10 साल बाद मिला खोया हुआ बेटा, बेटे के हाथ की कटी उंगली और आंख के नीचे निशान से हुई पहचान

10 साल बाद मिला खोया हुआ बेटा, बेटे के हाथ की कटी उंगली और आंख के नीचे निशान से हुई पहचान

नोएडा से 6 नवंबर 2015 को बालक लापता हो गया था और दो दिन बाद 8 नवंबर 2015 को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना फेस-2 में दर्ज कराई गई थी। कई वर्षों तक लगातार खोजबीन के बावजूद कोई ठोस सुराग नहीं मिला। अंततः 20 दिसंबर 2022 को विवेचना के आधार पर मामले की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।

ऐसे हुई बच्चे की बरामदगी

28 मई 2025 को थाना सूरजकुंड, फरीदाबाद (हरियाणा) में एक बालक के अपहरण की एफआईआर दर्ज हुई। सूरजकुंड पुलिस ने 2 जून 2025 को अपहृत बालक को सकुशल बरामद किया और अभियुक्त मंगल कुमार से पूछताछ की। पूछताछ में यह जानकारी सामने आई कि मंगल कुमार के पास एक और बच्चा है, जिसे नोएडा से लाया गया था, हालांकि बच्चे का नाम बदल चुका था।

6 घंटे की जांच के बाद हुई बच्चे की‌ शिनाख्त

सूरजकुंड पुलिस ने यह जानकारी थाना फेस-2 पुलिस को दी, लेकिन बच्चे के बदले नाम के कारण पहले की गुमशुदगी रिपोर्ट से उसे जोड़ा नहीं जा सका। उसके बाद, थाना फेस-2 पुलिस ने बच्चे को बुलाकर पूछताछ की और 10 वर्षों के अपराध रजिस्टर, याददाश्त रजिस्टर और गुमशुदा रजिस्टर का गहन अध्ययन किया। छह घंटे तक की इस जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह वही बच्चा है जिसकी गुमशुदगी 2015 में दर्ज की गई थी।

पुलिस ने ऐसे किया माता-पिता से संपर्क

बरामद बच्चे को अपनी पहचान के बारे में तो जानकारी थी, लेकिन उसके परिजनों का संपर्क जानकारी नहीं थी। पुलिस ने एफआईआर में दर्ज मोबाइल नंबर के जरिए बच्चे के पिता के मित्र से संपर्क किया और उन्हें सूचना दी। बच्चे के माता-पिता, जो अब मैनपुरी में रहते थे, को सूचना दी गई कि उनका बच्चा मिल गया है। माता-पिता को पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने अपने बेटे की शारीरिक पहचान के निशान – दाहिने हाथ की उंगली कटी हुई और बायीं आंख के नीचे चोट का निशान – देखे, तो उनकी पहचान सुनिश्चित हो गई।

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पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम

इसके बाद परिजनों ने बच्चे को देखकर पहचान लिया और गले लगकर भावुक हो गए। बालक को सीडब्लूसी (बाल कल्याण समिति) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और उसके बाद उसका बयान न्यायालय में दर्ज कराया जाएगा। उसके पिता और बच्चे का डीएनए मिलान भी किया जाएगा। थाना फेस-2 पुलिस द्वारा इस सफलता की सराहना की जा रही है, और डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने इस कार्यवाही में शामिल टीम को 25,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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