केएल राहुल के बचपन के कोच सैमुअल जयराज ने बताया कि कैसे उन्हें बैटिंग ऑर्डर में डिमोट किया जाता था तो राहुल शिकायत की बयाज चीजों को सीखने की कोशिश करते थे।
2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीत के दौरान भारत के लिए मैच फिनिश करने में राहुल की सफलता इसका उदाहरण है। राहुल को वनडे मैचों में नई चुनौती का सामना करना पड़ा, जब उन्हें छठे स्थान पर भेजा गया, जो कि अक्षर पटेल के अपने सामान्य नंबर पांच पर आने के बाद फिनिशर की स्थिति थी। इसके अलावा, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में, हमेशा इस बात पर सवाल उठते रहे कि राहुल को ऋषभ पंत से आगे क्यों तरजीह दी गई। चैंपियंस ट्रॉफी में भारत के लिए उस भूमिका में राहुल की सफलता उनके शांत मन और परिस्थितियों में ढलने की क्षमका को दर्शाती है। हालांकि उनके 136 टूर्नामेंट रन कम लग सकते हैं, लेकिन वह भारत के निचले मध्य क्रम में आकर कैसे मैच बना सकते हैं, इसका उदहारण पूरी दुनिया ने देखा।
नीचे भेजे जाने पर राहुल का रिएक्शन
केएल राहुल के बचपन के कोच सैमुअल जयराज ने कहा, “जब भी उन्हें बल्लेबाजी क्रम में नीचे भेजा जाता था, तो वे शिकायत नहीं करते थे। वे मुझसे पूछते थे कि मैं कैसे बेहतर हो सकता हूं और मुझे उस तरह से क्यों खेलना चाहिए। देखिए, जब भी वे छठे या सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने जाते हैं, तो मुश्किल से कुछ गेंदें होती हैं। उन्होंने हमेशा बल्लेबाजी की है, चाहे वे कहीं भी खेले हों। इसलिए मानसिकता में बदलाव और परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालना, यह सब नया है। उन्होंने अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन यह भूमिका अलग थी और उन्होंने इसके लिए काम करना शुरू कर दिया। योजना और तैयारी अच्छी थी, इसलिए वह अच्छा खेल सके। वह अपनी भूमिका समझते थे और अगर आपने फाइनल देखा हो, तो जब बाएं हाथ के स्पिनर गेंदबाजी कर रहे थे, तो वह आसानी से पॉइंट, कवर और एक्स्ट्रा कवर के बीच सिंगल ले लेते थे।”
जयराज ने आगे कहा, “उनकी योजना अच्छी थी और उन्होंने इसे इस तरह से प्लान किया कि ‘हां, मुझे यह करना है। मुझे लाइन पार करनी है और देश के लिए मैच जीतना है’। अक्षर के साथ विकेटों के बीच दौड़ने में थोड़ी सी गलतफहमी को छोड़कर, जहां वह थोड़ा हिचकिचा रहे थे, उन्होंने शानदार खेला। उसे ऐसा करने में मजा आता है, एक दिन भी कोई शिकायत नहीं हुई – कुछ भी नहीं। उसने कहा, ‘सर, मुझे इसमें मजा आता है’। हमने कभी इस बात पर चर्चा नहीं की कि वह कहां बल्लेबाजी करने जा रहा है। वह यह भी कहता था, ‘मुझे तैयार रहना है।”
बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत में राहुल की मुश्किल परिस्थितियों में जिम्मेदारी लेने की क्षमता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुबई की धीमी विकेटों पर उनके 41, 42 नाबाद और 34 नाबाद के महत्वपूर्ण स्कोर दबाव में भारत को सफलता दिलाने किसी शतकीय पारी से कम नहीं थे। चैंपियंस ट्रॉफी में विराट, शुभमन गिल और रोहित ने बहुत अच्छा खेला, लेकिन वे अलग-अलग मैचों में खेल रहे थे। जब राहुल की बात आती है, तो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बल्लेबाजी नहीं की, और बाकी मैचों में उन्होंने टीम के लिए रन बनाए।
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