Karva Chauth Moon Time: उत्तर प्रदेश में इस बार करवा चौथ का पर्व शुक्रवार 10 अक्टूबर 2025 को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखेंगी। प्रदेशभर में इस पारंपरिक त्योहार को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। बाजारों से लेकर ब्यूटी पार्लरों तक, हर जगह करवा चौथ की तैयारियों की रौनक छाई हुई है।
चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे से होगा और इसका समापन 10 अक्टूबर की शाम 7:38 बजे होगा। करवा चौथ व्रत का शुभ मुहूर्त शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक रहेगा। वहीं, चंद्रमा का उदय रात 8:13 बजे के आसपास होगा। उत्तर प्रदेश के अधिकांश शहरों में चांद इसी समय दिखाई देगा। राहु काल सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक रहेगा, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य वर्जित रहेगा।
प्रदेश के प्रमुख शहरों में चांद निकलने का समय
| शहर | चांद निकलने का समय |
| कानपुर | रात 9:15 बजे |
| अयोध्या | रात 9:01 बजे |
| मथुरा | रात 8:13 बजे |
| नोएडा | रात 8:13 बजे |
| सीतापुर | रात 8:02 बजे |
| बरेली | रात 8:38 बजे |
| अमरोहा | रात 8:12 बजे |
| हरदोई | रात 8:13 बजे |
| रामपुर | रात 8:13 बजे |
| झांसी | रात 8:13 बजे |
| वृंदावन | रात 8:10 बजे |
| मुरादाबाद | रात 7:57 बजे |
| पीलीभीत | शाम 6:28 बजे |
| बदायूं | रात 8:15 बजे |
| वाराणसी | रात 8:16 बजे |
महिलाएं अपने शहर के अनुसार चांद के उदय के समय का पालन करते हुए व्रत खोल सकेंगी।

शुभ संयोगों का संगम
इस वर्ष करवा चौथ पर चार विशेष योग बन रहे हैं ,लाभ-उन्नति मुहूर्त, सिद्धि योग, केतु योग, और बुधादित्य योग। लाभ-उन्नति मुहूर्त रात 9:02 बजे से 10:35 बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह करवा चौथ पिछले वर्षों की तुलना में अधिक मंगलकारी रहेगा। शुभ योगों के संयोग से यह पर्व सुख, सौभाग्य और समृद्धि देने वाला माना जा रहा है।
बाजारों में करवा चौथ की रौनक
त्योहार से पहले ही पूरे उत्तर प्रदेश के बाजार सज चुके हैं। लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, मथुरा, नोएडा, बरेली जैसे शहरों में साड़ियों, सूट्स और श्रृंगार सामग्री पर 50% से 60% तक की छूट मिल रही है। ब्यूटी पार्लर और सैलून में “करवा चौथ स्पेशल पैकेज” महिलाओं को आकर्षित कर रहे हैं। मेहंदी कलाकारों की दुकानों पर भीड़ लगी है, और महिलाओं की हथेलियों पर सुंदर डिजाइन की मेहंदी रच रही है।
विक्रेताओं का कहना है कि इस साल पारंपरिक परिधानों जैसे ऑर्गेंजा, नेट और सिल्क साड़ियों की भारी मांग है। लाल और मैरून रंग की साड़ियां सबसे अधिक बिक रही हैं। इसके साथ ही बाजारों में “पूजन थाली सेट”, “सिंदूर बॉक्स”, “करवा मिट्टी के बर्तन” और “सजावटी छलनी” भी तेजी से बिक रहे हैं।
महिलाओं में उत्साह, सजने-संवरने की तैयारी जोरों पर
करवा चौथ के दिन महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर, सोलह श्रृंगार करती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। इस बार महिलाएं सोशल मीडिया पर भी करवा चौथ की तैयारियों को लेकर खूब सक्रिय हैं। #KarvaChauth2025 और #ChandKaIntezar जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। ब्यूटी पार्लर संचालकों के मुताबिक, करवाचौथ से एक दिन पहले ही बुकिंग पूरी हो जाती है। महिलाएं फेस क्लीनअप, हेयर डू, और ट्रेडिशनल मेकअप पैकेज के लिए पहले से अपॉइंटमेंट बुक करवा रही हैं।
व्रत की परंपरा और पूजन विधि
व्रत की शुरुआत सुबह “सरगी” खाने से होती है, जो व्रति की सास या परिवार की अन्य वरिष्ठ महिला देती हैं। सरगी में सूखे मेवे, मिठाई, फल और हल्का भोजन होता है। इसके बाद महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को पूजा करती हैं। पूजन में महिलाएं भगवान गणेश, माता गौरी और करवा माता की आराधना करती हैं। रात में चांद निकलने पर छलनी से चंद्र दर्शन किया जाता है और पति को देखा जाता है। इसके बाद अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है। पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर व्रत का समापन कराते हैं।
स्वास्थ्य और सावधानियां
- चिकित्सकों का कहना है कि व्रत के दौरान शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए महिलाएं पिछली रात पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें।
- गर्भवती और बीमार महिलाएं डॉक्टर की सलाह लेकर ही व्रत रखें।
- मासिक धर्म के दौरान व्रत रखना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए इससे बचने की सलाह दी जाती है।
करवा चौथ का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
करवा चौथ केवल धार्मिक व्रत नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति में वैवाहिक प्रेम, निष्ठा और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह पर्व परिवारों को एक साथ जोड़ने का माध्यम बन गया है। महिलाएं इस दिन न केवल अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं, बल्कि परिवार की खुशहाली और शांति की प्रार्थना भी करती हैं।

पंडितों के अनुसार, करवा चौथ का अर्थ केवल पति की लंबी उम्र नहीं, बल्कि परिवार में स्नेह, सम्मान और आत्मीयता बनाए रखना भी है। इस पर्व की चांदनी में जब महिलाएं छलनी से चंद्र दर्शन करती हैं, तो वह दृश्य हर परिवार के लिए सुख और समृद्धि का प्रतीक बन जाता है। करवा चौथ 2025 उत्तर प्रदेश में पूरे उल्लास, श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा।
महिलाएं चंद्र दर्शन के समय अपनी परंपरा निभाते हुए व्रत खोलेंगी। शुभ योगों और मंगल मुहूर्तों के कारण यह वर्ष करवा चौथ के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इस पर्व की चांदनी में जब सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करेंगी, तो पूरा उत्तर प्रदेश प्रेम, समर्पण और आस्था की रोशनी में नहाया हुआ दिखाई देगा।


