बस्ती में गेहूं बीज का संकट:सरकारी केंद्रों पर स्टॉक खत्म, किसान खाली हाथ लौटे

बस्ती जिले में यूरिया संकट के बाद अब किसानों को गेहूं के बीज के लिए भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी बीज वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। कई केंद्रों पर बीज का स्टॉक खत्म हो गया है, जिससे किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि उन्हें सरकारी केंद्रों पर बीज नहीं मिल रहा है, जबकि निजी दुकानों पर अधिक कीमत पर उपलब्ध है। रूधौली कृषि रक्षा इकाई पर किसान रामसुमेर ने बताया कि वे चार-पांच बार केंद्र का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक बीज नहीं मिला है। किसान विद्यार्थी ने कहा कि केंद्र प्रभारी हर बार “कल मिलेगा” कहकर लौटा देते हैं। इसी तरह किसान राकेश और अर्जुन ने भी अपनी परेशानी बताई। केंद्र प्रभारी प्रदीप कुमार वर्मा ने स्वीकार किया कि बीज बहुत कम मात्रा में आया है। उन्होंने बताया कि सिर्फ 300 क्विंटल बीज प्राप्त हुआ है, जिसे कंप्यूटर फीडिंग और किसानों की बायोमेट्रिक पहचान के बाद ही वितरित किया जा रहा है। गौर ब्लॉक स्थित बीज रक्षा इकाई पर भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। किसान गणेश विक्रम सिंह और तिलकराम ने बताया कि यहां बीज पूरी तरह खत्म हो गया है। किसान शिव प्रसाद ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा – “पहले यूरिया के लिए भटके, अब बीज के लिए।” केंद्र इंचार्ज ने पुष्टि की कि स्टॉक खत्म हो चुका है और अगली खेप का इंतजार है। हर्रैया ब्लॉक बीज भंडार प्रभारी धीरज कुमार मौर्य ने जानकारी दी कि 15 अक्टूबर को 720 बोरी बीज आया था, जो 6 नवंबर को खत्म हो गया। उन्होंने बताया कि नया स्टॉक अगले सप्ताह आएगा। सल्टौआ केंद्र पर किसान अशोक मिश्रा ने शिकायत की कि वे दो दिन से लाइन में हैं, फिर भी उन्हें बीज नहीं मिला। केंद्र प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि यहां 390 क्विंटल बीज का आवंटन हुआ था। भानपुर केंद्र पर किसान अवधराज शर्मा ने आरोप लगाया कि 1,050 रुपए प्रति बोरी में गेहूं बीज बेचा जा रहा है। कुल मिलाकर, बीज वितरण व्यवस्था की सुस्ती और सीमित आवंटन ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेत तैयार होने के बावजूद बीज न मिलने से रबी की बुवाई पर संकट मंडराने लगा है।

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