बिहार में एक मां ने 15 बच्चों को दिया जन्म:14 की मौत, 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचाया; जन्म के समय 500 ग्राम था वजन

बिहार में एक मां ने 15 बच्चों को दिया जन्म:14 की मौत, 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचाया; जन्म के समय 500 ग्राम था वजन

रोहतास में एक सप्ताह पहले महिला ने 15 बच्चों को जन्म दिया। महिला सैफुल खातून के सभी बच्चे समय से पहले पैदा हुए। कुपोषण और कमजोरी के कारण 14 बच्चों की मौत हो गई, लेकिन 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचा लिया है। सैफुल खातून दिनारा प्रखंड के गोपालपुर की रहने वाली हैं। महिला ने 15 बच्चों को दिया जन्म सासाराम के एक निजी अस्पताल में महिला ने 15 बच्चों को जन्म दिया। एक मात्र बचे 15वें बच्चे का जन्म के समय वजन मात्र 500 ग्राम था। निजी अस्पताल में स्थिति में सुधार न होने पर बच्चे को सासाराम सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह में बच्चे का वजन बढ़कर 700 ग्राम हो गया। स्थिति में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी बच्चे की स्थिति में सुधार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस दौरान सिविल सर्जन खुद एसएनसीयू पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को मिठाई खिलाई और गुलाब का फूल भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया। नवजात बच्चों के इलाज की सारी सुविधा सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन ने बताया कि सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था है। अस्पताल में 10 रेडिएंट वार्मर हैं। उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सेवा दे रहे हैं। इससे बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। मातृ शिशु अस्पताल में मां और बच्चे दोनों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। रोहतास में एक सप्ताह पहले महिला ने 15 बच्चों को जन्म दिया। महिला सैफुल खातून के सभी बच्चे समय से पहले पैदा हुए। कुपोषण और कमजोरी के कारण 14 बच्चों की मौत हो गई, लेकिन 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचा लिया है। सैफुल खातून दिनारा प्रखंड के गोपालपुर की रहने वाली हैं। महिला ने 15 बच्चों को दिया जन्म सासाराम के एक निजी अस्पताल में महिला ने 15 बच्चों को जन्म दिया। एक मात्र बचे 15वें बच्चे का जन्म के समय वजन मात्र 500 ग्राम था। निजी अस्पताल में स्थिति में सुधार न होने पर बच्चे को सासाराम सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह में बच्चे का वजन बढ़कर 700 ग्राम हो गया। स्थिति में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी बच्चे की स्थिति में सुधार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस दौरान सिविल सर्जन खुद एसएनसीयू पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को मिठाई खिलाई और गुलाब का फूल भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया। नवजात बच्चों के इलाज की सारी सुविधा सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन ने बताया कि सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था है। अस्पताल में 10 रेडिएंट वार्मर हैं। उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सेवा दे रहे हैं। इससे बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। मातृ शिशु अस्पताल में मां और बच्चे दोनों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है।  

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