चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई ने सोमवार, 27 अक्टूबर को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सीनियर जस्टिस सूर्यकांत शर्मा के नाम की सिफारिश की। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस सूर्यकांत शर्मा देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनेंगे। वे अभी सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज हैं। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का कहा जाता है। मौजूदा CJI गवई का कार्यकाल 23 नवंबर को खत्म हो रहा है। उनके बाद जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को CJI के तौर पर शपथ लेंगे। सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में रिटायर होते हैं। 10वीं बोर्ड में पहली बार शहर देखा था जस्टिस सूर्यकांत की जर्नी हरियाणा के हिसार के एक गुमनाम से गांव पेटवाड़ से शुरू हुई। उनके पिता टीचर थे। 8वीं तक उन्होंने एक गांव के स्कूल में ही पढ़ाई की, जहां बैठने के लिए बेंच तक नहीं थी। पहली बार शहर तब देखा जब वे 10वीं की बोर्ड परीक्षा देने हिसार के एक छोटे से कस्बे हांसी गए थे। हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त होने पर हुआ विवाद जस्टिस सूर्यकांत की हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्ति विवादों में रही। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में एक परामर्शदाता यानी कंसल्टी जज जस्टिस ए. के. गोयल ने उनकी नियुक्ति पर असहमति जाहिर की थी। आमतौर पर कॉलेजियम किसी जस्टिस के प्रमोशन पर विचार करते समय उस हाईकोर्ट से परिचित कंसल्टी जज की राय लेता है। इसके बावजूद, कॉलेजियम ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी और जस्टिस सूर्यकांत 5 अक्टूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। इस पर रिटायर्ड जस्टिस ए. के. गोयल ने जस्टिस सूर्यकांत के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताते हुए पत्र भी साझा किया था। इस बीच 2019 में कॉलेजियम ने जस्टिस सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट में भी प्रमोट किया। CJI बनने वाले पहले हरियाणवी होंगे जस्टिस सूर्यकांत इंडियन ज्यूडिशियरी की टॉप पोस्ट पर पहुंचने वाले हरियाणा से पहले शख्स होंगे। उनके नाम की सिफारिश करते हुए CJI गवई ने कहा कि जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट की कमान संभालने के लिए उपयुक्त और सक्षम हैं। आर्टिकल 370 समेत 1,000 से ज्यादा फैसलों में शामिल रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत कई कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच का हिस्सा रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान वे संवैधानिक, मानवाधिकार और प्रशासनिक कानून से जुड़े मामलों को कवर करने वाले 1000 से ज्यादा फैसलों में शामिल रहे। जस्टिस सूर्यकांत के यादगार फैसले ——————– ये खबर भी पढ़ें…. एस्ट्रोफिजिसिस्ट प्रो जयंत नार्लीकर को मरणोपरांत ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’: BHU और कैम्ब्रिज से पढ़ाई की, बिग बैंग थ्योरी को चुनौती दी; जानें कप्लीट प्रोफाइल भारत के मशहूर एस्ट्रोफिजिसिस्ट यानी खगोल भौतिक विज्ञानी जयंत नार्लीकर को मरणोपरांत ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बिग बैंग थ्योरी को चुनौती दी थी। केंद्र सरकार ने शनिवार, 25 अक्टूबर को इसकी घोषणा की। पढ़ें पूरी खबर…
जस्टिस सूर्यकांत हो सकते हैं अगले CJI:डिस्टेंस एजुकेशन से LLM किया, हरियाणा के सबसे यंग एडवोकेट जनरल रहे; जानें कंप्लीट प्रोफाइल


