मोदी राज में 27 करोड़ भारतीयों के माथे से कैसे मिटा गरीबी का कलंक? ये 7 फॉर्मूले आए काम

मोदी राज में 27 करोड़ भारतीयों के माथे से कैसे मिटा गरीबी का कलंक? ये 7 फॉर्मूले आए काम

नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आए 11 साल बीत चुके हैं और उसके शासन में एक के बाद एक कीर्तिमान कायम हो रहे हैं। हाल में रिपोर्ट आई है कि भारत में गरीबों की संख्या में बड़ी गिरावट आई। सरकार की लाभकारी नीतियों ने 27 करोड़ गरीब परिवारों की किस्मत बदल कर रख दी है।

2022-23 में भारत में अत्यधिक गरीबी में जबर्दस्त गिरावट

वर्ल्ड बैंक के आंकड़े बताते हैं कि 2011-12 के मुकाबले 2022-23 में भारत में अत्यधिक गरीबी में जबर्दस्त गिरावट आई है। यह आंकड़ा 27.1 फीसदी से गिरकर 5.3 फीसदी पर आ गया है। यह बदलाव तब है जब वर्ल्ड बैंक गरीबी सीमा को 2.15 डॉलर प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 3 डॉलर प्रति व्यक्ति कर रही है।

दुनिया में गरीबों की संख्या बढ़ी

भारत में गरीब उस समय घटे हैं जब दुनिया में इनकी संख्या बढ़ी है। यह तरक्की भारतीय इकोनॉमी की शानदार ग्रोथ के बारे में बताती है। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनने के करीब है।

चौथी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर

अर्नस्ट एंड यंग के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव के मुताबिक भारत न सिर्फ दुनिया की चौथी इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है बल्कि गरीबी कम करने में भी सिरमौर है।

गरीबी दूर करने में ये 7 कारण मददगार

1- एक दशक में भारत की जीडीपी दोगुनी हो गई है।
2- जीडीपी बढ़ने से गरीब बिलो पॉवर्टी लाइन से ऊपर आए।
3- सरकार की गरीबी कम करने के लिए लाभकारी नीतियां।
4- नौकरी के अवसर का बढ़ना।
5- पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी।
6- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से फायदा।
7- इंफ्रा में निर्माण गतिविधि का बढ़ना।

गरीबी घटने के पीछे कई कारण

पीडब्ल्यूसी इंडिया की गर्वनमेंट सेक्टर लीडर रनन बनर्जी के मुताबिक गरीबी घटने के पीछे कई कारण हैं। इनमें सबसे बड़ा इंफ्रा सेक्टर में कंस्ट्रक्शन गतिविधियों का बढ़ना रहा। इससे टैक्स रेवेन्यू को बढ़ावा मिला और नौकरियों के अवसर बढ़े। उनके मुताबिक विभिन्न योजनाओं की रकम सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का फायदा भी हुआ। मिडल क्लास की ग्रोथ का बढ़ना और सर्विस सेक्टर से कंज्मशन भी बड़े कारण रहे।

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