सांप के डंसने से मजदूर की मौत:झाड़फूंक के चक्कर में फंसे रहे परिजन, अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

सांप के डंसने से मजदूर की मौत:झाड़फूंक के चक्कर में फंसे रहे परिजन, अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

जमुई के सदर प्रखंड स्थित छठुधनामा गांव में सांप के डंसने से एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक की पहचान दिलीप साव के रूप में हुई है। शनिवार देर शाम मजदूरी कर घर लौटते समय रास्ते में एक विषैले सांप ने उनके पैर में डंस लिया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों की सलाह पर परिजन दिलीप साव को झाड़फूंक के लिए गांव के एक ओझा के पास ले गए। वहां घंटों झाड़फूंक की गई, जिससे उनकी हालत में सुधार के बजाय और गिरावट आ गई। वहीं हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए शेखपुरा ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही दिलीप साव ने दम तोड़ दिया। शनिवार देर रात हुई इस घटना से इलाके में शोक फैल गया। रविवार को टाउन थाना पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। डॉ. मनीष कुमार ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी कर रविवार शाम शव परिजनों को सौंप दिया। मिली जानकारी के अनुसार दिलीप साव अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी असामयिक मृत्यु से परिवार पर गहरा संकट आ गया है। इस घटना के बाद गांव में लोग झाड़फूंक के बजाय समय पर चिकित्सकीय इलाज कराने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं। जमुई के सदर प्रखंड स्थित छठुधनामा गांव में सांप के डंसने से एक मजदूर की मौत हो गई। मृतक की पहचान दिलीप साव के रूप में हुई है। शनिवार देर शाम मजदूरी कर घर लौटते समय रास्ते में एक विषैले सांप ने उनके पैर में डंस लिया, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। ग्रामीणों की सलाह पर परिजन दिलीप साव को झाड़फूंक के लिए गांव के एक ओझा के पास ले गए। वहां घंटों झाड़फूंक की गई, जिससे उनकी हालत में सुधार के बजाय और गिरावट आ गई। वहीं हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए शेखपुरा ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही दिलीप साव ने दम तोड़ दिया। शनिवार देर रात हुई इस घटना से इलाके में शोक फैल गया। रविवार को टाउन थाना पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। डॉ. मनीष कुमार ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी कर रविवार शाम शव परिजनों को सौंप दिया। मिली जानकारी के अनुसार दिलीप साव अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी असामयिक मृत्यु से परिवार पर गहरा संकट आ गया है। इस घटना के बाद गांव में लोग झाड़फूंक के बजाय समय पर चिकित्सकीय इलाज कराने की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।  

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