वडोदरा में जन्मी, एमएसयू से ग्रेजुएशन-पीजी की पढ़ाई की, पति भी आर्मी में ऑफिसर, दादा भी सेना में थे
उदय पटेल
अहमदाबाद. वडोदरा. भारतीय सशस्त्र सेनाओं की ओर से पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (पीओके) के एयर स्ट्राइक के बारे में ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी बताने वालीं कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात की बेटी हैं। भारतीय सेना की इस बहादुर महिला अधिकारी ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में मीडिया को संबोधित कर पूरे राष्ट्र का ध्यान खींचा।
कर्नल सोफिया भारतीय सेना की सिग्नल कोर में सेवारत सेना की पहली महिला अफसर हैं जो वर्ष 1981 में वडोदरा में जन्मीं और यहीं के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (एमएसयू) से केमिस्ट्री में ग्रेजुएट और बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की। इसके बाद वे सेना से जुड़ीं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भारत की ओर से अफ्रीकी देश कांगो में भेजे गए दल की कमान सौंपी गई थी।
2016 में उन्होंने भारतीय सेना के इतिहास में तब एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की जब उन्हें पहली महिला अधिकारी के रूप में भारतीय दल का नेतृत्व करने के लिए आसियान प्लस देशों की मल्टी नेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज फोर्स 18 में भाग लेने वालीं 18 देशों की एकमात्र महिला कमांडर रहीं।
पति-पत्नी दोनों देश की सेवा के लिए समर्पित
वे शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत 1999 में सेना में शामिल हुईं। सेना के परिवार से ताल्लुक रखने वालीं कर्नल सोफिया के दादा भी सेना में थे और पति भी इन्फेंट्री में आर्मी ऑफिसर हैं। पति -पत्नी दोनों देश की सेवा के लिए समर्पित हैं। 2016 में उन्होंने भारतीय सेना के इतिहास में तब एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की जब उन्हें पहली महिला अधिकारी के रूप में भारतीय दल का नेतृत्व करने के लिए आसियान प्लस देशों की मल्टी नेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज फोर्स 18 में भाग लेने वालीं 18 देशों की एकमात्र महिला कमांडर रहीं।
एमएसयू के लिए ऐतिहासिक क्षण
वडोदरा स्थित एमएसयू ने अपनी विशिष्ट पूर्व छात्रा कर्नल सोफिया कुरैशी के उत्कृष्ट नेतृत्व को गर्व के साथ ऐतिहासिक क्षण बताया। कुलपति प्रो. धनेश पटेल के मुताबिक आज एमएसयू के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है। इसी विवि से ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन करने वालीं यह महिला अधिकारी साहस, अनुशासन की प्रतीक हैं। इस साल की शुरुआत में जनवरी 2025 में उन्होंने विवि के बायोकेमिस्ट्री विभाग का दौरा किया, जहां उनका संकाय और पूर्व शिक्षकों ने स्वागत किया। उनकी यात्रा विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण थी।
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