Heart Attack Risk : सप्ताह में 1-2 दिन में चलें इतने हजार स्टेप्स, महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है

Heart Attack Risk : सप्ताह में 1-2 दिन में चलें इतने हजार स्टेप्स, महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा कम हो सकता है

Heart Attack Risk : दिल की बीमारियां महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती हैं, खासकर मेनोपॉज के बाद। लेकिन अब नई रिसर्च से राहत की खबर आई है अगर महिलाएं हफ्ते में सिर्फ एक या दो दिन भी करीब 4,000 कदम चलें, तो हार्ट डिजीज और समय से पहले मौत का खतरा काफी कम हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जरूरी नहीं कि हर दिन 10,000 कदम पूरे किए जाएं। बस शरीर को सक्रिय रखना और नियमित चलना ही लंबे समय तक दिल की सेहत बनाए रखने के लिए काफी है।

मेनोपॉज के दौरान बढ़ता है हार्ट डिजीज का खतरा

पिछले अध्ययनों से पता चलता है कि वृद्ध महिलाओं, खासकर 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हार्ट डिजीज होने का खतरा बढ़ जाता है। पिछले शोधों में कई ऐसे बदलाव बताए गए हैं जिन्हें लोग अपने हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए अपना सकते हैं, जिसमें शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहना भी शामिल है।

एक नए अध्ययन (द ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन) में पाया गया है कि जिन वृद्ध महिलाओं ने सप्ताह में केवल एक या दो दिन 4,000 कदम चले, उनमें हार्ट डिजीज और मृत्यु का खतरा उन महिलाओं की तुलना में कम था जिन्होंने कम कदम उठाए।

हार्ट डिजीज वर्तमान में दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हार्ट डिजीज वर्तमान में दुनिया भर में मृत्यु का प्रमुख कारण है, जो 2022 में लगभग 19.8 मिलियन मौतों के लिए जिम्मेदार है। पिछले शोधों में कई ऐसे बदलाव बताए गए हैं जिन्हें महिलाएं और पुरुष अपने हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए अपना सकते हैं, जिनमें धूम्रपान छोड़ना, हृदय के लिए स्वस्थ आहार लेना, तनाव के स्तर को कम करना और अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय रहना शामिल है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि स्वास्थ्य लाभ, कदमों की कुल संख्या (Total Volume) से जुड़ा है, न कि इस बात से कि आप रोजाना कितना चलती हैं। यानी, आप चाहे 4000 कदम एक दिन में चलें या 7000 कदम, जो सबसे ज्यादा मायने रखता है वह है हफ्ते भर में आपके द्वारा चले गए कदमों की औसत संख्या।

शोधकर्ता डॉ. रिकुता हमाया बताते हैं, यह संदेश उन बुजुर्गों के लिए सशक्तिकरण देने वाला है जो रोजाना 10,000 कदम के लक्ष्य को डरावना मानते हैं। अब उन्हें पता है कि रोज नहीं भी चल पाए तो हफ्ते में कुछ दिन चलकर भी वे बड़ा लाभ पा सकते हैं।”

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