India-Pakistan Conflicts: जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Former Jammu & Kashmir Chief Minister Mehbooba Mufti) शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से अकारण गोलीबारी में बच्चों की मौत पर रो पड़ीं। जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख ने भारत तथा पड़ोसी देश के बीच उत्पन्न ताजा तनाव को दूर करने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का आह्वान किया।
‘गोलीबारी में अक्सर बच्चे और महिलाएं ही फंसती हैं’
India-Pakistan Tension: श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पुलवामा (2019) (Pulwama attack) और पहलगाम (2025) (Pahalgam Terrorist Attack) आतंकवादी हमलों का उल्लेख किया और कहा कि इन घटनाओं ने देश को “तबाही” के कगार पर ला खड़ा किया है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि अक्सर बच्चे और महिलाएं ही गोलीबारी में फंस जाती हैं। उन्होंने कहा के मैंने एक पल जुड़वां बच्चों को खेलते हुए देखा और अगले ही पल उनके शरीर खून से लथपथ देखे। इन बच्चों और महिलाओं का क्या दोष है जो गोलीबारी में फंस रहे हैं?”
‘कब तक हमारी माताओं की गोद होती रहेगी सूनी?’
उन्होंने गोलबारी में मारे गए बच्चों के बारे में कहा, “यह उनकी खेलने की उम्र है। यह कब तक चलेगा? कब तक जम्मू एवं कश्मीर के लोग और विशेषकर यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग कष्ट झेलते रहेंगे? कब तक हमारी माताओं की गोद सूनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के दोनों तरफ़ नागरिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “उन्होंने यह युद्ध शुरू नहीं किया, यह उनकी इच्छा से नहीं हो रहा है, लेकिन वे अभी इसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रहे हैं।”
‘पुलवामा-पहलगाम ने तबाही के कगार पर ला खड़ा किया’
मुफ्ती ने दोनों पक्षों की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि इससे शांति और सद्भाव सुनिश्चित नहीं होता। उन्होंने कहा, “पुलवामा और पहलगाम दो ऐसी घटनाएं हैं, जिन्होंने दोनों देशों को तबाही के कगार पर ला खड़ा किया है। अगर यह इसी तरह जारी रहा, तो पूरी दुनिया के लिए खतरा है।”
भारत के प्रधानमंत्री का ऑपरेशन सिंदूर पर पहला बयान आया है जिसे आप इस वीडियो में देख सकते हैं।
सैन्य कार्रवाई से से लक्षणों का होता है, मूल समस्या का नहीं: मुफ्ती
उन्होंने कहा, “चाहे वह कारगिल हो, पुलवामा हो, पहलगाम हो या पठानकोट हो… हमने देखा है कि जब भी कोई सैन्य कार्रवाई होती है तो वह केवल लक्षणों का इलाज करती है, समस्या के मूल कारण का इलाज नहीं करती। इससे कोई समाधान नहीं निकलता और स्थायी शांति बनाए रखने में मदद नहीं मिलती।”
दोनों पीएम फोन उठा कर समस्या को खत्म कर सकते हैं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है और पाकिस्तान में आंतरिक स्थिति अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं दोनों पक्षों के नेतृत्व से इस हमले को रोकने की अपील करती हूं… मैं पाकिस्तान के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं, जिन्होंने वादा किया था कि युद्ध का युग समाप्त हो गया है… अगर दोनों प्रधानमंत्री फोन उठा सकते हैं और इस संघर्ष को हल कर सकते हैं।”
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