बिहार की जोकीहाट विधानसभा सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प बन गया है। बता दें कि इस सीट से तीन पूर्व मंत्री आमने-सामने हैं। यहां पर AIMIM के किले में भी दरारें पड़ती दिखाई दे रही है। बता दें कि जोकीहाट सीट पर तीन पूर्व मंत्री सहित चार प्रत्याशियों के बीच दिलचस्प और जबरदस्त मुकाबला है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो इस बार जोकीहाट सीट पर जीत-हार का अंतर भी कम होगा।
किसके बीच मुकाबला
बिहार के अररिया के जोकीहाट विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल ने शाहनवाज आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं जनसुराज पार्टी ने सरफराज आलम को चुनावी मैदान में उतारा है। तो वहीं AIMIM ने मुर्शीद आलम और जदयू से मंजर आलम भी चुनावी मैदान में उतरे हैं। हालांकि यह क्षेत्र कभी स्व. तस्लीमुद्दीन के नाम से जाना जाता था, जिनके बेटों के बीच मुकाबला है। तस्लीमुद्दीन की राजनीतिक विरासत को उनके दो बेटों ने आमने-सामने होकर चुनावी परिदृश्य को ही बदल दिया है।
पिछले चुनाव का इतिहास
बता दें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था, जब सरफराज ने राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन सरफराज को उनके छोटे भाई और एआईएमआईएम उम्मीदवार शाहनवाज आलम ने शिकस्त दी थी। शाहनवाज ने इस दौरान 7,383 वोटों से जीत हासिल की थी। फिर बाद में शाहनवाज आरजेडी में शामिल हो गए थे। इस सीट से जेडीयू ने 4 बार, कांग्रेस, आरजेडी, जनता दल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो-दो बार जीत हासिल की है।
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जोकीहाट विधानसभा सीट
अररिया जिले की जोकीहाट विधानसभा सीट की बात करें, तो यह सीट साल 1967 में अस्तित्व में आई थी। तब से लेकर अभी तक इस सीट पर 16 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से साल 1996 और 2008 में उपचुनाव भी हुए थे। इस सीट पर तस्लीमुद्दीन और उनके बेटों का कब्जा रहा है और इस सीट को उनका गढ़ माना जाता है। अब तक के कुल 16 चुनावों में इस सीट से 11 बार तस्लीमुद्दीन और उनके बेटों ने जीत हासिल की है।


