बिहार की राजनीति में दशकों तक अपनी पहचान बनाए रखने वाले लालू प्रसाद यादव आज यानी की 11 जून को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। लालू यादव ने भारतीय राजनीति और खासकर बिहार की सत्ता के गलियारों में अपनी एक अलग पहचान बनाई। जोकि विरले ही किसी नेता को हासिल होती है। लालू यादव ने एक गरीब परिवार से निकलकर सीएम की कुर्सी तक का उनका सफर संघर्ष भरा रहा है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर लालू प्रसाद यादव के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में..
जन्म और शिक्षा
बिहार के गोपालगंज में 11 जून 1948 को लालू यादव का जन्म हुआ था। उनका छात्र जीवन सामान्य रहा, लेकिन बुनियाद ने उनको भविष्य का बड़ा नेता जरूर बना दिया था। लालू यादव ने गोपालगंज से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर पटना कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वहीं पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। छात्र राजनीति के दौरान उन्होंने बिहार छात्र संघ के महासचिव बने और यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई।
क्लर्क की नौकरी
साल 1970 में महज 22 साल की उम्र में लालू यादव ने राजनीति में प्रवेश किया। लेकिन इस दौरान तक कोई नहीं जानता था कि यह युवा एक दिन बिहार की राजनीति में तहलका मचा देगा। लालू यादव की पहली नौकरी बिहार के पशु चिकित्सा कॉलेज में बतौर क्लर्क थी। लेकिन उन्होंने जल्द ही इन नौकरी को अलविदा कह दिया और पूरी तरह से राजनीति में कूद पड़े।
जेपी आंदोलन बना टर्निंग पॉइंट
बता दें कि लालू यादव का राजनीतिक कद उस दौरान बढ़ा, जब लालू यादव ने जेपी आंदोलन में हिस्सा लिया। यह आंदोलन उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट बन गया। वहीं साल 1977 में आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में लालू यादव पहली बार 29 साल की उम्र में लोकसभा पहुंचे और फिर इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बिहार के मुख्यमंत्री
वहीं साल 1990 में लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनें और लालू यादव के शासन को सामाजिक न्याय और पिछड़ों की सशक्त भागीदारी का युग माना गया। वहीं चारा घोटाले जैसी घटनाओं ने लालू यादव के राजनीतिक जीवन पर बड़ा धब्बा लगाया। वह एक ऐसे नेता रहे जो अपने फैसलों और जमीनी राजनीति के लिए के लिए जाने जाते थे। वहीं वह उतना ही अपने चर्चित अंदाज, बोलचाल और हास्य शैली के लिए भी जाने जाते थे। उनकी मिमिक्री देशभर में मशहूर रही। वह अपनी टूटी-फूटी अंग्रेजी, देसी अंदाज और दमदार शब्दों के साथ जनता के लोकप्रिय बन गए।
शादी
साल 1973 में लालू यादव ने राबड़ी देवी से शादी की। हालांकि यह रिश्ता सिर्फ पारिवारिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक रूप से भी अहम साबित हुआ। जब चारा घोटाला के आरोप में लालू यादव को जेल जाना पड़ा, तब उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। वहीं लालू यादव के इस कदम ने यह साबित कर दिया था कि राजनीति में रिश्ते भी हथियार बन सकते हैं।
लालू जैसा फिर कोई
हालांकि 78 साल के लालू यादव अब राजनीति में उतने सक्रिय नहीं है। लेकिन उनका अंदाज, छवि, प्रभाव और शैली आज भी बिहार की राजनीति में जिंदा है। उन्होंने न सिर्फ राजनीति को जिया, बल्कि उनको अपने अंदाज में गढ़ने का काम किया। ऐसे में बार-बार यह सवाल उठता है कि क्या लालू जैसा फिर कोई होगा। लालू यादव का राजनीतिक सफर एक ऐसी मिसाल है, जिसमें, विवाद, संघर्ष, लोकप्रियता, हास्य और नेतृत्व सब कुछ शामिल है।
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