IT सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी विप्रो का जनवरी-मार्च तिमाही में कॉन्सोलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 26% बढ़कर 3,570 रुपए करोड़ रहा। पिछले साल की समान तिमाही में ये 2,835 करोड़ रुपए रहा था। वहीं तिमाही आधार पर कंपनी का नेट प्रॉफिट 6.44% बढ़ा है। तीसरी तिमाही में ये 3,354 करोड़ रुपए रहा था। विप्रो ने आज यानी बुधवार (16 अप्रैल) को फाइनेंशियल ईयर 2025 की चौथी तिमाही (Q4FY25) यानी जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। नतीजों के साथ विप्रो ने अपने शेयर होल्डर्स के लिए प्रति शेयर 6 रुपए का फाइनल लाभांश (डिविडेंट) का भी ऐलान किया है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे लाभांश या डिविडेंड कहते हैं। विप्रो के रिजल्ट से जुड़ी 3 बड़ी बातें: टेक्नोलॉजी सर्विसेज और कंसलटिंग कंपनी है विप्रो विप्रो लिमिटेड एक लीडिंग टेक्नोलॉजी सर्विसेज और कंसलटिंग कंपनी है। 65 देशों में इसकी प्रेजेंस है। अजीम प्रेमजी को 1966 में 21 साल की उम्र में अपने पिता से विप्रो का कंट्रोल विरासत में मिला था। उनकी लीडरशिप में, विप्रो ने वनस्पति तेल के उत्पादन से लेकर आईटी सर्विसेज, सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन और कंसल्टिंग सर्विसेज देने तक डायवर्सिफिकेशन किया।
No tags for this post.FY25 की चौथी तिमाही में विप्रो को ₹3,570 करोड़ मुनाफा:सालाना आधार पर 26% बढ़ा, रेवेन्यू ₹22,504 करोड़ रहा
