पटना में मां-बेटी का दिनदहाड़े मर्डर, वजह क्या?:पड़ोसी बोले- बात-बात में झगड़ा करती थी, पुलिस 36 घंटे बाद भी खाली हाथ

पटना में मां-बेटी का दिनदहाड़े मर्डर, वजह क्या?:पड़ोसी बोले- बात-बात में झगड़ा करती थी, पुलिस 36 घंटे बाद भी खाली हाथ

‘अगर समय पर पुलिस पहुंच जाती तो सिंघली बच सकती थी। गोली मारने की सूचना के आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची।’ यह कहना है 9 जून को गोलीबारी में मारी गईं नर्स महालक्ष्मी के घर से सटे हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले मो. मेराज का। सोमवार सुबह 9.15 बजे बदमाशों ने महालक्ष्मी देवी, उनके पति धनंजय महतो और इकलौती बेटी सिंधली कुमारी को गोली मार दी थी। इसमें सिंघली और महालक्ष्मी की मौत हो गई है। धनंजय की हालत नाजुक है। पुलिस ने FIR कर जांच शुरू कर दी है। ASP अतुलेश झा ने बताया, ‘इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जल्द गिरफ्तारी होगी। एक सूचना ये भी आ रही है कि उस एरिया में स्मैकिए सब रहते थे। लोगों ने इसका विरोध किया था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।’ हत्या के बाद मोहल्ले में अजीब तरह की शांति है। पड़ोसियों में कुछ सुगबुगाहट है। कुछ दबी जुबान नामजद आरोपी त्रिलोकी का नाम ले रहे हैं तो कुछ महालक्ष्मी के रूखे व्यवहार की चर्चा कर रहे हैं। भास्कर के ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए और जानिए, अब तक क्या है कहानी…। महालक्ष्मी के घर से सटे ही हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले मो. मेराज ने बताया, ‘दुकान खुलने से 30 मिनट पहले ही घटना हो गई थी। उनका व्यवहार जैसा भी था, कोई गोली कैसे मार सकता है? हमें जब पता चला तो हमलोग भी भाग कर आए। देखा कि दो लोग बाहर गिरे पड़े हैं। किसी की हिम्मत नहीं हुई कि पास जाए।’ ‘मोहल्ले की बात थी इसलिए सब लोग घबरा रहे थे। किसी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मेरे देखते भर में लड़की की सांस चल रही थी, लेकिन पुलिस ने आने में आधे घंटे लगा दिया। तब तक दोनों की जान जा चुकी थी।’ ‘जो लोग गोली मारने आए थे वो बाइक से थे। उन्होंने हेलमेट पहना था। महालक्ष्मी को सिर और बांह में गोली लगी। सिंधली को सिर और दाहिने हाथ में दो गोलियां मारी गईं। जब उसको एक गोली लगी तो वो भागकर भीतर जाने लगी, फिर उसको दो गोली और मारी गई। सारी घटना एक मिनट के अंदर हो गई।’ 25 साल से रह रही थीं, किसी से व्यवहार ठीक नहीं था महालक्ष्मी देवी अरफाबाद नाले के सामने बीते 25 सालों से मकान बनवा कर रहती थीं। उनके पति धनंजय भद्रघाट के एक निजी अस्पताल में कंपाउंडर थे। महालक्ष्मी भी हाल में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) से रिटायर हुईं थी। उन्होंने कुछ महीने पहले ही गाय खरीदी थी। पड़ोसियों की मानें तो कभी गाय बांधने तो कभी गोबर फेंकने को लेकर बहस होते रहती थी। पति लकवाग्रस्त थे और बेटी पुणे में पढ़ाई करती थी। उनका व्यवहार बहुत अच्छा नहीं था। घर के ठीक बगल की रहने वाली वृद्धा ने बताया, ‘घटना के एक घंटा पहले हम अपनी चौखट पर बैठे थे। वो अपनी गाय लेकर निकलीं और मेरी तरफ देखने लगी। मेरे कुछ कहने से पहले ही गाली बकने लगीं। कभी कोई उनके घर के बाहर से गाड़ी मोड़ लेता था तो कैमरा से देखकर गाली देने लगती थी। वट सावित्री वाले दिन ही वो भीड़ होने पर गाली देने लगी थीं।’ त्रिलोकी की दादी जटाही मंदिर की पुजारन थीं इस गोलीकांड में त्रिलोकी का नाम आ रहा है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। महालक्ष्मी देवी के पड़ोसी ने नाम न बताने की शर्त पर हमें बताया, ‘त्रिलोकी पहले जटाही मंदिर में रहता था और मंदिर की देख-रेख करता था। उसकी दादी के बालों में जटा थी और वो इसी मंदिर में रहती थीं। इसलिए मंदिर का नाम जटाही मंदिर पड़ा।’ ‘उसकी दादी के निधन के बाद त्रिलोकी इसी मंदिर में रहने लगा। पढ़ने लिखने में कमजोर था, मगर मुहल्ले के लड़कों के साथ घुलमिल कर रहता था। इस मंदिर में रहने को लेकर भी उसका कई बार विवाद हुआ है।’ पांच साल पहले आपस में झगड़ चुके हैं दोनों तकरीबन चार-पांच साल पहले महालक्ष्मी देवी के घर से त्रिलोकी का झगड़ा हुआ था। उस समय भी खूब बवाल कटा, सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था। महालक्ष्मी की शिकायत पर त्रिलोकी पर मुकदमा हुआ और वो 4 महीने जेल में रहा। उसके बाद से ही त्रिलोकी फरार है। पड़ोसियों का कहना है, ‘जब वो लौटा तो फिर मंदिर में रहना छोड़ दिया। मुहल्ले में ही रहता था, मगर किराए के कई घर बदल दिए।’ ‘जब से वो लौटा तो गुमसुम रहने लगा। उसके बाद उसकी संगत बिगड़ती चली गई, फिर मुहल्ले के लोगों ने उसका साथ छोड़ दिया। त्रिलोकी पहले भी एक मामले में फरार चल रहा है और पुलिस के लिए वांटेड है।’ धनंजय ने कहा- किसी से दुश्मनी नहीं NMCH में जिंदगी और मौत से जूझ रहे परिवार में इकलौते बचे धनंजय महतो का कहना है, ‘किसी से रंजिश नहीं है। अपराधी हेलमेट पहले हुए थे इसलिए वे किसी को पहचान नहीं पाए।’ वह हॉस्पिटल में बार-बार कहते रहे कि पत्नी और बेटी को बचा लीजिए। —————- ये भी पढ़ें… पति ने कराया था एशिया हॉस्पिटल की डायरेक्टर का मर्डर:5 गिरफ्तार, अस्पताल की HR से अफेयर था; नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी में पुलिस पटना के एशिया हॉस्पिटल की डायरेक्टर सुरभि राज की हत्या का मंगलवार को खुलासा हो गया है। पुलिस के अनुसार सुरभि के पति राकेश रौशन उर्फ चंदन (34) ने मर्डर की साजिश रची थी। अस्पताल की 30 साल की महिला स्टाफ से राकेश का अफेयर चल रहा था। सुरभि इसका विरोध करती थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक पति समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़िए ‘अगर समय पर पुलिस पहुंच जाती तो सिंघली बच सकती थी। गोली मारने की सूचना के आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची।’ यह कहना है 9 जून को गोलीबारी में मारी गईं नर्स महालक्ष्मी के घर से सटे हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले मो. मेराज का। सोमवार सुबह 9.15 बजे बदमाशों ने महालक्ष्मी देवी, उनके पति धनंजय महतो और इकलौती बेटी सिंधली कुमारी को गोली मार दी थी। इसमें सिंघली और महालक्ष्मी की मौत हो गई है। धनंजय की हालत नाजुक है। पुलिस ने FIR कर जांच शुरू कर दी है। ASP अतुलेश झा ने बताया, ‘इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जल्द गिरफ्तारी होगी। एक सूचना ये भी आ रही है कि उस एरिया में स्मैकिए सब रहते थे। लोगों ने इसका विरोध किया था। पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है।’ हत्या के बाद मोहल्ले में अजीब तरह की शांति है। पड़ोसियों में कुछ सुगबुगाहट है। कुछ दबी जुबान नामजद आरोपी त्रिलोकी का नाम ले रहे हैं तो कुछ महालक्ष्मी के रूखे व्यवहार की चर्चा कर रहे हैं। भास्कर के ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए और जानिए, अब तक क्या है कहानी…। महालक्ष्मी के घर से सटे ही हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले मो. मेराज ने बताया, ‘दुकान खुलने से 30 मिनट पहले ही घटना हो गई थी। उनका व्यवहार जैसा भी था, कोई गोली कैसे मार सकता है? हमें जब पता चला तो हमलोग भी भाग कर आए। देखा कि दो लोग बाहर गिरे पड़े हैं। किसी की हिम्मत नहीं हुई कि पास जाए।’ ‘मोहल्ले की बात थी इसलिए सब लोग घबरा रहे थे। किसी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मेरे देखते भर में लड़की की सांस चल रही थी, लेकिन पुलिस ने आने में आधे घंटे लगा दिया। तब तक दोनों की जान जा चुकी थी।’ ‘जो लोग गोली मारने आए थे वो बाइक से थे। उन्होंने हेलमेट पहना था। महालक्ष्मी को सिर और बांह में गोली लगी। सिंधली को सिर और दाहिने हाथ में दो गोलियां मारी गईं। जब उसको एक गोली लगी तो वो भागकर भीतर जाने लगी, फिर उसको दो गोली और मारी गई। सारी घटना एक मिनट के अंदर हो गई।’ 25 साल से रह रही थीं, किसी से व्यवहार ठीक नहीं था महालक्ष्मी देवी अरफाबाद नाले के सामने बीते 25 सालों से मकान बनवा कर रहती थीं। उनके पति धनंजय भद्रघाट के एक निजी अस्पताल में कंपाउंडर थे। महालक्ष्मी भी हाल में नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) से रिटायर हुईं थी। उन्होंने कुछ महीने पहले ही गाय खरीदी थी। पड़ोसियों की मानें तो कभी गाय बांधने तो कभी गोबर फेंकने को लेकर बहस होते रहती थी। पति लकवाग्रस्त थे और बेटी पुणे में पढ़ाई करती थी। उनका व्यवहार बहुत अच्छा नहीं था। घर के ठीक बगल की रहने वाली वृद्धा ने बताया, ‘घटना के एक घंटा पहले हम अपनी चौखट पर बैठे थे। वो अपनी गाय लेकर निकलीं और मेरी तरफ देखने लगी। मेरे कुछ कहने से पहले ही गाली बकने लगीं। कभी कोई उनके घर के बाहर से गाड़ी मोड़ लेता था तो कैमरा से देखकर गाली देने लगती थी। वट सावित्री वाले दिन ही वो भीड़ होने पर गाली देने लगी थीं।’ त्रिलोकी की दादी जटाही मंदिर की पुजारन थीं इस गोलीकांड में त्रिलोकी का नाम आ रहा है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। महालक्ष्मी देवी के पड़ोसी ने नाम न बताने की शर्त पर हमें बताया, ‘त्रिलोकी पहले जटाही मंदिर में रहता था और मंदिर की देख-रेख करता था। उसकी दादी के बालों में जटा थी और वो इसी मंदिर में रहती थीं। इसलिए मंदिर का नाम जटाही मंदिर पड़ा।’ ‘उसकी दादी के निधन के बाद त्रिलोकी इसी मंदिर में रहने लगा। पढ़ने लिखने में कमजोर था, मगर मुहल्ले के लड़कों के साथ घुलमिल कर रहता था। इस मंदिर में रहने को लेकर भी उसका कई बार विवाद हुआ है।’ पांच साल पहले आपस में झगड़ चुके हैं दोनों तकरीबन चार-पांच साल पहले महालक्ष्मी देवी के घर से त्रिलोकी का झगड़ा हुआ था। उस समय भी खूब बवाल कटा, सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था। महालक्ष्मी की शिकायत पर त्रिलोकी पर मुकदमा हुआ और वो 4 महीने जेल में रहा। उसके बाद से ही त्रिलोकी फरार है। पड़ोसियों का कहना है, ‘जब वो लौटा तो फिर मंदिर में रहना छोड़ दिया। मुहल्ले में ही रहता था, मगर किराए के कई घर बदल दिए।’ ‘जब से वो लौटा तो गुमसुम रहने लगा। उसके बाद उसकी संगत बिगड़ती चली गई, फिर मुहल्ले के लोगों ने उसका साथ छोड़ दिया। त्रिलोकी पहले भी एक मामले में फरार चल रहा है और पुलिस के लिए वांटेड है।’ धनंजय ने कहा- किसी से दुश्मनी नहीं NMCH में जिंदगी और मौत से जूझ रहे परिवार में इकलौते बचे धनंजय महतो का कहना है, ‘किसी से रंजिश नहीं है। अपराधी हेलमेट पहले हुए थे इसलिए वे किसी को पहचान नहीं पाए।’ वह हॉस्पिटल में बार-बार कहते रहे कि पत्नी और बेटी को बचा लीजिए। —————- ये भी पढ़ें… पति ने कराया था एशिया हॉस्पिटल की डायरेक्टर का मर्डर:5 गिरफ्तार, अस्पताल की HR से अफेयर था; नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी में पुलिस पटना के एशिया हॉस्पिटल की डायरेक्टर सुरभि राज की हत्या का मंगलवार को खुलासा हो गया है। पुलिस के अनुसार सुरभि के पति राकेश रौशन उर्फ चंदन (34) ने मर्डर की साजिश रची थी। अस्पताल की 30 साल की महिला स्टाफ से राकेश का अफेयर चल रहा था। सुरभि इसका विरोध करती थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक पति समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़िए  

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