बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने आशुतोष राय और कमलेश्वर सिंह उर्फ के.पी. सिंह सहित 46 अपराधियों को जिला एवं थाना बदर किया है। ये सभी आरोपी विभिन्न आपराधिक मामलों में जमानत पर बाहर थे और चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था प्रभावित करने की आशंका के आधार पर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज मामले इन अपराधियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत कई मामले लंबित हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो अपराधी वर्तमान में जिले से बाहर हैं, उनके खिलाफ भी सशर्त आदेश लागू रहेगा, ताकि चुनाव अवधि के दौरान वे जिले में प्रवेश न कर सकें और शांति व्यवस्था प्रभावित न हो। 30 नवंबर 2025 तक जिला एवं थाना बदर किया बेतिया पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन और बगहा पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी ने विधिवत सुनवाई की। आरोपियों के अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखने में विफल रहने के बाद, सभी को 30 नवंबर 2025 तक जिला एवं थाना बदर कर दिया गया है। इस अवधि में इन्हें प्रतिदिन संबंधित थाने में सुबह 10-11 बजे और शाम 5-6 बजे हाजिरी दर्ज करवानी होगी। चुनाव में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं जिले में चुनावी शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन अब तक कुल 188 अपराधियों को जिला एवं थाना बदर कर चुका है, और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। जिला दंडाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार अमन-चैन एवं सुरक्षित वातावरण के लिए प्रतिबद्ध है और चुनाव में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सूची में शामिल प्रमुख नामों में आशुतोष राय (डुमरी) को समस्तीपुर, कमलेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ के.पी. सिंह (अनरहवा) को बांका, चुन्नू ठाकुर (महाबीरपुर) को जमुई, राघव यादव (पर्वतिया टोला) को औरंगाबाद और रामेश्वर कुमार उर्फ गोलू गुप्ता (बेतिया नगर) को भागलपुर जिले में थाना बदर किया गया है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने आशुतोष राय और कमलेश्वर सिंह उर्फ के.पी. सिंह सहित 46 अपराधियों को जिला एवं थाना बदर किया है। ये सभी आरोपी विभिन्न आपराधिक मामलों में जमानत पर बाहर थे और चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था प्रभावित करने की आशंका के आधार पर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत दर्ज मामले इन अपराधियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट और मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत कई मामले लंबित हैं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो अपराधी वर्तमान में जिले से बाहर हैं, उनके खिलाफ भी सशर्त आदेश लागू रहेगा, ताकि चुनाव अवधि के दौरान वे जिले में प्रवेश न कर सकें और शांति व्यवस्था प्रभावित न हो। 30 नवंबर 2025 तक जिला एवं थाना बदर किया बेतिया पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन और बगहा पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी ने विधिवत सुनवाई की। आरोपियों के अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखने में विफल रहने के बाद, सभी को 30 नवंबर 2025 तक जिला एवं थाना बदर कर दिया गया है। इस अवधि में इन्हें प्रतिदिन संबंधित थाने में सुबह 10-11 बजे और शाम 5-6 बजे हाजिरी दर्ज करवानी होगी। चुनाव में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं जिले में चुनावी शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन अब तक कुल 188 अपराधियों को जिला एवं थाना बदर कर चुका है, और यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। जिला दंडाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार अमन-चैन एवं सुरक्षित वातावरण के लिए प्रतिबद्ध है और चुनाव में किसी भी प्रकार की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सूची में शामिल प्रमुख नामों में आशुतोष राय (डुमरी) को समस्तीपुर, कमलेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ के.पी. सिंह (अनरहवा) को बांका, चुन्नू ठाकुर (महाबीरपुर) को जमुई, राघव यादव (पर्वतिया टोला) को औरंगाबाद और रामेश्वर कुमार उर्फ गोलू गुप्ता (बेतिया नगर) को भागलपुर जिले में थाना बदर किया गया है।


