा पहुंचेगा। अभी लखनऊ में कई इलाकों में सड़क किनारे अव्यवस्थित तरीके से वाहन खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
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स्मार्ट पार्किंग के तहत
- वाहन चालकों को पूर्व से पता होगा कि पार्किंग कहां उपलब्ध है।
- सड़क किनारे अव्यवस्थित पार्किंग में कमी आएगी।
- शहर में यातायात प्रवाह बेहतर होगा।
- प्रदूषण और ईंधन की बर्बादी भी कम होगी क्योंकि लोगों को पार्किंग खोजने में कम समय लगेगा।
शासन की प्राथमिकता में स्मार्ट पार्किंग
नगर आयुक्त गौरव कुमार के अनुसार स्मार्ट पार्किंग को लेकर शासन भी गंभीर है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह योजना अब तेजी से लागू होनी चाहिए ताकि राजधानी की पार्किंग व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हो सके। नगर निगम ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि प्रक्रिया की हर चरण पर निगरानी की जा रही है।
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