वाराणसी के मंडलीय अस्पताल के वार्ड ब्वॉय जंगबहादुर उर्फ पिंटू की 2017 में निर्मम हत्या उसके दोस्त अरुण कुमार ने ही की थी, उसके साथ दूसरा दोस्त नितिन यादव भी शामिल था। दोस्तों ने शराब पीने के लिए अपने दोस्त को मिलकर मौत के घाट उतार दिया। दोनों के खिलाफ आठ साल बाद साक्ष्य और गवाहों के आधार पर कोर्ट में दोष सिद्ध हो गया और जज ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। निर्मम हत्याकांड पर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हत्यारोपी अरूण कुमार हरिजन को आजीवन कारावास के साथ 17,500 रुपये का अर्थदण्ड लगाया। नितिन यादव को आजीवन कारावास के साथ 27,500 रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया। यह धनराशि पीड़ित परिवार को दी जाएगी। अर्थदण्ड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया। 21 जनवरी 2017 को हुई थी हत्या महिला अस्पताल की स्वीपर के बेटे अरुण पर साथी की हत्या का आरोप सिद्ध हो गया। अभियोजन के अनुसार 21 जनवरी 2017 यानी वारदात वाली शाम पिपलानी कटरा स्थित शराब ठेके पर जंगबहादुर और अरुण के बीच कुछ विवाद हुआ और उसके साथ दुर्व्यवहार किया। अरुण का आरोप था कि वह शराब लेने आया था, जबकि जंग बहादुर ने उसकी शराब छीन ली, मना करने पर थप्पड़ मारा और उसकी प्रेमिका को अपशब्द बोला। इस दौरान अरुण का दोस्त बड़ी पियरी निवासी नितिन यादव भी था। पुलिस के मुताबिक दुर्व्यवहार से नाराज अरुण ने नितिन के साथ मिलकर जंगबहादुर को उसकी मौसी के घर में मौत के घाट उतार दिया। दोनों के पास से पुलिस ने जंगबहादुर के मौसा के घर से जेवर भी लूट लिए थे और फरार हो गए। अरूण कुमार पुत्र शोभनाथ और नितिन यादव पुत्र पारस नाथ दोनों पर सिगरा, कोतवाली और आदमपुर थाने में लूट, दुराचार, चोरी जैसे संगीन आरोपों में भी मुकदमे दर्ज हैं जिन पर सुनवाई चल रही है। पुलिस ने केस में पोस्टमार्टम कराने के बाद जांच शुरू की और कई सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपियों के फोन सर्विलांस पर लगाया। तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी की सख्ती के बीच दोनों पर गैंगेस्टर लगाया जाएगा। 25 जनवरी की रात आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली। रात डेढ़ बजे अरुण और नितिन को कंपनी बाग के पास से इंस्पेक्टर कोतवाली अरविंद सिंह सिसौदिया ने दबोच लिया। दोनों को आजीवन कारावास के बाद मृतक के परिवार को संतोष मिला, हालांकि अभियोजन फांसी की मांग करता रहा।


