जामताड़ा पुलिस ने साइबर अपराधियों का अपहरण करने वाले 16 सदस्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरिडीह पुलिस के सहयोग से दो अपहृत युवकों को सकुशल बरामद करते हुए पांच कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जामताड़ा जिले के करमाटांड थाना क्षेत्र में आरिफ अंसारी और इकराम अंसारी के अपहरण की दो अलग-अलग घटनाओं के खुलासे के बाद की गई। एसपी राज कुमार मेहता के निर्देश पर एसडीपीओ जामताड़ा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने त्वरित कार्रवाई की। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान देवघर के आजाद अंसारी उर्फ नुनुवा, गिरिडीह के मिस्टर अंसारी, जामताड़ा के समद अंसारी, नारायणपुर के शिवलाल मरांडी और करमाटांड के अब्दुल हसीब के रूप में हुई है। इनके पास से एक देशी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक बोलेरो वाहन और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। जामताड़ा के एसपी राज कुमार मेहता ने बताया, “गिरफ्तार अपराधी 16 सदस्यीय संगठित गिरोह के सदस्य हैं। यह गिरोह साइबर ठगों को निशाना बनाकर उनका अपहरण करता था। इन मामलों में 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी।” उन्होंने आगे बताया कि यह गिरोह मधुपुर बमकांड के साथ-साथ जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और आसपास के जिलों में सक्रिय था। यह कई लूट और हत्या के मामलों में भी संलिप्त रहा है। जामताड़ा पुलिस ने साइबर अपराधियों का अपहरण करने वाले 16 सदस्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरिडीह पुलिस के सहयोग से दो अपहृत युवकों को सकुशल बरामद करते हुए पांच कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई जामताड़ा जिले के करमाटांड थाना क्षेत्र में आरिफ अंसारी और इकराम अंसारी के अपहरण की दो अलग-अलग घटनाओं के खुलासे के बाद की गई। एसपी राज कुमार मेहता के निर्देश पर एसडीपीओ जामताड़ा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने त्वरित कार्रवाई की। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान देवघर के आजाद अंसारी उर्फ नुनुवा, गिरिडीह के मिस्टर अंसारी, जामताड़ा के समद अंसारी, नारायणपुर के शिवलाल मरांडी और करमाटांड के अब्दुल हसीब के रूप में हुई है। इनके पास से एक देशी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक बोलेरो वाहन और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। जामताड़ा के एसपी राज कुमार मेहता ने बताया, “गिरफ्तार अपराधी 16 सदस्यीय संगठित गिरोह के सदस्य हैं। यह गिरोह साइबर ठगों को निशाना बनाकर उनका अपहरण करता था। इन मामलों में 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी।” उन्होंने आगे बताया कि यह गिरोह मधुपुर बमकांड के साथ-साथ जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद और आसपास के जिलों में सक्रिय था। यह कई लूट और हत्या के मामलों में भी संलिप्त रहा है।


