जोधपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में दो दिन पहले इमरजेंसी में भर्ती एक गलत मरीज के खून चढ़ाने के मामले में अब मरीज की हालत बिगड़ने लगी है। रविवार शाम को डॉक्टरों ने परिजन को मरीज को देर रात तक आइसीयू में भर्ती करने की बात कही।
डॉक्टरों ने कहा कि मरीज के शरीर में संक्रमण फैल गया है और शरीर में पानी भी भर गया है। परिजनों का कहना है कि मरीज के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं है। उसके दिमाग पर भी गहरा असर पड़ा है। दो दिन से मरीज का सिर तवे की तरह तप रहा है। उधर एम्स प्रशासन ने अब तक इस मामले में दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। एम्स का कहना है कि विस्तृत जांच जारी है।
यह है मामला
एम्स की इमरजेंसी में शुक्रवार को मांगीलाल नाम के दो व्यक्ति भर्ती थे। एक व्यक्ति डोली कलां निवासी मांगीलाल विश्नोई (50 साल) और दूसरा नागौर के पांचुड़ी कला निवासी मांगीलाल (80 साल) भी भर्ती था। डॉक्टरों ने 80 साल के मांगीलाल को खून की जरूरत बताई थी, लेकिन एम्स के अस्पतालकर्मियों ने 50 साल के मांगीलाल को खून चढ़ा दिया।
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गलती का पता चलने पर डॉक्टर ने खून के बैग को हटाकर डस्टबीन में फेंक दिया था, लेकिन तब तक आधे से अधिक खून चढ़ चुका था। राहत की बात केवल इतनी है कि मरीज को चढ़ाया गया खून और मरीज का स्वयं का खून दोनों एक ही ब्लड ग्रुप के थे।


