कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को पुष्टि की कि गृह मंत्री जी परमेश्वर की संस्था और सोना तस्करी मामले में मुख्य आरोपी अभिनेत्री रान्या राव के बीच वित्तीय लेन-देन हुआ था। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राव को दिया गया शादी का तोहफा था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोना तस्करी मामले और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में बुधवार और गुरुवार को परमेश्वर से जुड़ी कर्नाटक की संस्थाओं पर छापेमारी की।
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पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि एक शादी थी। लोगों को उपहार के तौर पर हम कभी-कभी 10,000, 5 या 10 लाख रुपए देते हैं। उसने जो भी किया है, वह गलत है और कानून अपना काम करेगा। मैंने अभी परमेश्वर से बात की है, और यह एक उपहार था। परमेश्वर से जुड़े संस्थानों पर ईडी की छापेमारी गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। बुधवार को जांच एजेंसी ने श्रीसिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर तुमकुरु पर छापा मारा, जहां परमेश्वर को चेयरमैन के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है। गृह मंत्री का बचाव करते हुए डीके शिवकुमार ने पहले कहा कि परमेश्वर ने कई धर्मार्थ पहल की हैं और कोई भी कांग्रेस नेता किसी भी गलत काम का समर्थन नहीं करेगा। वह कई ट्रस्ट और संस्थाएँ चलाते हैं। ये कोई व्यक्तिगत संस्थाएँ नहीं हैं। हम सार्वजनिक जीवन में हैं और देश के कानून में विश्वास करते हैं। सोनिया गांधी के मामले में भी हमने अन्याय देखा। ज़रूरत पड़ने पर हम पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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शिवकुमार ने कहा, रान्या राव ने जो कुछ भी किया है, वह गलत है और कानून अपना काम करेगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित और जातिवादी बताया। परमेश्वर एक प्रमुख दलित नेता हैं। उन्होंने राजनीतिक प्रतिशोध के कारण उन पर छापा मारा है। क्या बीएस येदियुरप्पा, बीवाई विजयेंद्र, एचडी कुमारस्वामी बहुत ईमानदार हैं? उनके खिलाफ छापेमारी क्यों नहीं की जा रही है?
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