नकली दवा मामले में जीवेश मिश्रा से इस्तीफा मांगा:रोहिणी आचार्य ने मौत का सौदागर बताया; राजस्थान कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जुर्माना लेकर छोड़ा

नकली दवा मामले में जीवेश मिश्रा से इस्तीफा मांगा:रोहिणी आचार्य ने मौत का सौदागर बताया; राजस्थान कोर्ट ने दोषी करार दिया था, जुर्माना लेकर छोड़ा

15 साल पुराने नकली दवा के मामले में राजस्थान की राजसमंद कोर्ट ने बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा को दोषी करार दिया है। हालांकि, कोर्ट ने 7 हजार रुपए जुर्माना भरवाकर सदाचार बनाए रखने की शर्त पर उन्हें छोड़ दिया है। मंत्री को दोषी करार दिए जाने और फिर जुर्माना लेकर छोड़े जाने के बाद विपक्ष ने उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने मंत्री जीवेश मिश्रा का इस्तीफा मांगा है, जबकि लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें ‘मौत का सौदागर’ बताया है। मामले में कोर्ट ने 4 जून 2025 को जीवेश मिश्रा समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया था। सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख रखी गई थी। जीवेश मिश्रा 1 जुलाई को भी कोर्ट में पेश हुए। इसी दौरान कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जुर्माना लगाया और ऑफेंडर प्रोबेशन एक्ट के तहत सदाचार बनाए रखने की शर्त पर छोड़ दिया। पहले समझिए जीवेश मिश्रा से जुड़ा मामला क्या है? जीवेश मिश्रा दिल्ली की दवा सप्लाई करने वाली ‘ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की के डायरेक्टर हैं। राजस्थान के देवगढ़ राजसमंद में कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स नाम की कंपनी में सितंबर 2010 में दवाओं का सैंपल लिया गया था। दवाइयों को जांच के लिए लैब में भेजा गया था। लैब रिपोर्ट में सामने आया था कि कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनी से लिए गए सिप्रोलिन-500 टेबलेट में मिलावट पाया गया, इसे मानक के अनुरूप भी नहीं पाया गया। इसके बाद सामने आया कि जिस दवा में मिलावट पाई गई, उस दवा की सप्लाई जीवेश मिश्रा की कंपनी समेत दो अन्य फर्मों ने की थी। अब जानिए विपक्ष के नेताओं ने मामले को लेकर क्या कहा? बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा- राजस्थान की ममता सैनी की सीजेएम कोर्ट ने 4 जून 2025 को बिहार सरकार के मंत्री एवं में मेसर्स ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर जीवेश मिश्रा को दोषी करार दिया है। साथ में जुर्माना के साथ जमानत भी दी है। जीवेश मिश्रा के रसूख के कारण धारा-4 का लाभ देकर उन्हें तो जमानत मिल गई। लेकिन सीजीएम कोर्ट ने उन्हें जुर्माना लगाया। सबसे पहले 5000 रुपए का हलफनामा भरा गया, जिसमें कहा गया कि मेरा आचरण एक साल तक सदाचार रहेगा। एक साल के बाद 70 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। पूछा- जीवेश बताएं, उनकी नकली दवाओं से कितने लोगों की जान गई राजेश राठौर ने पूछा कि जीवेश मिश्रा ये बताएं कि उनके नकली दवा से कितने लोगों की जान गई है। सरकार को इस संबंध में न्यायिक जांच भी करानी चाहिए कि जीवेश मिश्रा की कंपनी से जो नकली दवा बनी, उससे कितने लोगों की जान गई और उन पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। राजेश राठौर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ये बताएं कि उनके पास कितने ऐसे मंत्री, कितने ऐसे सांसद, कितने ऐसे विधायक हैं, कितने ऐसे भाजपा कार्यकर्ता हैं, जो जीवेश मिश्रा की तरह नकली दवा का कारोबार करते हैं और दवा के नाम पर जहर बेचते हैं। ये गुंडाराज नहीं तो क्या है? नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए, जीवेश मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए। रोहिणी बोलीं- नकली दवा का कारोबारी कुर्सी पर बरकरार है लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पोस्ट में लिखा लाचार, अचेत, समझौता परस्त मुख्यमंत्री की सरकार है। नकली दवा का कारोबारी भी पूरी ढिठाई से मंत्री की कुर्सी पर बरक़रार है। उन्होंने लिखा- अनैतिक गठबंधन की सरकार में अनैतिक कामों में लिप्त लोगों का ही जमावड़ा है और कुर्सी से चिपके रहने की आदत और मजबूरी का सबब कुछ ऐसा है कि दोषी साबित हो चुके इस मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करना तो दूर की बात नीतीश कुमार इस मुद्दे पर कुछ बोलने तक की जुर्रत नहीं कर सकते। वैसे भी थीसिस चोरी के मामले में दोषी साबित होने पर खुद नीतीश कुमार ने भी इस्तीफा नहीं दिया था तो इस मंत्री से इस्तीफा किस मुंह से मांगेंगे। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार से जीवेश मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की पप्पू यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि नकली दवा माफिया मंत्री जीवेश मिश्रा को आज मंत्रिमंडल से बर्खास्त कीजिए। जो व्यक्ति नकली दवा बेचकर आम लोगों की जान से खिलवाड़ करता है, वह बिहार के साथ कितना कुकर्म कर रहा होगा। 