बांका के अमरपुर प्रखंड के गौरीपुर गांव में डायरिया के प्रकोप से मंगलवार को एक तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस घटना में 16 अन्य ग्रामीण भी बीमार पड़ गए हैं। सभी प्रभावितों को अमरपुर रेफरल अस्पताल और निजी क्लीनिकों में भर्ती कराया गया है। फिलहाल मौत और बीमारी का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य टीम जांच कर रही है। ग्रामीणों के अनुसार, सोमवार रात खाना खाने और चापाकल का पानी पीने के बाद उन्हें अचानक उल्टी-दस्त की शिकायतें होने लगीं। एक साथ इतने लोगों के बीमार पड़ने से गांव में हड़कंप मच गया। मृत बच्ची की पहचान भोजल मंडल की 3 वर्षीय बेटी चांदनी कुमारी के रूप में हुई है। गांव के 16 लोग बीमार भोजल मंडल के बेटे छोटू कुमार (22),बेटी सोनी कुमारी (5)और पायल कुमारी भी बीमार हुए हैं। अन्य प्रभावितों में बट्टन मंडल की बेटी करिश्मा कुमारी,करीना कुमारी (13),बेटा विवेक कुमार (7); मिल्टन मंडल के बेटा मिथिलेश कुमार (9) और बेटी आशु कुमारी (12); मुकेश मंडल के बेटा देवो कुमार (10) और सच्चो कुमार (21);जंगल मंडल (50); शंकर मंडल की पत्नी अनिता देवी, बेटे शिवम कुमार (7) और गौरव मंडल (5); भौरो मंडल की पत्नी पारो देवी (50) तथा गुलो देवी (60) आदि शामिल हैं। अस्पताल में एक साथ बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने से कुछ समय के लिए अफरातफरी की स्थिति बन गई थी। हालांकि,अब सभी मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है। चावल और आलू की सब्जी खाकर हुए बीमार मृत बच्ची के पिता भोजल मंडल और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात सभी ने चावल और आलू की सब्जी खाई थी।इसके बाद देर रात और मंगलवार को भी अचानक उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हो गई। कई प्रभावित लोग इलाज के लिए इंग्लिशमोड़ चौक और कैथाटीकर स्थित निजी चिकित्सकों के पास पहुंचे। इलाज के दौरान एक निजी क्लिनिक में तीन वर्षीय चांदनी कुमारी की मौत हो गई। दवाओं के साथ गांव पहुंची मेडिकल टीम घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन तुरंत अलर्ट हो गया। रेफरल अस्पताल से डॉ.सूरज शर्मा,अस्पताल प्रबंधक ऋषि कुमार और स्वास्थ्य प्रबंधक यशराज की एक टीम मेडिकल उपकरणों और दवाओं के साथ गांव पहुंची। टीम ने गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाया,ओआरएस और अन्य दवाओं का वितरण किया।साथ ही,निजी क्लीनिकों में भर्ती मरीजों को एम्बुलेंस के माध्यम से रेफरल अस्पताल भेजा गया। शिविर लगाकर मरीजों की जांच अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नमूना जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के बाद ही बीमारी के सटीक कारणों की पुष्टि हो सकेगी। ग्रामीण दुखन मंडल ने बताया कि बारिश के समय गांव के चापाकल के पानी का रंग बदल जाता है। हाल में चक्रवर्ती तूफान के करण कई दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई थी। उनका कहना है कि लगता है चापाकल का दूषित पानी पीने से ही यह घटना हुई है, क्योंकि सभी घरों में अलग-अलग खाना बना था। बांका के अमरपुर प्रखंड के गौरीपुर गांव में डायरिया के प्रकोप से मंगलवार को एक तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस घटना में 16 अन्य ग्रामीण भी बीमार पड़ गए हैं। सभी प्रभावितों को अमरपुर रेफरल अस्पताल और निजी क्लीनिकों में भर्ती कराया गया है। फिलहाल मौत और बीमारी का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। स्वास्थ्य टीम जांच कर रही है। ग्रामीणों के अनुसार, सोमवार रात खाना खाने और चापाकल का पानी पीने के बाद उन्हें अचानक उल्टी-दस्त की शिकायतें होने लगीं। एक साथ इतने लोगों के बीमार पड़ने से गांव में हड़कंप मच गया। मृत बच्ची की पहचान भोजल मंडल की 3 वर्षीय बेटी चांदनी कुमारी के रूप में हुई है। गांव के 16 लोग बीमार भोजल मंडल के बेटे छोटू कुमार (22),बेटी सोनी कुमारी (5)और पायल कुमारी भी बीमार हुए हैं। अन्य प्रभावितों में बट्टन मंडल की बेटी करिश्मा कुमारी,करीना कुमारी (13),बेटा विवेक कुमार (7); मिल्टन मंडल के बेटा मिथिलेश कुमार (9) और बेटी आशु कुमारी (12); मुकेश मंडल के बेटा देवो कुमार (10) और सच्चो कुमार (21);जंगल मंडल (50); शंकर मंडल की पत्नी अनिता देवी, बेटे शिवम कुमार (7) और गौरव मंडल (5); भौरो मंडल की पत्नी पारो देवी (50) तथा गुलो देवी (60) आदि शामिल हैं। अस्पताल में एक साथ बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने से कुछ समय के लिए अफरातफरी की स्थिति बन गई थी। हालांकि,अब सभी मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है। चावल और आलू की सब्जी खाकर हुए बीमार मृत बच्ची के पिता भोजल मंडल और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात सभी ने चावल और आलू की सब्जी खाई थी।इसके बाद देर रात और मंगलवार को भी अचानक उल्टी-दस्त की समस्या शुरू हो गई। कई प्रभावित लोग इलाज के लिए इंग्लिशमोड़ चौक और कैथाटीकर स्थित निजी चिकित्सकों के पास पहुंचे। इलाज के दौरान एक निजी क्लिनिक में तीन वर्षीय चांदनी कुमारी की मौत हो गई। दवाओं के साथ गांव पहुंची मेडिकल टीम घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन तुरंत अलर्ट हो गया। रेफरल अस्पताल से डॉ.सूरज शर्मा,अस्पताल प्रबंधक ऋषि कुमार और स्वास्थ्य प्रबंधक यशराज की एक टीम मेडिकल उपकरणों और दवाओं के साथ गांव पहुंची। टीम ने गांव में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाया,ओआरएस और अन्य दवाओं का वितरण किया।साथ ही,निजी क्लीनिकों में भर्ती मरीजों को एम्बुलेंस के माध्यम से रेफरल अस्पताल भेजा गया। शिविर लगाकर मरीजों की जांच अस्पताल प्रबंधक ने बताया कि गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाकर मरीजों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नमूना जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच रिपोर्ट के बाद ही बीमारी के सटीक कारणों की पुष्टि हो सकेगी। ग्रामीण दुखन मंडल ने बताया कि बारिश के समय गांव के चापाकल के पानी का रंग बदल जाता है। हाल में चक्रवर्ती तूफान के करण कई दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई थी। उनका कहना है कि लगता है चापाकल का दूषित पानी पीने से ही यह घटना हुई है, क्योंकि सभी घरों में अलग-अलग खाना बना था।


