गोपालगंज में शान-ओ-शौकत से निकला मुहर्रम का जुलूस:ताजिया के साथ लाठी-डंडों से युवाओं ने किया शौर्य प्रदर्शन; जिला परिषद चेयरमैन ने बांटा मिठाई-पानी

गोपालगंज में शान-ओ-शौकत से निकला मुहर्रम का जुलूस:ताजिया के साथ लाठी-डंडों से युवाओं ने किया शौर्य प्रदर्शन; जिला परिषद चेयरमैन ने बांटा मिठाई-पानी

मुहर्रम के अवसर पर रविवार को जिलेभर में शांति, सौहार्द और आस्था के साथ जुलूस निकाला गया। जगह-जगह से ताजिया जुलूसों के साथ निकले युवाओं ने शौर्य प्रदर्शन किया। जुलूस को देखने के लिए सड़क किनारे लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-नगाड़ों की गूंज और श्रद्धा से ओत-प्रोत माहौल के बीच पूरा शहर आस्था के रंग में डूबा रहा। जिला मुख्यालय के जंगलिया, फतहां, इंद्रवां एबदुल्ला, इंद्रवां साकिर, भितभेरवां, हजियापुर, कैथवलिया, रजोखर नवादा, तिरबिरवां और मानिकपुर समेत दर्जनों इलाकों से ताजिया जुलूस निकाला गया। शहर के विभिन्न मोहल्लों और ग्रामीण इलाकों से निकले जुलूस नगर के विभिन्न रास्तों से होते हुए ब्लॉक परिसर पहुंचे, जहां इनका रूप मेला में तब्दील हो गया। यहां हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा मौजूद रहे। भीतभेरवा गांव में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल शहर के भीतभेरवा गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की शानदार मिसाल देखने को मिली। यहां मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ हिंदू समुदाय के लोगों ने भी पूरे सम्मान और सहयोग के साथ जुलूस में भाग लिया। यह दृश्य सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की भावना को और मजबूत करता है। चेयरमैन सुभाष सिंह ने किया मिठाई-पानी का वितरण जुलूस के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह स्वयं मौजूद रहे और जुलूस में शामिल लोगों के बीच मिठाई और पानी का वितरण किया। उन्होंने कहा कि मुहर्रम सिर्फ एक धर्म विशेष का पर्व नहीं, बल्कि बलिदान, सच्चाई और आदर्शों की रक्षा का प्रतीक है, जिसे सभी समुदायों को समझने और अपनाने की जरूरत है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, हर चौक-चौराहे पर तैनात रहा पुलिस बल मुहर्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हर प्रमुख चौक-चौराहे पर सुरक्षा बल मौजूद रहे। ड्रोन कैमरों और CCTV के माध्यम से भी निगरानी की गई, जिससे किसी तरह की अनहोनी को रोका जा सके। इमामबाड़ा के मौलवी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन ने करबला में अपने साथियों के साथ मिलकर जिस तरह इस्लाम और इंसानियत की रक्षा में बलिदान दिया, वह बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम का असली संदेश यही है कि सत्य और आदर्शों के लिए कुर्बानी देना सीखें, और समाज में भाईचारा, सहनशीलता और न्याय की भावना को कायम रखें। मुहर्रम के अवसर पर रविवार को जिलेभर में शांति, सौहार्द और आस्था के साथ जुलूस निकाला गया। जगह-जगह से ताजिया जुलूसों के साथ निकले युवाओं ने शौर्य प्रदर्शन किया। जुलूस को देखने के लिए सड़क किनारे लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। ढोल-नगाड़ों की गूंज और श्रद्धा से ओत-प्रोत माहौल के बीच पूरा शहर आस्था के रंग में डूबा रहा। जिला मुख्यालय के जंगलिया, फतहां, इंद्रवां एबदुल्ला, इंद्रवां साकिर, भितभेरवां, हजियापुर, कैथवलिया, रजोखर नवादा, तिरबिरवां और मानिकपुर समेत दर्जनों इलाकों से ताजिया जुलूस निकाला गया। शहर के विभिन्न मोहल्लों और ग्रामीण इलाकों से निकले जुलूस नगर के विभिन्न रास्तों से होते हुए ब्लॉक परिसर पहुंचे, जहां इनका रूप मेला में तब्दील हो गया। यहां हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा मौजूद रहे। भीतभेरवा गांव में हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल शहर के भीतभेरवा गांव में मुहर्रम के जुलूस के दौरान हिंदू-मुस्लिम एकता की शानदार मिसाल देखने को मिली। यहां मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ हिंदू समुदाय के लोगों ने भी पूरे सम्मान और सहयोग के साथ जुलूस में भाग लिया। यह दृश्य सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की भावना को और मजबूत करता है। चेयरमैन सुभाष सिंह ने किया मिठाई-पानी का वितरण जुलूस के दौरान जिला परिषद अध्यक्ष सुभाष सिंह स्वयं मौजूद रहे और जुलूस में शामिल लोगों के बीच मिठाई और पानी का वितरण किया। उन्होंने कहा कि मुहर्रम सिर्फ एक धर्म विशेष का पर्व नहीं, बल्कि बलिदान, सच्चाई और आदर्शों की रक्षा का प्रतीक है, जिसे सभी समुदायों को समझने और अपनाने की जरूरत है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, हर चौक-चौराहे पर तैनात रहा पुलिस बल मुहर्रम को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हर प्रमुख चौक-चौराहे पर सुरक्षा बल मौजूद रहे। ड्रोन कैमरों और CCTV के माध्यम से भी निगरानी की गई, जिससे किसी तरह की अनहोनी को रोका जा सके। इमामबाड़ा के मौलवी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन ने करबला में अपने साथियों के साथ मिलकर जिस तरह इस्लाम और इंसानियत की रक्षा में बलिदान दिया, वह बेमिसाल है। उन्होंने कहा कि मुहर्रम का असली संदेश यही है कि सत्य और आदर्शों के लिए कुर्बानी देना सीखें, और समाज में भाईचारा, सहनशीलता और न्याय की भावना को कायम रखें।  

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