15 साल पुराने नकली दवा के मामले में राजस्थान की राजसमंद कोर्ट ने बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा को दोषी करार दिया है। हालांकि, कोर्ट ने 7 हजार रुपए जुर्माना भरवाकर सदाचार बनाए रखने की शर्त पर उन्हें छोड़ दिया है। मंत्री को दोषी करार दिए जाने और फिर जुर्माना लेकर छोड़े जाने के बाद विपक्ष ने उन पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने मंत्री जीवेश मिश्रा का इस्तीफा मांगा है, जबकि लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने उन्हें ‘मौत का सौदागर’ बताया है। मामले में कोर्ट ने 4 जून 2025 को जीवेश मिश्रा समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया था। सजा के बिंदुओं पर सुनवाई के लिए एक जुलाई की तारीख रखी गई थी। जीवेश मिश्रा 1 जुलाई को भी कोर्ट में पेश हुए। इसी दौरान कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए जुर्माना लगाया और ऑफेंडर प्रोबेशन एक्ट के तहत सदाचार बनाए रखने की शर्त पर छोड़ दिया। पहले समझिए जीवेश मिश्रा से जुड़ा मामला क्या है? जीवेश मिश्रा दिल्ली की दवा सप्लाई करने वाली ‘ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की के डायरेक्टर हैं। राजस्थान के देवगढ़ राजसमंद में कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स नाम की कंपनी में सितंबर 2010 में दवाओं का सैंपल लिया गया था। दवाइयों को जांच के लिए लैब में भेजा गया था। लैब रिपोर्ट में सामने आया था कि कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर्स कंपनी से लिए गए सिप्रोलिन-500 टेबलेट में मिलावट पाया गया, इसे मानक के अनुरूप भी नहीं पाया गया। इसके बाद सामने आया कि जिस दवा में मिलावट पाई गई, उस दवा की सप्लाई जीवेश मिश्रा की कंपनी समेत दो अन्य फर्मों ने की थी। अब जानिए विपक्ष के नेताओं ने मामले को लेकर क्या कहा? बिहार कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा- राजस्थान की ममता सैनी की सीजेएम कोर्ट ने 4 जून 2025 को बिहार सरकार के मंत्री एवं में मेसर्स ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर जीवेश मिश्रा को दोषी करार दिया है। साथ में जुर्माना के साथ जमानत भी दी है। जीवेश मिश्रा के रसूख के कारण धारा-4 का लाभ देकर उन्हें तो जमानत मिल गई। लेकिन सीजीएम कोर्ट ने उन्हें जुर्माना लगाया। सबसे पहले 5000 रुपए का हलफनामा भरा गया, जिसमें कहा गया कि मेरा आचरण एक साल तक सदाचार रहेगा। एक साल के बाद 70 हजार रुपए जुर्माना देना होगा। पूछा- जीवेश बताएं, उनकी नकली दवाओं से कितने लोगों की जान गई राजेश राठौर ने पूछा कि जीवेश मिश्रा ये बताएं कि उनके नकली दवा से कितने लोगों की जान गई है। सरकार को इस संबंध में न्यायिक जांच भी करानी चाहिए कि जीवेश मिश्रा की कंपनी से जो नकली दवा बनी, उससे कितने लोगों की जान गई और उन पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। राजेश राठौर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ये बताएं कि उनके पास कितने ऐसे मंत्री, कितने ऐसे सांसद, कितने ऐसे विधायक हैं, कितने ऐसे भाजपा कार्यकर्ता हैं, जो जीवेश मिश्रा की तरह नकली दवा का कारोबार करते हैं और दवा के नाम पर जहर बेचते हैं। ये गुंडाराज नहीं तो क्या है? नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए, जीवेश मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए। रोहिणी बोलीं- नकली दवा का कारोबारी कुर्सी पर बरकरार है लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने एक्स पोस्ट में लिखा लाचार, अचेत, समझौता परस्त मुख्यमंत्री की सरकार है। नकली दवा का कारोबारी भी पूरी ढिठाई से मंत्री की कुर्सी पर बरक़रार है। उन्होंने लिखा- अनैतिक गठबंधन की सरकार में अनैतिक कामों में लिप्त लोगों का ही जमावड़ा है और कुर्सी से चिपके रहने की आदत और मजबूरी का सबब कुछ ऐसा है कि दोषी साबित हो चुके इस मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करना तो दूर की बात नीतीश कुमार इस मुद्दे पर कुछ बोलने तक की जुर्रत नहीं कर सकते। वैसे भी थीसिस चोरी के मामले में दोषी साबित होने पर खुद नीतीश कुमार ने भी इस्तीफा नहीं दिया था तो इस मंत्री से इस्तीफा किस मुंह से मांगेंगे। पप्पू यादव ने नीतीश कुमार से जीवेश मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की पप्पू यादव ने एक्स पोस्ट में लिखा- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि नकली दवा माफिया मंत्री जीवेश मिश्रा को आज मंत्रिमंडल से बर्खास्त कीजिए। जो व्यक्ति नकली दवा बेचकर आम लोगों की जान से खिलवाड़ करता है, वह बिहार के साथ कितना कुकर्म कर रहा होगा।  

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