बंद कमरे में पप्पू यादव की कांग्रेस प्रभारी से डील:समर्थकों को भी कांग्रेस से टिकट दिलवाएंगे, अब तेजस्वी क्या करेंगे

बंद कमरे में पप्पू यादव की कांग्रेस प्रभारी से डील:समर्थकों को भी कांग्रेस से टिकट दिलवाएंगे, अब तेजस्वी क्या करेंगे

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ पटना के एक होटल में गुपचुप बैठक की। यह दोनों की पहली मुलाकात थी। गोपनीय मीटिंग में पप्पू यादव ने एक लिस्ट सौंपी है। लिस्ट में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले और संगठन में शामिल करने वालों के नाम हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने पप्पू यादव को साथ रखने का फैसला किया है। वह अपने कोटे से कुछ सीटें दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, RJD के दबाव में पप्पू यादव को महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं किया जा रहा है। इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए, महागठबंधन के अंदर क्या चल रहा है?, पप्पू यादव की क्या डिमांड है? सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (JAP) के नेताओं को एडजस्ट करने पर बात हुई। साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी बात हुई। इस दौरान यादव ने अपनी के लिस्ट सौंपी है। उनका तर्क है कि पार्टी को विनिबिलिटी फैक्टर पर काम करना चाहिए। हालांकि, कितनी सीटों की लिस्ट सौंपी गई है, उसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है। बता दें, JAP 20 से 25 सीटों की मांग कांग्रेस से करती रही है। कांग्रेस के संगठन में पप्पू यादव को हिस्सेदारी मिले JAP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र कुशवाहा ने बताया, ‘कांग्रेस में हमारी पार्टी का विलय लोकसभा चुनाव से पहले ही हो गया था। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम बनाए गए हैं। अब कांग्रेस पार्टी का विस्तार होना है। पप्पू यादव के समर्थकों की बैठक 4 मई को पटना में हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि कांग्रेस में हमें पद-प्रतिष्ठा ठीक से मिले। JAP के जिन नेताओं का परफॉर्मेंस ठीक-ठीक रहा है उन्हें कांग्रेस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए।’ ‘राष्ट्रीय स्तर, प्रदेश स्तर व विभिन्न प्रकोष्ठों के नेताओं की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को दे दी गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव के समर्थकों की वह सूची भी कांग्रेस को दी गई है जिन्होंने चुनाव लड़ा। किसने कितना वोट पाया और क्षेत्र कौन रहा, इसकी पूरी जानकारी सूची में है। हम इंतजार कर रहे हैं कि पप्पू यादव के समर्थकों को किस तरह कांग्रेस में एडजस्ट किया जाता है।’ पप्पू यादव और कांग्रेस के बीच RJD बाधक है? इस सवाल पर कुशवाहा ने कहा, ‘सहयोगी पार्टी होने के कारण तेजस्वी यादव भी चाहेंगे कि महागठबंधन की पार्टियों से मजबूत उम्मीदवार चुनाव में उतारे जाएं। यह ज्यादा बेहतर स्थिति होगी। बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए छोटी बातों को त्यागना ही पड़ेगा।’ RJD के अंदरूनी विरोध के बावजूद पप्पू कांग्रेस के करीब पप्पू यादव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) असहज है। उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में लोकसभा चुनाव से पहले किया। तब बताया गया कि पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन RJD ने ये सीट नहीं छोड़ी। इसके बाद पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। हालांकि, पप्पू यादव ने कांग्रेस को नहीं छोड़ा। वह हर मौके पर अपना नेता राहुल गांधी को बताते रहे हैं। कांग्रेस ने भी उनको अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया। सीमांचल में पप्पू का असर कोसी-सीमांचल के इलाके में पप्पू यादव की अच्छी पकड़ मानी जाती है। सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों पर पप्पू यादव का प्रभाव है। इन सीटों पर भले वो अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन जब गठबंधन में आएंगे तो जीत की राह आसान जरूर कर सकते हैं। कोसी नदी के किनारे नेपाल और बांग्लादेश की सीमा के करीब बसे पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज और कटिहार के इलाके आते हैं। इनकी राजनीतिक ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि वो निर्दलीय विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीत चुके हैं। डिप्टी CM की गारंटी चाहती है कांग्रेस महागठबंधन में CM फेस को लेकर अब तक क्लियरिटी नहीं है। हालांकि, मान कर चला जा रहा है कि तेजस्वी यादव ही गठबंधन का चेहरा होंगे। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी के नाम के ऐलान में देर करने के पीछे कांग्रेस की एक मांग आड़े आ रही है। अबकी बार कांग्रेस चाहती है कि जब CM फेस का ऐलान हो, उस वक्त डिप्टी CM का भी ऐलान कर दिया जाए। कांग्रेस एक डिप्टी CM का पद चाहती है। इसी मांग पर अब तक आम सहमति नहीं बन पाई है। 2020 विधानसभा चुनाव में JAP का निराशाजनक प्रदर्शन पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (JAP) 2020 विधानसभा चुनाव में 154 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन खाता नहीं खुला। सिर्फ तीन सीटों पर ठीक ठाक वोट मिले थे। जमुई में JAP के मो. शमशाद आलम को 17,800, वाल्मीकि नगर में सुमन कुमार को 18,409 और मधेपुरा में पप्पू यादव को 26,462 वोट मिले थे। इन 3 सीटों पर ही पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव के समय एक गठबंधन भी बनाया था। ———– ये भी पढ़ें… ‘महागठबंधन की पार्टियां एक-दूसरे पर ब्लेम न करें’:कांग्रेस प्रभारी ने कहा- पप्पू यादव बड़े नेता, कन्हैया खुद तय करेंगे चुनाव लड़ेंगे या नहीं RJD के अंदरखाने 2020 विधानसभा के बाद से लगातार आरोप लगता रहा है कि कांग्रेस के कारण हमारी सरकार नहीं बनी। कांग्रेस को अगर 70 से कम सीटें दी होती तो आज बिहार में अपनी सरकार होती। इस पर पहली बार कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने जवाब दिया है। पूरी खबर पढ़िए पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बिहार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के साथ पटना के एक होटल में गुपचुप बैठक की। यह दोनों की पहली मुलाकात थी। गोपनीय मीटिंग में पप्पू यादव ने एक लिस्ट सौंपी है। लिस्ट में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले और संगठन में शामिल करने वालों के नाम हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने पप्पू यादव को साथ रखने का फैसला किया है। वह अपने कोटे से कुछ सीटें दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, RJD के दबाव में पप्पू यादव को महागठबंधन की बैठक में शामिल नहीं किया जा रहा है। इस स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए, महागठबंधन के अंदर क्या चल रहा है?, पप्पू यादव की क्या डिमांड है? सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी (JAP) के नेताओं को एडजस्ट करने पर बात हुई। साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी बात हुई। इस दौरान यादव ने अपनी के लिस्ट सौंपी है। उनका तर्क है कि पार्टी को विनिबिलिटी फैक्टर पर काम करना चाहिए। हालांकि, कितनी सीटों की लिस्ट सौंपी गई है, उसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है। बता दें, JAP 20 से 25 सीटों की मांग कांग्रेस से करती रही है। कांग्रेस के संगठन में पप्पू यादव को हिस्सेदारी मिले JAP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र कुशवाहा ने बताया, ‘कांग्रेस में हमारी पार्टी का विलय लोकसभा चुनाव से पहले ही हो गया था। कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम बनाए गए हैं। अब कांग्रेस पार्टी का विस्तार होना है। पप्पू यादव के समर्थकों की बैठक 4 मई को पटना में हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि कांग्रेस में हमें पद-प्रतिष्ठा ठीक से मिले। JAP के जिन नेताओं का परफॉर्मेंस ठीक-ठीक रहा है उन्हें कांग्रेस विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए।’ ‘राष्ट्रीय स्तर, प्रदेश स्तर व विभिन्न प्रकोष्ठों के नेताओं की सूची भी कांग्रेस नेतृत्व को दे दी गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव के समर्थकों की वह सूची भी कांग्रेस को दी गई है जिन्होंने चुनाव लड़ा। किसने कितना वोट पाया और क्षेत्र कौन रहा, इसकी पूरी जानकारी सूची में है। हम इंतजार कर रहे हैं कि पप्पू यादव के समर्थकों को किस तरह कांग्रेस में एडजस्ट किया जाता है।’ पप्पू यादव और कांग्रेस के बीच RJD बाधक है? इस सवाल पर कुशवाहा ने कहा, ‘सहयोगी पार्टी होने के कारण तेजस्वी यादव भी चाहेंगे कि महागठबंधन की पार्टियों से मजबूत उम्मीदवार चुनाव में उतारे जाएं। यह ज्यादा बेहतर स्थिति होगी। बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए छोटी बातों को त्यागना ही पड़ेगा।’ RJD के अंदरूनी विरोध के बावजूद पप्पू कांग्रेस के करीब पप्पू यादव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) असहज है। उन्होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में लोकसभा चुनाव से पहले किया। तब बताया गया कि पप्पू यादव पूर्णिया से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन RJD ने ये सीट नहीं छोड़ी। इसके बाद पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। हालांकि, पप्पू यादव ने कांग्रेस को नहीं छोड़ा। वह हर मौके पर अपना नेता राहुल गांधी को बताते रहे हैं। कांग्रेस ने भी उनको अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया। सीमांचल में पप्पू का असर कोसी-सीमांचल के इलाके में पप्पू यादव की अच्छी पकड़ मानी जाती है। सीमांचल की 24 विधानसभा सीटों पर पप्पू यादव का प्रभाव है। इन सीटों पर भले वो अकेले चुनाव नहीं जीत सकते, लेकिन जब गठबंधन में आएंगे तो जीत की राह आसान जरूर कर सकते हैं। कोसी नदी के किनारे नेपाल और बांग्लादेश की सीमा के करीब बसे पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, किशनगंज और कटिहार के इलाके आते हैं। इनकी राजनीतिक ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगता है कि वो निर्दलीय विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीत चुके हैं। डिप्टी CM की गारंटी चाहती है कांग्रेस महागठबंधन में CM फेस को लेकर अब तक क्लियरिटी नहीं है। हालांकि, मान कर चला जा रहा है कि तेजस्वी यादव ही गठबंधन का चेहरा होंगे। सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी के नाम के ऐलान में देर करने के पीछे कांग्रेस की एक मांग आड़े आ रही है। अबकी बार कांग्रेस चाहती है कि जब CM फेस का ऐलान हो, उस वक्त डिप्टी CM का भी ऐलान कर दिया जाए। कांग्रेस एक डिप्टी CM का पद चाहती है। इसी मांग पर अब तक आम सहमति नहीं बन पाई है। 2020 विधानसभा चुनाव में JAP का निराशाजनक प्रदर्शन पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (JAP) 2020 विधानसभा चुनाव में 154 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन खाता नहीं खुला। सिर्फ तीन सीटों पर ठीक ठाक वोट मिले थे। जमुई में JAP के मो. शमशाद आलम को 17,800, वाल्मीकि नगर में सुमन कुमार को 18,409 और मधेपुरा में पप्पू यादव को 26,462 वोट मिले थे। इन 3 सीटों पर ही पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव के समय एक गठबंधन भी बनाया था। ———– ये भी पढ़ें… ‘महागठबंधन की पार्टियां एक-दूसरे पर ब्लेम न करें’:कांग्रेस प्रभारी ने कहा- पप्पू यादव बड़े नेता, कन्हैया खुद तय करेंगे चुनाव लड़ेंगे या नहीं RJD के अंदरखाने 2020 विधानसभा के बाद से लगातार आरोप लगता रहा है कि कांग्रेस के कारण हमारी सरकार नहीं बनी। कांग्रेस को अगर 70 से कम सीटें दी होती तो आज बिहार में अपनी सरकार होती। इस पर पहली बार कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने जवाब दिया है। पूरी खबर पढ़िए  

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