गिरोह के तार नेपाल और बंगाल से जुड़े, पुलिस टीम कर रही छापेमारी

भास्कर न्यूज | किशनगंज फर्जी आधार कार्ड बनाने मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी के निर्देश पर टीम का गठन किया गया है। टीम वैज्ञानिक अनुसंधान और सूचनाओं के आधार पर आरोपियों का पता लगाने में जुट गई है। लेकिन आरोपियों के नेपाल में छिपे होने के कारण पुलिस को कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी है। शुक्रवार दोपहर जियापोखर थाना क्षेत्र के गिल्हाबाड़ी गांव निवासी असराफुल के घर छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों की जांच के लिए पुलिस टीम जल्द बंगाल जाएगी। फरार आरोपियों के नेपाल में छिपे होने व बंगाल के कागजात और वाहन बरामद होने से गिरोह के तार नेपाल और बंगाल से जुड़ने के संकेत हैं। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार असराफुल ने खुलासा किया था कि बंगाल के उत्तर दिनाजपुर और मालदा से आए लोग फर्जी आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं। आधार कार्ड बनाने का आईडी और पासवर्ड इसराइल और पंकज जानता था। हालांकि घटनास्थल से पुलिस के द्वारा बरामद लैपटॉप के लॉक के खुलने के बाद पुलिस को अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। पुलिस फिलहाल फरार आरोपी जमाल और पंकज के साथ साथ वाहन मालिक की तलाश कर रही है। एसपी सागर कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। इसके लिए सुरक्षा ऐजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। जल्द नेटवर्क का खुलासा कर दिया जाएगा। रानीडांगा सेक्टर हेडक्वार्टर के डीआईजी एके सिंह ने बताया कि नेपाल सीमा पर जवान पूरी मुस्तैदी से निगरानी कर रहे हैं। सीमा पार करने वालों की पहचान पत्र की सघन जांच की जा रही है। राष्ट्र विरोधी ताकतें रच रही है साजिश भारत विरोधी ताकतें लगातार सीमा पार से चिकन नेक के इलाकों में अवैध घुसपैठ की साजिश रच रही हैं। घुसपैठ की कोशिश करनेवालों में अधिकांश बांग्लादेशी नागरिक हैं। दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद अशरफ का पहला पहचान पत्र किशनगंज में ही बना था। इसके बाद से सीमावर्ती इलाकों में तैनात एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसके अलावा 1 नवंबर 2022 को भारत-नेपाल सीमा के गलगलिया से पाकिस्तानी महिला फरीदा मलिक को गिरफ्तार किया गया था। वह सना खान बनकर दो साल से भारत में रह रही थी। उसके पास नोएडा फिल्म इंडस्ट्री का एक परिचय पत्र भी मिला था। वह नेपाल जाने की कोशिश कर रही थी, तभी एसएसबी जवानों ने उसे पकड़ लिया। भास्कर न्यूज | किशनगंज फर्जी आधार कार्ड बनाने मामले में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी के निर्देश पर टीम का गठन किया गया है। टीम वैज्ञानिक अनुसंधान और सूचनाओं के आधार पर आरोपियों का पता लगाने में जुट गई है। लेकिन आरोपियों के नेपाल में छिपे होने के कारण पुलिस को कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी है। शुक्रवार दोपहर जियापोखर थाना क्षेत्र के गिल्हाबाड़ी गांव निवासी असराफुल के घर छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों की जांच के लिए पुलिस टीम जल्द बंगाल जाएगी। फरार आरोपियों के नेपाल में छिपे होने व बंगाल के कागजात और वाहन बरामद होने से गिरोह के तार नेपाल और बंगाल से जुड़ने के संकेत हैं। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार असराफुल ने खुलासा किया था कि बंगाल के उत्तर दिनाजपुर और मालदा से आए लोग फर्जी आधार कार्ड बनाने का काम करते हैं। आधार कार्ड बनाने का आईडी और पासवर्ड इसराइल और पंकज जानता था। हालांकि घटनास्थल से पुलिस के द्वारा बरामद लैपटॉप के लॉक के खुलने के बाद पुलिस को अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। पुलिस फिलहाल फरार आरोपी जमाल और पंकज के साथ साथ वाहन मालिक की तलाश कर रही है। एसपी सागर कुमार ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया है। इसके लिए सुरक्षा ऐजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। जल्द नेटवर्क का खुलासा कर दिया जाएगा। रानीडांगा सेक्टर हेडक्वार्टर के डीआईजी एके सिंह ने बताया कि नेपाल सीमा पर जवान पूरी मुस्तैदी से निगरानी कर रहे हैं। सीमा पार करने वालों की पहचान पत्र की सघन जांच की जा रही है। राष्ट्र विरोधी ताकतें रच रही है साजिश भारत विरोधी ताकतें लगातार सीमा पार से चिकन नेक के इलाकों में अवैध घुसपैठ की साजिश रच रही हैं। घुसपैठ की कोशिश करनेवालों में अधिकांश बांग्लादेशी नागरिक हैं। दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद अशरफ का पहला पहचान पत्र किशनगंज में ही बना था। इसके बाद से सीमावर्ती इलाकों में तैनात एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इसके अलावा 1 नवंबर 2022 को भारत-नेपाल सीमा के गलगलिया से पाकिस्तानी महिला फरीदा मलिक को गिरफ्तार किया गया था। वह सना खान बनकर दो साल से भारत में रह रही थी। उसके पास नोएडा फिल्म इंडस्ट्री का एक परिचय पत्र भी मिला था। वह नेपाल जाने की कोशिश कर रही थी, तभी एसएसबी जवानों ने उसे पकड़ लिया।  

No tags for this post.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *